योग के बारे में (yoga)

ॐ क्या है? | What
is Om in Hindi

सूत्र 27: तस्य वाचकः प्रणवः

उस ईश्वरीय चैतन्य को ॐ कह कर पुकारते हैं। ॐ चैतन्य के निकटतम है जिसे उसे  पुकारने के लिए प्रयुक्त कर सकते हैं। जब तुम ॐ का नाद करते हो तब प्राण और चैतन्य पूर्ण होता है। 'आ' का स्पंदन शरीर के निचले हिस्से में, 'औ' का स्पंदन मध्यम शरीर में और 'म' का स्पंदन ऊपरी हिस्से में होता है। 

ॐ एक विशेष ध्वनि है जो चैतन्य की पूर्णता को पुकारने के लिए निकटतम है।  'अमीन' भी ॐ का ही विकृत रूप है। ॐ को किसी ना किसी रूप में सभी धर्मों में स्वीकार किया जाता है। बुद्ध, जैन, इस्लाम और ईसाई धर्मों में या तो ॐ अथवा कोई ऐसी ध्वनि जो ॐ के निकट है, उसे पवित्र माना गया है। ॐ उस चैतन्य के निकटतम है और बाकी सभी शब्द कहीं कहीं परिधि पर उसके आसपास है। 

जप क्या है?

सूत्र 28: तज्जपस्तदर्थभावनम्

यह भी एक महत्त्वपूर्ण सूत्र है। जप क्या है? ऐसी ध्वनि जो तुम्हे चेतना की उस अवस्था अथवा भाव को याद दिलाती है। जैसे तुम यदि 'आम' बोलते हो तो आम कहते ही तुम्हारे भीतर उसका आकार और भाव आता है और यदि तुम्हे आम पसंद है तो तुम्हारे मुँह में पानी भी आ सकता है।  आम कहते ही तुरंत यह प्रक्रिया शुरू हो जाती है। ऐसे ही दीवाली कहते ही आपके मन में उत्सव और प्रकाश का भाव आता है। 

ऐसे ही ॐ का जप करते ही उस पूर्ण चैतन्य को याद करते हैं, ऐसा चैतन्य जो तुम्हारे अस्तित्त्व का केंद्र है। ऐसा चैतन्य जो दुखों से मुक्त है और प्रेम स्वरुप है।  ॐ की ध्वनि तुम्हें उस चेतना का स्मरण कराती है।   

सूत्र 29: ततः प्रत्यक्चेतनाधिगमोऽप्यन्तरायाभावश्च॥

जप का प्रयोग क्या है?

जब चैतन्य में पूर्णता का भाव उभरता है तब साक्षी भाव प्रबल हो जाता है और चेतना पूरी तरह से परिवर्तित होकर एक अलग ही प्रकार से खिल उठती है। सोच विचार में स्पष्टता आती है। भाव में स्पष्टता आती है। पूरा शरीर भी एक बदलाव से गुजरता है, तुम अधिक जीवंत और प्राण शक्ति से भर जाते हो। तुम्हारे योग के रास्ते की सारी बाधाएं हट जाती हैं। 

उस आधिपत्य, ईश्वरीय चेतना का स्मरण मात्र ही तुम्हारे रास्ते की सभी बाधाओं को हटा सकता है। 

ये बाधायें कौनसी हैं, जानने के लिए पढ़िए अगले ज्ञान पत्र

 

<<पिछले पत्र में पढ़ें,ईश्वर सर्वज्ञ कैसे है? अगले पत्र में पढ़िए,योग के पथ की नौ बाधाएं>>

 

 

(यह ज्ञान पत्र गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी के पतंजलि योग सूत्र प्रवचन पर आधारित है। पतंजलि योग सूत्रों के परिचय के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें। )

 

 

 

 

 

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