योग के बारे में (yoga)

गर्मी के मौसम के लिए योग | Yoga in Summer

गर्मियों में योग, ध्यान और श्वास के अभ्यास से खुद को शीतल बनाए रखें। कुछ छोटे-छोटे अभ्यासों के द्वारा अपने उद्देश्यों पर केन्द्रित रहें, स्वस्थ रहें और खुश रहें।

प्रायः अलग - अलग लोगों के लिए, गर्मी का मौसम अलग - अलग रूप से महत्वपूर्ण होता है। यह छुट्टियों का समय होता है, समुद्र किनारे घूमने का समय होता है और आराम करने का समय होता है।

आपके लिए गर्मियों का कुछ भी महत्व हो पर एक बात हमेशा महत्वपूर्ण होती है कि इस समय बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है। वास्तव में यह बहुत अधिक गर्मी और उमस का मौसम होता है। और क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि हर साल पिछली साल की तुलना में अधिक गर्मी पड़ती है।

इन गर्मियों में खुद को शीतल बनाए रखने के लिए योग के पाँच सूत्र | 5 Yoga Tips to Cool Off This Summer

एक योगसाधक के लिए यह परिवर्तन का एक हिस्सा है। एक मौसम बदलकर दूसरे मौसम का रूप लेता है-और हर मौसम अपने हिसाब से वातावरण में परिवर्तन लाता है। एक योगी स्थिर भाव से इन परिवर्तनों को देखता है और इन परिवर्तनों के अनुसार ही कार्य करता हैः आपका शरीर और मस्तिष्क फिट रहे इसके लिए कुछ साधारण से अभ्यास कर सकते हैं।

यहाँ आपको योग के पाँच सूत्र बताए जा रहे हैं। आप इनमें से अपनी पसंद का कोई एक सूत्र चुनकर उसका नियमित अभ्यास कर सकते हैं, आप चाहें तो पाँचों सूत्रों का अभ्यास कर सकते हैं।

  1. रहस्य आपकी श्वास में है | The secret is in your breath
  2. पानी ज्यादा पिएँ | Drink lots of water
  3. अपने शरीर की तंत्रिकाओं को शांत करें | Calm the nerves
  4. योगासन धीमे धीमे करें | Slow down on yoga poses
  5. शवासन में विश्राम करें | Relax in Shavasana
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रहस्य आपकी श्वास में है - शीतली प्राणयाम

Sheetkari Pranayama

जब भी आप किसी बस का इंतजार कर रहे हों तो बस में चढ़ने से कुछ मिनट पहले आप शीतली प्राणयाम का अभ्यास कर सकते हैं।

  1. अपनी जीभ बाहर निकालें और जीभ के दोनों किनारों को ऊपर की ओर मोड़कर बीच में कर लें।
  2. मुँह से सांस लें, थोड़ी देर सांस को रोकें और नाक से सांस बाहर निकाल दें।

इसे पाँच से दस बार दोहराएँ।

आप देखेंगे कि आपके शरीर का तापमान कम होने लगेगा।

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पानी ज्यादा पिएँ और शीतकारी प्राणायाम

drink water

आप जितना अधिक पानी पिएँगे उतना ही आपके लिए अच्छा होगा। आपके शरीर का सत्तर प्रतिशत हिस्सा पानी है इसलिए यह सुनिश्चित करें कि इसमें पानी की मौजूदगी पर्याप्त रूप में बनी रहे। ढेर सारा पानी पीने के साथ साथ आप अपनी दिनचर्या में शीतकारी प्राणायाम भी शामिल कर सकते हैं। इसकी विधि इस प्रकार हैः

  1. अपना मुँह खोलकर अपने दाँतों को भींच लें और जीभ से दाँतों पर जोर से दवाब दें। साँस भीतर की ओर लें।
  2. अपना मुँह बंद करें और नाक से सांस छोड़ दें।

इसे पाँच से दस बार दोहराएँ।

बहुत से लोगों को महसूस होता है कि शीतकारी प्राणायाम से उनकी प्यास बुझती है। तो यदि आपको बहुत तेज प्यास लगी हो और आपके आस पास पानी नहीं हो तो आप समझ सकते हैं कि आपको क्या करना है। और यदि आपके पास पानी या अन्य पेय पदार्थ हों तब भी आप शीतकारी प्राणायाम कर सकते हैं। इससे आपका शरीर भी शीतल होता है।

ध्यान रखें: शीतकारी पानी या अन्य पेय पदार्थों का विकल्प नहीं है। पर्याप्त मात्रा में पानी अवश्य पिएँ

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अपने शरीर की तंत्रिकाओं को शांत करें

जब बाहर तापमान अधिक हो तो हो सकता है कि आप स्वंय पर नियंत्रण खो दें, आप बेचैन हो जाएँ और थकान महसूस करने लगें। इस समय आपको चन्द्रभेदी प्राणायाम करने की आवश्यकता होगी। श्वास की यह तकनीक आपके तंत्रिका तंत्र और नाड़ियों (ऊर्जा के अत्यंत सूक्ष्म प्रवाह पथ) को शीतल करती है।

