योग के बारे में (yoga)

एंग्जायटी के लिए योग करने से लाइफ बनेगी और आसान | 9 yoga poses to overcome anxiety

चिंता एवं तनाव से राहत - योग पद्धति के द्वारा

क्या आप में चिंता-विकार के इन में से कोई लक्षण मौजूद हैं?

चिंतामुक्त होने के लिए योग कैसे आप की मदद कर सकता है?

टेंशन या एंग्जायटी से छुटकारा पाने के लिए अक्सर लोग अंग्रेजी दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन एंग्जायटी के लिए योग ऐसा उपाय है जिसके बाद आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता कम पड़ेगी। 

टेंशन दूर करने के लिए योग तो बहुत सारे लोग करते हैं, लेकिन आज भी बहुत कम लोग हैं जो योग और व्यायाम करना पसंद करते हैं। इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में एंग्जायटी जैसी बीमारी युवाओं में बहुत तेजी से फैल रही है। यह एक तरह की बैचैनी और टेंशन बढ़ानी वाली बीमारी है, जिससे पीड़ित लोग हमेशा किसी न किसी बात से परेशान रहते हैं।

एंग्जायटी के लिए योग का सहारा लिया जाए तो यह इस समस्या से आपको बहुत जल्दी निजात दिला सकता है। आज इस लेख में हम आपको एंग्जायटी को कैसे खत्म करें, इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

 क्या आप में एंग्जायटी के इन में से कोई लक्षण मौजूद हैं?

कई लोगों का यह प्रश्न होता है कि एंग्जायटी को खत्म कैसे करें? इसके लिए वे एलोपैथी की दवाईयां लेते हैं, जिनका साइडइफेक्ट भी हो सकता है। अगर आपको एंग्जायटी दूर करने के उपाय का विकल्प चाहिए तो आप होम्योपैथी या आयुर्वेद का सहारा भी ले सकते हैं। आप इन लक्षणों से एंग्जायटी की पहचान कर उपर्युक्त उपाय अपना सकते हैं। 

  1. आप असामान्य रूप से घबराहट, भय एवं बेचैनी महसूस करते हैं।
  2. किसी भी सदमे के बाद आपको उससे जुड़े हुए अनियंत्रित एवं आसक्त विचार आते रहते हैं।
  3. आप अक्सर बुरे सपनों की वजह से जाग जाते हैंl
  4. बार-बार हाथ धोने की प्रवृति होती है।
  5. आपको नींद न आने की समस्या रहती है।
  6. आपके हाथ-पैर असामान्य रूप से पसीने से तर होते हैं।
  7. आपकी दिल की धड़कन बार बार बढ़ जाती है।

अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !

 

 टेंशन दूर करने के योग आपकी कैसे मदद कर सकते हैं | Yoga exercises to get over anxiety

एंग्जायटी के लिए योग करने से आपको शांत और टेंशन मुक्त होने में मदद मिल सकती है। योगाभ्यास आदर्श रूप से योगासन, प्राणायाम (Pranayama), ध्यान, एवं प्राचीन योग विज्ञान का संपूर्ण समन्वय है और इन सभी से कई चिंता ग्रसित व्यक्तियों को पुनः स्वस्थ करने के साथ साथ जीवन को फिर से सकारात्मक रूप से जीने की क्षमता प्रदान की जा चुकी हैl

एक घटना से हम यह समझते हैं कि ओसीडी के लिए योग आसन से हमारा जीवन किस प्रकार बदल सकता है। 

सुषमा गोयल जी एक गृहणी है। उन्होंने बताया कि "मैं ज़िन्दगी की छोटो-छोटी चीज़ों से परेशान और तनावपूर्ण रहती थी। हर छोटी-बड़ी घटना मुझे चिंतित कर देती थी। मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि एंगाजयटी को दूर करने के लिए मुझे क्या करना चाहिए। एंग्जायटी से छुटकारा पाने के लिए मेरे पति ने चिकित्सक की सलाह लेने का निर्णय किया, जिसने बताया कि मैं सामान्य चिंता विकार (जनरलाइज़्ड एंगज़ाएटी डिसऑर्डर ) से ग्रसित हूँ। मैंने 6 महीने के इलाज के साथ नियमित रूप से एंग्जायटी के लिए योग व ध्यान किया।  अब मुझे ऐसा अहसास होता है कि योग से मुझे एक नया जीवन मिला हो। मेरी सोच बदल गई है और मुझे आंतरिक स्थिरता के एहसास के साथ यह विश्वास जागा कि जो भी होगा अच्छे के लिए होगा। अब मुझे भविष्य का सामना करने से डर नहीं लगता है। एंग्जायटी के लिए योग(Yoga) से मुझे एक नई शक्ति मिली है।"

