ध्यान (meditation)

बच्चों को ध्यान की आवश्यकता के 5 कारणों को जानिए

इस बार आपके बच्चों के लिये कुछ ऐसा उपहार है जो उन्हें खुश और स्वस्थ रखने में तथा जीवन सफल बनाने में मदद करेगा। इसके बारे में जरा सोचिये। आपने अपने बच्चों को कितनी बार कहा होगा कि वे अध्ययन न करें और इसके बजाय टीवी देखें? शायद बहुत बार नहीं, है ना? क्यों, क्योंकि आप स्पष्ट रूप से उनके लिए वही चाहते हैं जो सर्वोत्तम है और आप के अलावा क्या किसी अन्य को पता होगा कि आपके बच्चे के लिए सबसे उत्तम क्या है?

आप उन्हें हमेशा हर चीज़में जो सबसे उत्तम है वही देना चाहते हैं, चाहे वह कपड़े हों, शिक्षा हो या आहार। आप उन्हें उनके जन्मदिन पर सबसे अच्छा उपहार देते हैंl और आप जो कुछ भी करते हैं वह उन्हें खुश और स्वस्थ रखने के लिए और जीवन में सफल बनाने के लिए करते हैं।

और अब उन्हें उनके जीवन का सबसे अच्छा उपहार देने का समय है - कुछ ऐसा उपहार जिसका आनंद वे आजीवन लेते रहेंगे और आपके आभारी रहेंगें, क्योंकि इससे उनकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी। एक सरल लेकिन बहुत प्रभावी तकनीक, जिसे ध्यान कह्ते है - सबसे मूल्यवान कौशलों में से एक है जो हम अपने बच्चों को सिखा सकते हैं।

क्या आप जानते हैं कि ध्यान के नियमित अभ्यास से हमारे बच्चों के भावनात्मक, मानसिक और बौद्धिक विकास पर कई फायदेमंद प्रभाव पड़ते हैं? हां, यह बच्चों को अपने आपको एक सुर में लाने में मदद करता है, वह बेहतर नींद लेते हैं और बेहतर सामाजिक संपर्क विकसित करते है। अब यही स्वप्न आपने माता-पिता के रूप में हमेशा से अपने बच्चों के लिये देखा होगा और यही आप अपने बच्चे के लिए चाहते हैं , है ना?

तो इंतज़ार क्यों करें? आइए, पांच महत्वपूर्ण कारणों पर गौर करें कि क्यों आपके बच्चों को ध्यान करना चाहिए और उनकी रोजमर्रा की ज़िंदगी में जितनी जल्दी हो सके इस आसान अभ्यास को शुरू करना चाहिए!

  1. बंदर की तरह चंचल मन पर लगाम लगाने के लिए 
  2. यौवन की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए 
  3. शैक्षिक सफलता पाने के लिए तनाव रहित करना 
  4. स्वस्थ भावनात्मक विकास का समर्थन करने के लिए 
  5. अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए 

Children Meditates

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बंदर की तरह चंचल मन पर लगाम लगाने के लिए

 

मन की प्रकृति है, जब वह तनाव में होता है, तो एक बंदर की तरह एक विचार से दूसरे विचार पर कूदता रहता है । यदि तनाव है, तो मन शांत नहीं हो सकता।

क्या आपने देखा है कि आपके बच्चों का यंत्रों और तकनीक के प्रति इतना खिंचाव है जितना हमें अपनी युवावस्था में कभी नहीं था । और पहले की तुलना में उनके पास अब तत्काल सोचने व प्रतिक्रिया करने की चुनौती है। उनके पास मेगाबाइट्स में जानकारी लेने की क्षमता है,वे गति और कल्पना के खेल खेलते हैं, सर्फ और ट्वीट करते हैं, और निरंतर ऑनलाइन संचार पर प्रतिक्रिया देते हैं!

इन क्षमताओं के अलावा, आप यह भी चाहते हैं कि आपके बच्चे की पूरी तरह से एक बात पर ध्यान देने की क्षमता हो और उनमें अपनी पढ़ाई के साथ चिपके रहने की काबलियत हो। आप चाहते हैं कि वे जटिल समस्याओं को हल करने में सक्षम हों और परियोजनाओं को पूर्ण अंजाम दें।

हम उन्हें ध्यान केंद्रित कैसे करना है यह सिखाने के लिए क्या कर सकते हैं?