  1. अपने सीधे हाथ के अंगूठे से दायीं ओर का नथुना बंद करें ।
  2. ली गई सांस को बाँए नथुने से पूरी तरह से बाहर निकाल दें। फिर बाँए नथुने से सांस भरें।
  3. बाँए नथुने को अनामिका उँगली से बंद करें और दाँए नथुने से सांस बाहर निकाल दें।

 

इसे पाँच से दस बार दोहराएँ : बाँयी ओर से सांस लें और दाँयी ओर से सांस छोड़ें।

प्राणायाम के बाद शवासन में लेट जाएँ। इससे आपको आराम मिलेगा और आप तरोताजा हो सकेंगे।

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योगासन धीमे धीमे करें

सहजता और एकाग्रता के साथ किए जाने वाले योगासन आपके शरीर व मस्तिष्क को संतुलित करते हैं तथा पूरे वर्ष लाभदायक होते हैं। गर्मियों में शवासन और ध्यान करने से विशेष लाभ मिलता है।

किसी भी शारीरिक गतिविधि से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इसलिए अधिक गर्मी होने पर कठोर व श्रमसाध्य आसन करने से बचना चाहिए। गर्मियों में प्रातः काल तथा साँझ का समय योगासन करने के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है। ‘पित्त’ प्रकृति के लोगों को तेजी से किए जाने वाले योगासन नहीं करने चाहिए। यदि तापमान बहुत अधिक है तो तेजी से श्वास भरने वाले या फुर्तीले अभ्यास जैसे कि कपालभाति तथा अग्निसार को नहीं करने चाहिए।

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शवासन में विश्राम करें

Shavasana

दिन भर के श्रम के पश्चात क्या आप शाम को थोड़ा आराम करना चाहते हैं? तो किसी दीवार के पास शवासन में लेट जाएँ- इस प्रकार लेटें कि आपके पैर उस दीवार को स्पर्श कर रहे हों। अपने पैरों को ऊपर उठाएँ और उन्हें दीवार पर टिका दें। एक आसन में एक या दो मिनट रहने के बाद पैरों को नीचे लाएँ और शवासन में आराम करें। इस आसन से आपको ताजगी महसूस होगी? यह आसन कैसे कार्य करता है? जब तापमान अधिक होता है तो हमारा हृदय अधिक रक्त पंप करता है। इस आसन से आपके शरीर के रक्त को हृदय तक वापस भेजने में आसानी होती है। (इस प्रक्रिया में गुरुत्वाकर्षण के द्वारा रक्त हृदय तक जाता है)

ध्यान रखेः जिन लोगों को उच्च रक्तचाप या पीठदर्द की शिकायत है उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए। इस आसन का एक आसान विकल्प यह है कि आप अपने पैरों के नीचे कुछ तकिए लगा लें।

कुछ और आसन नीचे दिए गए हैं जिन्हें आप गर्मियों में कर सकते है

ध्रुवासन, अर्द्धकटिचक्रासन, कोणासन, मर्जरी आसन, बद्धकोणासन, वज्रासन, सिंहआसन, शशांकासन, चक्रासन, उत्तानपादासन, योगनिद्रा, शवासन।

खाओ, पियो और मस्त रहो (Eat, drink and be happy)

  1. मसालेदार भोजन, चाय, कॉफी और चीनी की मात्रा कम करें।
  2. वसायुक्त भोजन करने से बचें क्योंकि इससे आपके पाचन तंत्र और हृदय पर अतिरिक्त भार पड़ता है।
  3. फल, सब्जियों और दही का अधिक से अधिक प्रयोग करें। पर इन्हें एक साथ न लें।
  4. माँसाहारी भोजन कम से कम लें।
  5. नींबू पानी की मात्रा बढ़ाएं इसमें एक चुटकी नमक डाल कर पियें।


याद रखेः नींबू पानी आपके शरीर को शीतल कर सकता है पर अधिक मात्रा में इसे लेने से आपका पित्त बढ़ सकता है।

श्री श्री योग शिक्षकगण  किशन वर्मा, दिनेश काशीकर और कौशानी देसाई, आयुर्वेदिक पाक कला शिक्षक द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर

यद्यपि योगाभ्यास शरीर और मन के लिए बहुत फ़ायदेमंद है, फिर भी इसे दवा के बदले आजमाना उचित नही है| योगासनों का अभ्यास आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा| अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और श्री श्री योग (Sri Sri Yoga) के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा| अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की अनुमति के पश्चात ही योगाभ्यास करें| श्री श्री योग कोर्स आपके नज़दीकी आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र में आप सीखसकते हैं| अगर आप विविध कोर्सों के बारे में जानकारी पाना चाहते हैं या सुझाव देना चाहते हैं तो हमें संपर्क करें info@artoflivingyoga.in

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