सुषमा की तरह आप भी एंग्जायटी को दूर करने के लिए और सकारात्मक जीवन के लिए नियमित योग अभ्यास कर सकते हैं। नीचे देये गये टेंशन को दूर करने के योगाभ्यास से मन को स्थिर और शांत कर सकते हैं: 

  1. अपने शरीर को विभिन्न योगासनों में ढाल कर तनाव मुक्त रखें
  2. प्राणायाम द्वारा सही सांस लेने की विधि से तनावमुक्त हो जाएं
  3. शांतचित्त प्राप्त करने के लिए ध्यान करें
  4. योग विज्ञान को अपने जीवन में नियमित अभ्यास में लाकर प्रसन्न रहें और हर पल का आनंद लें
  5. प्रार्थना करें, श्रद्धा रखें और मुस्कुराते रहें
  6. विचार करें कि आप दूसरों के लिए क्या कर सकते हैं
  7. सृष्टि के अस्थाई स्वभाव को समझें
  8. एक ऐसी ही अतीत स्थिति याद करें जब आप चिंता से उभर पाए थे
  9. अपने आस पास सकारात्मक संगत रखें


ओसीडी की समस्या के लिए योग करना एक बेहतर उपाय हो सकता है। एंग्जायटी के लिए योग का निरंतर अभ्यास हमारे लिए बहुत लाभकारी है। योग करने से ना सिर्फ एंग्जायटी बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।


1: अपने शरीर को विभिन्न योगासनों में ढाल कर तनाव मुक्त रखें

एंग्जायटी दूर करने के योग की मदद से प्रसन्न एवं स्वस्थ शरीर व मन प्राप्त कर सकते हैं। योगासन तनाव एवं नकारात्मकता को हमारे शरीर से दूर करने में सहायता करते हैं।

निम्नलिखित योगासनों की मदद से प्रसन्न एवं स्वस्थ शरीर व मन प्राप्त करसकते हैं। योगासन तनाव एवं नकारात्मकता को हमारे शरीर से दूर करने में सहायता करते हैं

  1. धनुरासन
  2. मत्स्यासन
  3. जानु शीर्षासन
  4. सेतुबंधासन
  5. मर्जरीआसन
  6. पश्चिमोत्तानासन
  7. हस्तपादासन
  8. अधोमुख श्वानासन
  9. शीर्षासन
  10. शवासन

ध्यान दें: योगासनों के पश्चात कुछ क्षणों के लिए योगनिद्रा अवश्य करें जिससे आपके शरीर एवं मन को गहन विश्राम मिलता है। यह तकनीक शरीर को हानिकारक रसायनों से मुक्त करने में सहायता करता है जो कि तनाव का प्राथमिक कारण है।

ध्यान दें: टेंशन दूर करने के लिए योग के बाद कुछ देर तक योग निद्रा जरूर करनी चाहिए। इससे एंग्जायटी से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ ही मन को आराम भी मिलेगा और शरीर को हानिकारक रसायनों को मुक्त करने में भी सहायता मिलती है। 


2: प्राणायाम द्वारा सही सांस लेने की विधि से तनावमुक्त हो जाएं

श्वास पर अपना ध्यान केंद्रित करने से व्यर्थ के विचारों से मुक्ति मिलती है जो तनाव के मूल कारण होते हैं। निम्नलिखित श्वसन प्रक्रियाओं का अभ्यास करें, जो एंग्जायटी को दूर करने के बेहतरीन उपाय हैं:

  1. कपाल भाती प्राणायाम
  2. भस्त्रिका प्राणायाम
  3. नाड़ी शोधन प्राणायाम तनाव दूर करने का एक तरीका (इसमें बहार छोड़ी गई सांस, अन्तःश्वसन से लम्बी होती है)।
  4. भ्रामरी प्राणायाम

3: मन को शांत करने के लिए ध्यान करे

हम टेंशन और एंग्जायटी को कैसे खत्म करें इस बारे में किसी से बात नहीं करते हैं। विचलित मन को शांत करने के लिए ध्यान (Meditation) करना सबसे अच्छा योग है। इससे शांति की अनुभूति होती है; और निरंतर अभ्यास से भविष्य में होने वाली चिंताओं से दूर करने में भी हमारी मदद करता है। 

आपने 'अड्रेनलिन का बढ़ना' (अड्रेनलिन रश) शब्दों को कई बार सुना होगा। यह तब होता है जब हम किसी संभावित खतरे के बारे में अत्यधिक चिंता करते हैं। उदाहरण के तौर पर जब हम किसी रोमांचक झूले की सवारी करते हैं, तब हमारा एड्रेलिन हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे हमारी ह्रदय गति तेज़ हो जाती है, मांसपेशियां तन जाती हैं और शरीर से अत्यंत पसीना निकलने लगता है। ओसीडी के लिए योग आसन कर हम इस हार्मोन की मात्रा को कंट्रोल कर सकते हैं।


