योग के बारे में (yoga)

थाइरोइड का योग द्वारा उपचार (Yoga for Thyroid in Hindi)

१० वर्ष पहले, मुझे थाइरोइड की जानकारी केवल विद्यालय की पुस्तकों से मिली थी। मेरे लिए यह केवल एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति थी जो केवल बाहर की दुनिया के लोगों को हो सकती थी l ७ साल पूर्व एक दिन अचानक थाइरोइड का रोग मुझे भी हो गया l तब मुझे यह अहसास हुआ कि थाइरोइड विकार किसी को भी हो सकता है - मुझे भी! आरम्भ में मैं थोड़ी डरी हुई थी, तब तक जब तक की मुझे योग एवं आयुर्वेद के द्वारा सुरक्षित उपचार के बारे में पता नहीं चला थाl अब तो मैं इसके बारे में ज़्यादा विचार भी नहीं करती हूँ। जीवन उतना ही सामान्य है जितना कि हमेशा था और योग के दैनिक अभ्यास से और बेहतर हो गया है; एवं योग उसके लक्षणों से संघर्ष करने में भी मदद करता है।"--निखिला सिंह, २००६ से ह्य्पोथीरोइड से ग्रसित।

आजकल गलग्रंथि (थाइरोइड) विकार का होना जनजीवन में उच्चरक्तचाप एवं मधुमेह की तरह बहुत आम पाया जाने लगा है। अमेरिकन थाइरोइड एसोसिएशन (ऐ टी ऐ) के अनुसार, अमेरिका में लगभग २० मिलियन लोग किसी न किसी थाइरोइड विकार से ग्रसित हैं जिस में से ६०% लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं होती हैl यह स्थिति पुरुषों के मुकाबले अधिकतर महिलाओं में पाई जाती है। इसके कारणों में से प्रमुख कारण हमारी तनावग्रस्त जीवनशैली है।

हालाँकि बढ़ती संख्या के बावजूद, आजकल थाइरोइड पीड़ितों के लिए कई प्रकार के उपचार उपलब्ध हैंl निसंदेह किसी भी उपचार में समय लगता हैl लेकिन हर्ष की बात यह है कि योगाभ्यास एवं ध्यान से थाइरोइड के उपचार में प्राकृतिक रूप से मदद मिलती हैl अपने नियमित उपचार में कुछ मिनट योगाभ्यास को भी शामिल करें जो आपके जीवन को तनावमुक्त बनाने में सहायता करता है एवं आपके दैनिक जीवन को सरल एवं आनंदमय बनाता है।

थाइरोइड विकार के २ प्रमुख रूप

  1. हाइपो थाइरोइड |Hypothyroidism
  2. हाइपर थाइरोइड | Hyperthyroidism

आप अपने अनुभव से यह जान सकते हैं की आपको कैसे रोग के लक्षण हैंl परंतु अपने चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें

अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !

 

हाइपो थाइरोइड के लक्षण | Symptoms of Hypothyroidism

  1. आपको दैनिक दिनचर्या में कुछ भी करने के प्रति उत्साह का अभाव लगता हो, हर काम में सुस्ती एवं नकारात्मक दृष्टिकोण हो।
  2. यद्यपि आप पहले की तरह ही अपने दैनिक कार्य करते हैं फिर भी आपको ज़्यादा थकान महसूस होती है।
  3. आप यह समझने में बिलकुल नाकाम रहते हैं कि आपको कब्ज़ की शिकायत क्यों हो रही है।
  4. आपके मित्र अचानक आपके बढ़ते हुए वज़न पर ध्यान देने लगते हैं और आप यह समझा नहीं पाते कि इसका क्या कारण है क्योंकि आपके भोजन की मात्रा भी नहीं बढ़ी है।
  5. शीशे में स्वयं को देखने पर आपको अपना चेहरा फूला हुआ दिखता है।
  6. आप यह देख कर परेशान हो जाते हैं कि आपके लम्बे घने बाल अचानक ही पतले हो रहे हैं और सारे घर में बालों के गुच्छे बिखरे दिखाई देते हैं।
  7. आपके मासिक धर्म चक्र अनियमित हो सकते हैं (इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं; अपने चिकित्स्क से जांच कराएं)
  8. आपके चेहरे पर अचानक बालों में वृद्धि होने लगती है, जिससे आप शर्म महसूस करते हैं।
  9. अपने गले में सूजन दिखाई देने लगती है। निश्चित ही चिकित्सक से मिलने का समय है।

