योग के बारे में (yoga)

महिलाओं के लिए योग | Yoga for Women

यह सक्षम, बहुमुखी और सफल है- कार्यस्थल में गतिशील है और घर के लिए समर्पित है! यह गोंद की तरह है जिन्होंने जीवन के बहुत से हिस्सों को एक साथ जोड़ कर रखा है। कोई भी श्रद्धांजलि उनके सम्मान में छोटी पड़ जाती है। हमारे दिल में और समाज में महिलाओं ने विशेष स्थान लिया हुआ है। ये अपने आसपास के सब लोगों का ध्यान रखती हैं। परंतु इनका ध्यान कौन रखता है? इसका उत्तर योग में छुपा है- ‘सुंदरता और बुद्धि’ का संतुलन - जिसकी आज के समय में आवश्यकता है।

"इन सब के अतिरिक्त अपने जीवन की अभिनेत्री बनो, पीड़ित नहीं“ - नोरा एफरोन

बहुत सारे विशेषज्ञ औरतों के लिए योग का परामर्श देते हैं, जो उनकी बहुत सारी जिम्मेदारियों व समय की मांग को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। औरतों को हमेशा बड़े सपने देखने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उनसे हमेशा एक साथ बहुत से काम करने की उम्मीद की जाती है, जैसे कि

सुपरमैन से! दिन में नियमित रूप से ऑफिस की जिम्मेदारी निभाना तथा रात में सुपर हीरो की तरह घर के काम निपटाना! औरतों को अपने घर के काम भी पूरी दक्षता तथा गरिमा से निपटाने पड़ते हैं तथा चारदीवारी से बाहर अपनी शिक्षा और बौद्धिक क्षमता को आदमियों के बराबर भी औचित्यपूर्ण साबित करना पड़ता है।

 

अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !

 

महिलाओं को, पूरी दुनिया में, बहुत सारी गेंदों को एक ही समय में हवा में उछालना पड़ता है और उनमें से एक भी गेंद गिरनी नहीं चाहिए। इसीलिए योग महिलाओं के लिए एक आशीर्वाद है। योग विवेक और शांति प्रदान करता है, उनकी थकान से भर देने वाली दुनिया में साधारण श्वास की तकनीक से महिलाओं को तनाव से मुक्ति मिलती है और वह बहुत सारी जिम्मेदारियों को पूरी दक्षता तथा शिष्टता से पूरा करती हैं।

योग महिलाओं के शरीर को स्वस्थ बनाने के अतिरिक्त और भी बहुत से काम करता है। यह मन को संतुलित करता है तथा आत्मा को पोषित करता है। इसलिए महिलाएं योग को एक अतिरिक्त बोझ नहीं समझती, बल्कि यह उनके व्यस्तता से भरे जीवन की एक आवश्यक गतिविधि है जो उनको अपनी जिम्मेदारियों को पूर्णता से निभाने में सहायता करता है। एक तार्किक प्रश्न उठता है कि योग कब से आरंभ करना चाहिए? यह केक के ऊपर आईसिंग की तरह है, जहां तक महिलाओं का प्रश्न है योग सभी आयु वर्ग के लिए उपयुक्त है। पढिए कि महिलाएं किस प्रकार योग से अधिकतम लाभ उठा सकती हैं।

योग- आरंभ के वर्षों में योग एक आशीर्वाद

“श्री श्री योग गुरु के विशेष मार्गदर्शन में मैंने योग मुद्राओं को सरलता से करना सीखा तथा उनका महत्व भी जाना। यह कोर्स एक अद्वितीय उत्साहजनक अनुभव था मन और शरीर के मेल का”।

अनामिका खोसला, एच आर, एडमिन एंड फाइनेंस हेड, कमास प्राइवेट लिमिटेड इंडिया।

युवावस्था में महिलाओं के लिए योग की अत्यधिक सिफारिश की जाती है। इस उतार-चढ़ाव भरे समय में युवा लड़कियों के शरीर और मन में बहुत से परिवर्तन आते हैं जो कि उनके आगे आने वाले पूरे जीवन को प्रभावित करते हैं। बहुत से योगासन इस आयु की महिलाओं के लिए बनाए गए हैं, जिनकी सहायता से वह बहुत सारे परिवर्तनों को आसानी से और बिना दर्द के अपना लेती हैं। इसके साथ, प्राणायाम और ध्यान की सहायता से बेचैनी में शांति मिल जाती है, डरे हुए और भ्रमित किशोर मन को। भटकते हुए और उलझे मन का कारण शारीरिक बदलाव है जिसमें से युवाओं को गुजरना पड़ता है। धनुरासन और वज्रासन औरतों के लिए बहुत सहायक है, नियमित और स्वस्थ मासिक चक्र के विकास में। इन आसनों के नियमित अभ्यास से महिलाओं की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, मोटापे से मुक्ति मिलती है तथा स्वस्थ प्रजनन अंगों का विकास होता है, जिससे हार्मोनल संतुलन बना रहता है।

योग- महिलाओं के चरम प्रजनन समय के लिए उत्तम

महिलाएं गर्भ धारण तथा मां बनने के समय पर बहुत सारे शारीरिक बदलावों से गुजरती हैं। योग से महिलाओं का प्रजनन स्तर अच्छा हो जाता है। महिलाओं को गर्भावस्था के समय बहुत सी ‘बाहरी भावनाओं’ का सामना करना पड़ता है। यह आवश्यक है कि वह इस समय पर अच्छा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त करें। इस समय पर बहुत से हार्मोन परिवर्तन होते हैं, जिनको कई बार रोकना कठिन होता है। विशेषज्ञ इस समय पर कुछ विशेष आसनों को करने की सलाह देते हैं, जो कि उनको शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर स्वस्थ रख सकें। योग से महिलाओं के शरीर में लचीलापन रहता है जिससे वह सामान्य प्रजनन कर सकने में सक्षम होती हैं। गर्भावस्था या प्रसव के समय होने वाली कठिनाइयों से निपटने में वह स्वयं को काफी हद तक तैयार कर सकती हैं।