4: योग विज्ञान को अपने जीवन में नियमित अभ्यास में लाकर प्रसन्न रहें और हर पल का आनंद लें

दैनिक जीवन टेंशन दूर करने के योग के बारे में जानना और उन्हें प्रयोग में लेना हमारे जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बना सकता है। उदाहरण के लिए 'संतोष' सिद्धांत (नियम) जीवन में तृप्त रहने के महत्व का एहसास कराता है। 'अपरिग्रह' सिद्धांत लालच एवं आसक्ति भावना से होने वाली चिंता, व्याकुलता एवं तनाव से मुक्त करने में मदद करता है। 'शौच' सिद्धांत मानसिक एवं शारीरिक शुद्धि के बारे में बताता है। यह नियम विशेष रूप से आपकी तब सहायता करता है जब आपको संक्रामक रोगों से पीड़ित हो जाने के डर से व्याकुलता हो।

योग और पौष्टिक आहार लेने से आपको स्वस्थ जीवन शैली जीने में मदद करेंगे, जिससे आप काफी हद तक तनाव एवं व्याकुलता से उभर जाएँगेl योग विज्ञान को समझने के लिए आप श्री श्री रवि शंकर जी द्वारा 'पतंजलि योग सूत्र' पर दिए गये व्याख्यान पढ़ सकते हैं।


5: प्रार्थना करें, श्रद्धा रखें और मुस्कुराते रहे

चिंता मुक्त होने में प्रार्थना ही आश्वासन का सर्वश्रेष्ठ स्त्रोत है। नियमित रूप से प्रार्थना करना, मन्त्र उच्चारण, भजन करने जैसी आदतों को अपनाने से हम सकारात्मक ऊर्जा से भर जाते हैं और इनसे मन को स्थिर करने में मदद मिलती है। यह हमे एक गहन विश्वास से भर देते हैं की जो भी घटित हो रहा है वह हमारे अच्छे के लिए होता है और एक सर्वश्रेष्ठ ईश्वरीय शक्ति है जो हम सब का ध्यान रखती है। इसके अतिरिक्त ज़्यादा से ज़्यादा मुस्कुराने का सचेत प्रयत्न करें। वह स्वतः ही आप में आत्मविश्वास, शांति एवं सकारात्मकता भर देगी। इसका तुरंत ही प्रयोग कर के देखें।


6: विचार करें कि आप दूसरों के लिए क्या कर सकते हैं

जब हम 'मैं 'और 'मेरा' में उलझे रहते हैं तब यह स्वतः ही तनाव एवं व्याकुलता को आमंत्रण देता है। हम इस विचार से घिरे रहते हैं कि हमारा क्या होगा? हमें अपना ध्यान इस बात पर केंद्रित करना होगा कि हम दूसरों के सहायक कैसे बन सकते हैं। सेवा कार्य करते हुए अपने आपको अधिक ऊर्जावान बनाएँ जिससे आपको गहन संतुष्टि एवं अत्यधिक आनंद का अनुभव होगा।


7:सृष्टि के अस्थाई स्वभाव को समझें

जब हमें यह अहसास हो जाता है कि हमारे चारों ओर सब कुछ अस्थाई है और बदलता रहता है तब हमें आंतरिक शांति और स्थिरता का अहसास होता है। एक अहसास 'कि यह भी गुज़र जाएगा और हमेशा नहीं रहेगा' हमें व्याकुलता से मुक्त कर देता है। ध्यान हमें जीवन के इस मूल सिद्धांत को पहचानने में मदद करता है।


8: एक ऐसी ही अतीत स्थिति याद करें जब आप चिंता से उभर पाए थे

यह विचार आपको वर्तमान की इस स्थिति से भी उभरने का अत्यधिक साहस देगा। स्वयं को इस बात का स्मरण कराते रहें।


9: अपने आस पास सकारात्मक संगत रखें

जब आप ज़्यादातर अपना समय सकारात्मक विचार वाले व्यक्तियों के साथ बिताते हैं, तब आप भी इन विचारों से प्रेरित होते हैं, जिनकी झलक ज़िन्दगी के प्रति आपके नज़रिये में प्रदर्शित होती है। केवल एक सकारात्मक मन ही आनंद, शांति एवं निश्चिंत होने की रचना कर सकता है।

(डॉ सेजल शाह, श्री श्री योग (Sri Sri Yoga) शिक्षक द्वारा दी गई जानकारी पर प्रतिका नायर द्वारा लिखित)।

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