योगाभ्यास थाइरोइड विकार के लक्षणों को कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं

थाइरोइड विकार के लिए योगाभ्यास शुरू करने से पहले, अपने चिकित्स्क से परामर्श आवश्य लें। योग लक्षणों से बेहतर सामना करने में मदद करते हैं परन्तु वे चिकित्सा का स्थान नहीं ले सकते हैं; हालाँकि कुछ मामलों में निरंतर समय तक योगाभ्यास से दवा की आवश्यकता में कमी आ सकती है।

ध्यान दें: ज़्यादातर योगासन हाइपो एवं हाइपर थाइरोइड दोनों के मरीज़ों के लिए अच्छे माने जाते हैं, फिर भी विशेष रूप से निम्नलिखित कुछ लाभदायक आसनों का प्रयोग करें। स्वयं को केवल इन्हीं आसनों तक सीमित न रखेंl अपनी अवस्था के अनुसार और आसनों के बारे में जानने के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग योग शिक्षक से संपर्क करें।

७ योग आसन हाइपो थाइरोइड के लिए| 7 Yoga Asanas for Hypothyroidism

  1. सर्वांगासन | Sarvangasana- यह आसन इस स्थिति में सर्वाधिक उपयोगी माना जाता है। इस आसन से पड़ने वाले दबाव थाइरोइड ग्रंथियों को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करता है और दिमाग में पाये जाने वाली ग्रंथियों को भी सही तरीके से कार्य करने में सहायता करता है, जैसे कि पीयूष (पिट्यूटरी) व शीर्ष (पीनियल) ग्रन्थियां जिनका प्रभाव थाइरोइड ग्रंथियों पर नियंत्रण पाने में होता है।अन्य उपयोगी आसान हैं।
  2. विपरीतकर्णी | Viparitakarani
  3. जनु शीर्षासन | Janu Shirasasana
  4. मत्स्यासन | Matsyasana
  5. हलासन | Halasana
  6. मर्जरीआसान | Marjariasana
  7. तेज़ गति से सूर्य नमस्कार करने से वज़न नियंत्रित किया जा सकता है।

इन आसनों के अतिरिक्त प्राणायाम अभ्यास (सांस लेने की तकनीक),जैसे कपाल भाती, नाड़ी शोधन,भस्त्रिका ऐवम उज्जयी श्वास (Ujjayi Breath) भी हाइपो थाइरोइड के लक्षणों को नियंत्रण में रखने की मदद करते हैं।

हाइपर थाइरोइड के लक्षण | Symptopms of Hyperthyroidism

  1. जब आप भोजन ज़रुरत से ज़्यादा या सामान्य से कम करते हैं। भूख में अचानक परिवर्तन। चाहे आप जितना भी ज़्यादा भोजन ग्रहण करें आप दुबले पतले बने रहते हैं (यदि आप वज़न बढ़ाने की कोशिश कर रहें हों)l
  2. रात को सोने में कठिनाई।
  3. आपको असामान्य रूप से पसीना आता हो।
  4. आप छोटी छोटी चीज़ों से तनाव, हड़बड़ाहट एवं जल्दबाज़ी में रहते हैं।

हाइपर थाइरोइड उपचार के लिए ५ योगासन | 5 Yoga Asanas for Hyperthyroidism:

  1. सेतुबंध | Setubandhasana
  2. मर्जरीआसान | Marjariasana
  3. शिशुआसन | Shishu asana
  4. शवासन | Shavasana
  5. मंत्र उच्चारण के साथ धीमी गति से किया गया सूर्य नमस्कार शांत एवं सुख प्रभावी होता है।

उज्जयी, ब्रह्मरी (बी ब्रेथ), नाड़ी शोधन एवंशीतलता प्रदान करने वाले प्राणायाम जैसे कि शीतली और शीतकारी हाइपर थाइरोइड के लक्षणों का मुकाबला करने में अत्यधिक सहायक होते हैं।

हाइपो एवं हाइपर थाइरोइड (hypo and hyperthyroidism), दोनों के लिए कुछ मिनट का नियमित ध्यान करना भी लाभदायक है। हाइपो थाइरोइड के मरीज़ अपनी इस हालत के कारण सुस्त हो जाते हैं, उन्हें शारीरिक रूप से सक्रीय रहने के लिए सचेत करने की आवश्यकता होगी। और यहाँ पर वास्तव में ध्यान ही आपकी इच्छा शक्ति को मज़बूत बनाने में मदद कर सकता है।

थाइरोइड विकार के लोगों के लिए भोजन सुझाव

  1. अपने भोजन में उच्च रेशे वाला भोजन सम्मिलित करें।
  2. भोजन में वसा एवं कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करें।
  3. ताज़े फल और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन करें, फूलगोभी, पत्तागोभी एवं ब्रोक्कोली का सेवन हाइपो थाइरोइड में कम से कम करें।
  4. मांसाहारी भोजन, दूध एवं दूध से बने पदार्थ (वसा रहित दूध की सलाह दी जाती है), चावल, मसालेदार भोजन, शोधित, फ़ास्ट फ़ूड (संरक्षत पदार्थ) से युक्त भोजन के उपयोग की मात्रा सीमित करें ।

आप पंचकोश एवं हरी ओम का ध्यान भी कर सकते हैं जो आप किसी श्री श्री योग (Sri Sri Yoga) शिक्षक द्वारा या आपके निकट आर्ट ऑफ़ लिविंग के पार्ट-२ कार्यक्रम में सीख सकते हैं।

क्योंकि थाइरोइड विकारों के अनेक कारणों में से तनाव को प्रमुख कारण माना जाता है, इस लिए ध्यान जो की मन को शांत और निश्चिंत रखता है एवं दैनिक तनाव को कम करता है, अति उपयोगी है| कुछ पलों के लिए 'ओम' का उच्चारण करना भी लाभदायक होता है।मन्त्र उच्चारण के बाद एक छोटी सी क्रिया का अभ्यास करें| अपना हाथ अपने थाइरोइड पर रखें और महसूस करें की वह ठीक हो रही है। मन्त्र उच्चारण की सकारात्मक ऊर्जा द्वारा अपने थाइरोइड को प्रोत्साहित करने का प्रयास करें।

योग निद्रा दोनों प्रकार के थाइरोइड में तनाव कम करने एवं शांत रखने में सहायक है। हाइपर थाइरोइड से पीड़ित लोगों को रात्रि में नींद आने में कठिनाई हो सकती हैl योग निद्रा उनके लिए दिन में एक स्फूर्तिदायक झपकी के रूप में सहायक होती है जिससे शरीर को ज़रूरी विश्राम मिल सकता हैl

क्या आप शारीरिक बीमारियों की वजह से संकोच महसूस करते हैं? क्या आपकी भावनाएं आपके व्यक्तिगत एवं कार्य जीवन को प्रभावित कर रही हैं? अपने जीवनशैली में कोई बड़ा बदलाव लाए बिना, प्राकृतिक रूप से योग द्वारा आप इस परेशानी से कैसे छुटकारा पा सकते हैं, यह जानने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म को भरेंl

योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर

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