इसका उत्तर है "ध्यान" । जब आपके बच्चे का मन तनाव और तनाव की चाह से मुक्त हो जाता है तो आपके बच्चे से सर्वोत्तम सृजनशीलता प्रवाहित होगी। ध्यान उनके ;बंदर जैसे चंचल मन को गुणकारी आराम देता है ताकि वे अधिक प्रभावी ढंग से और स्पष्टता के साथ कार्य कर सकें।

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यौवन की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए

 

यदि आपका बच्चा किशोरावस्था में है, तो शायद आपने देखा होगा कि इनकी भावनाएं तेज़ हैं और वे आस-पास के समाज से आसानी से प्रभावित हो जाते हैं।

ध्यान किशोरों को अंदरूनी स्थिरता और सुरक्षा की महान भावना का मार्ग प्रदान करता है। यह उन्हें आंतरिक ज्ञान के लिये अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, उनके शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के माध्यम से उन्हें केंद्रित और मजबूत बनाने में मदद करता है।

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शैक्षिक सफलता पाने के लिए तनाव रहित करना

 

क्या आपने देखा है कि जब आप कुछ करने में पूरी तरह से निमग्न होते हैं, जैसे कि एक बच्चे के साथ खेलने में या एक सुंदरसा सूर्यास्त देखने में, तब मन चिंतित , नाराज़ या व्यकुल नहीं होता है? जब मन शांत होता है, शरीर शांत हो जाता है और इस तरह से, शरीर मन का अनुसरण करता है। यदि मन तनाव से मुक्त है, तो यह परीक्षा में प्रदर्शन के समय अपने चरम स्तर पर कार्य करेगा और शरीर स्वस्थ होगा । क्या यह वह नहीं है जो आप अपने बच्चे के लिए चाहते हैं?

आपने कितने बच्चों को पढ़ाई के नाम पर त्योरियॉ चढ़ाते या तनावग्रस्त होते देखा है? उनके कंधे झुके हुए और कसे हुए जाते हैं, नेत्रदृष्टि विकृत हो जाती हैं ,पाचन और अन्य स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याऐं विकसित होना शुरू हो जाती हैं। आदर्श रूप से, हम सभी आशा करते हैं कि हमारे बच्चों के जीवन में प्रगति करनेकी , जटिल समस्याओं को हल करने की और रचनात्मक रूप से सोचने की क्षमता हो।

ध्यान हमारे बच्चों को तनाव के नकारात्मक प्रभाव से स्वतंत्रता प्रदान करता है और मन को तरोताजा और प्रेरित करता है। यह उन्हें सोचने का एक विशाल और सुगम तरीका प्रदान करता है जो कि रचनात्मकता और स्पष्टता लाने में मदद कर सकता है।

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स्वस्थ भावनात्मक विकास का समर्थन करने के लिए

 

क्या आपके बच्चे को हताशा और भय जैसी कड़ी भावनाओं का सामना करना पड़ रहा है? बच्चों का उनके विकास के चरणों के दौरान नखरे करना और आंसू बहाना यह आम बात है। हम चाहते हैं कि वे इन चरणों को बिना परेशानी के आसानी से पार कर जाऐं।

बच्चे अक्सर निराश या चिड़चिड़ा महसूस करते हैं जब उन्हें अपना रास्ता नहीं मिलता और परिस्थिती मुश्किल हो जाती हैं क्योंकि उनके पास धैर्य के गुण नहीं हैं। एक नन्हा बच्चा खिलौने के लिए चिल्लाएगा और रोयेगा, जबकि स्कूल जाने वाला बच्चा विरोध करेगा यदि उसे कुछ ऐसा करने को कहा जाए जो उसे पसंद नहीं है।

प्रौद्योगिकी ने तत्काल समाधान की आशा में वृद्धि की है जो बच्चों में अधीरता बढ़ा सकती है। डर पर काबू पाना बच्चों के लिए एक और चुनौती है क्योंकि वे इस तेज-गति दुनिया में बड़े हो रहे हैं। भय, जैसे कि उन्हें स्वीकार नहीं किया जा रहा है और दोस्त नहीं हैं। साथ-साथ मृत्यु का मूल भय और अपने प्रियजनों को खोने का डर यह सभी बच्चों को परेशान कर सकते हैं। स्वस्थ विकास के लिए भावनात्मक स्थिरता आवश्यक है। भविष्य के इन महान नेताओं में साहस और भावनात्मक शक्ति होनी चाहिए।

ध्यान बच्चों को अपनी प्राकृतिक लय में लौटाता है और उन्हें हताशा और डर की भावनाओं से सामना करने में मदद करता है। यह भावनात्मक विकास का समर्थन करके पूरे तंत्र को संतुलित करने में मदद करता है और दिमाग को आराम देता है ताकि वे अपनी मजबूत भावनाओं से अभिभूत न हों।

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अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए

 

ध्यान के माध्यम से, आपके बच्चे यह जान सकते हैं कि उनके जीवन में इतनी अधिक संभावनाएं हैं, कि उनके जीवन में तनाव एक बिलकुल छोटी ,अल्पकालिक समस्या हैं और वे अपने सपनों के परे जाकर सफल हो सकते हैं।

आप, जो आज के बच्चे हो, भविष्य के नेता बनोगे। इसलिए अपने ध्येय पर केंद्रित रहना, सक्षम होना और इसके साथ एक अच्छे चिंतक होना ये सभी गुण आपमें विद्यमान होने की आवश्यकता है। हम उन्हें समर्थन देने के लिए एक बहुत अच्छी बात कर सकते हैं। हम उन्हें ध्यान का अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे वे अपने भीतर की अप्रयुक्त क्षमता तक पहुंच सकें।

 

श्री श्री रवि शंकर की ज्ञान वार्ता से प्रेरित जेनीट स्कॉट द्वारा

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