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  1. बिज़नेस मॅनेजमेंट और अंतर्ज्ञान

    क्या आप जानते हैं कि आजादी से पहले, भारत में उद्यमशीलता की गतिविधि मारवाड़ी और बनियों जैसे विशेष पारंपरिक व्यापारिक समुदायों तक ही सीमित थी? जिन कारकों ने इन उद्यमियों को अपना व्यवसाय चलाने में सक्षम बनाया उनमें अंतर्ज्ञान और अवसरों का उपयोग करने की क्षमत ...
  2. अहंकार क्या है? | ego meaning in hindi | what is ego in hindi | अहंकार के प्रकार

    अपने आप को इस समष्टि से अलग मानना ही अहंकार है। "मैं सबसे अच्छा हूं" या "सबसे बुरा हूं", दोनों ही अहंकार हैं। और, अहंकार को तोड़ने की चेष्टा ना करो। ऐसा लगता है, अहंकार है मुझमें तो उसको रहने दो; बोलो, अच्छा ठीक है, तुम रह जाओ। अपनी जे ...
  3. मन सदा आनंद के पीछे क्यों भागता है

    जो मन सदा ही आनंद के पीछे भागता रहता है, वो कभी केंद्रित नहीं हो सकता। जब आप केंद्रित रहते हैं, तो सभी प्रकार के आनंद स्वतः ही आपके पास आ जाते हैं, किंतु अब वे तुम्हें आकर्षित नहीं करते क्योंकि तुम स्वयं ही आकर्षण का स्त्रोत हो।  जो मन आनंद को खोजता रहता ...
  4. अपमान से कैसे निपटें?

    यह जान लो कि अपमान (अथवा अनादर) आपको कमजोर नहीं बनाता, बल्कि यह तो आपको बल देता है। जब आपमें अपनेपन की भावना होती है तो आप शर्मिंदगी महसूस नहीं करते। आप जितने अहंकार से जितने अधिक भरे हैं, उतना ही आप अधिक अपमानित महसूस करोगे। पर जब आप बालसुलभ होते हो तथा ...
  5. अहंकार क्या है और इसको कैसे नियंत्रित करें

    अहंकार कब होता है?  जब तुम पर ध्यान नहीं दिया जाता। जब तुम्हारे ऊपर कम ध्यान दिया जा रहा हो। जब तुम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हो। अहंकार से भारीपन, असहजता, भय तथा चिंता पैदा होती है। अहंकार प्रेम को स्वच्छंद हो कर बहने नहीं देता। अहंकार का मतलब है अलगाव, ...
  6. बुरे विचारों को अपने मन से कैसे निकालें

    हम सब के जीवन में कभी न कभी  बुरा समय आता ही है। अवसाद, निराशा, आक्रामक्ता, क्रोध और मोह-भंग । गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ऐसी भयावय स्थितियों से उबरने के उपाय बता रहे हैं।  1. उदासीनता की स्थिति से कम तनाव की अवस्था में कैसे जाएँ समाज में लोगों में आक् ...
  7. तनाव तथा उसके दुष्परिणामों से कैसे निपटें- प्रायःपूछे जाने वाले सवाल

    वर्तमान युग में तनाव एक अपरिहार्य साथी है। इससे गम्भीर बीमारियाँ हो सकती हैं और आपकी मानसिक शांति छिन सकती है। इसलिए इसको प्रारम्भिक अवस्था में ही रोकना हितकर होगा, है न? गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने हमें तनाव व उसके दुष्परिणामों द्वारा परेशान किए जान ...
  8. चिंता मुक्त कैसे हों?

    सर्वप्रथम यह स्वीकार करो कि तुम सदा चिंता करते रहते हो। पीछे मुड़ कर देखो, और गौर करो कि गत माह भी तुम चिंता कर रहे थे, फिर भी तुम्हारा अस्तित्व बना हुआ है। तुमने पिछला वर्ष भी चिंता करते करते निकाल दिया फिर भी तुम अभी यहाँ बैठे हो- एक दम सही सलामत। अतः अ ...
  9. संशय क्या है?

    संशय एक दुर्गम व अपरिभाषित क्षेत्र है। स्लेटी रंग मतलब न तो वह सफ़ेद है और न ही काला । ऐसे में, किसी संशय का निवारण कैसे करें?  संशय को काला अथवा सफ़ेद, कोई एक, मान लो।  यदि आप अपने संशय को सफ़ेद मान लेते  हो तो फिर कोई संदेह है ही नहीं। ऐसे ही यदि संशय क ...
  10. माँ और पत्नी में से किसकी बात मानने में समझदारी है?

    प्रश्न: गुरुजी, शास्त्रों के अनुसार माँ को सर्वश्रेष्ठ कहा गया है, और वह है भी। और तभी अर्धांगिनी कहा गया है। लेकिन दोनों की रीति रिवाजों से हमेशा बनती नहीं है। मैं माँ से कुछ कहूँ तो पत्नी गलत समझती है। और पत्नी से कुछ कहूँ तो माँ गलत समझ लेती है। अब तो ...