पूर्व प्रसव योग बहुत लाभदायक है- शारीरिक आवश्यकता और क्षमताओं के अनुसार शरीर को तैयार करने में। इससे महिलाओं की गर्भाशय की मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं तथा रीढ़ की हड्डी अतिरिक्त दबाव झेलने के लिए मजबूत हो जाती है। प्रसव पूर्व योग करने से प्राणायाम और यौगिक श्वासों के द्वारा महिलाएं जल्दी ही प्रसव की पीड़ा से बाहर निकल जाती हैं। मांसपेशियों में जल्दी मजबूती आ जाती है तथा स्तनपान कराने में वृद्धि हो जाती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

संक्रमणकालीन अवधि में योग

यह किसी भी लिंग के लिए सबसे कठिन आयु है। परन्तु महिलाओं को यह जटिलता अकेले ही संभालनी पड़ती है। महिलाओं को मेनोपॉज का अनुभव होता है, वजन बढ़ना, थायराइड समस्या तथा अन्य समस्याएं। इस समय पर महिलाओं को योग भरपूर लाभ देता है। योग में उपचारात्मक शक्तियां होती हैं जो कि हार्मोनस को संतुलित कर देती हैं, वजन नियंत्रण में रखती हैं, मेनोपॉज का समय सरलता से निकल जाता है तथा पाचन तंत्र स्वस्थ हो जाता है। प्राणायाम और ध्यान महिलाओं को इस कठिन समय में या उतार-चढ़ाव वाले समय में अनगिनत रुप से लाभ पहुंचाता है।

श्री श्री योग- महिलाओं का जीवन साथी

महिलाओं के जीवन के इन विभिन्न चरणों में श्री श्री योग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके विभिन्न तत्व किशोरावस्था, मातृत्व, रजोनिवृत्ति तथा वृद्धावस्था के अनेकों परिवर्तनों में महिलाओं को मनोरोग, तुनकमिजाज, चिड़चिड़ापन से दूर रखते है। जिसके कारण उनके जीवन में असाम्यता और असंतुलन आ जाता है। आयु और आवश्यकता के अनुसार प्रतिदिन का व्यायाम, आसन महिलाओं के लिए बनाए गए हैं। इनकी सहायता से वह शारीरिक संतुलन और मानसिक शांति प्राप्त करके भरपूर जीवन जी सकती हैं।

श्री श्री योग कोर्स में विभिन्न योग दिनचर्या सिखाई जाती हैं जिनका कहीं पर भी अभ्यास किया जा सकता है- अपने घर के आरामदायक परिसर में या अपने कार्यस्थल पर, योगासन, प्राणायाम और ध्यान की तकनीक श्री श्री योग कोर्स में सिखाई जाती है, जिसकी सहायता से महिलाएं आयु के विभिन्न चरणों की चुनौतियों का सरलता से सामना करने में सक्षम बन जाती हैं।

महिलाओं के स्वर्णिम वर्षों में चमक के लिए योग

“श्री श्री योग दिनचर्या का प्रतिदिन अभ्यास करने से मेरे शरीर, मन और आत्मा को स्पष्ट और अप्रत्याशित लाभ मिले हैं। इसने मेरे शरीर को शांति, आनंद, स्वीकृति और विश्राम दिया है। इसने मुझे आंतरिक चमक और शक्ति से जोड़ा है। मेरी तेजी से भागती हुई जीवनशैली में मुझे अपनी ताकत और कमजोरी के प्रति जागरुक किया है। उस समय में जब मुझे बहुत कुछ एक साथ करना होता है- नए क्षितिज की तलाश में मुझे शक्ति व प्रेरणा दी है। - अनामिका ने बताया

महिलाओं के जीवन के स्वर्णिम वर्ष नई नई चुनौतियां सामने लेकर आते हैं। इस चरण में महिलाओं के लिए योग में ऐसे आसन सम्मिलित किए गए हैं जिसमें कम शारीरिक गतिविधियां हो तथा कम कठिन आसन हो। इन आसनों को करने से रक्त संचार बढ़ता है, स्वस्थ तंत्रिका तंत्र शरीर को खींचने में सहायता करता है, धीरे- धीरे पूर्ण विराम देता है। सभी चरणों की तरह इस चरण में भी योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य देता है। जिससे संतुलन और सामंजस्य की वृद्धि होती है।

महिलाओं के लिए यह रहस्य है कि योग को अपने जीवन में उसी प्रकार सम्मिलित करें जैसे सांस लेते हैं। बार-बार नियमित अभ्यास करें, यह किसी भी आयु वर्ग की महिला के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।

श्री श्री योग महिलाओं के लिए एक विश्राम दायक अनुभव होगा। जिससे उनको पूरी तरह स्वस्थ तथा प्रसन्न रहने का आनंद मिलेगा। श्री श्री योग दिनचर्या आप का विशेष समय होगा। कामकाजी महिला हो या पत्नी या माता कुछ समय अपने लिए निकालें। सारी मांगों से अवकाश लेकर स्वयं अपने भीतर का आनंद उठाएं।

योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर

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