निराशा से बाहर आने के लिए चन्द सुझाव (Depression Treatment in Hindi)

 

 डिप्रेशन से बाहर आने के लिए कुछ सुझाव
 

वह एक्यूट डिप्रेशन से गुजर रही थी l जीवन ने एक निराशाजनक मोड़ ले लिया था, जो चीज़ें पहले उत्साहित करती थीं, आज बेमानी लगती थीं l उसने अंधेरे को ही अपना साथी बना लिया था क्योंकि सभी दोस्त, नाते रिश्तेदारों से वह दूर हो गयी थी। एक नया दिन जैसा कुछ रहा ही नहीं था और अक्सर जीवन को समाप्त करने के विचार उसके मन में आते रहते थे। बस माता पिता के प्यार के कारण वह यह कर नहीं पाई थी।


 

एक २३ साल की युवा की डायरी ये बोलती है, "इन दिनों कुछ भी मेरे हिसाब से नहीं हो रहा है। जिंदगी रूखी रूखी लगती है। जीवन में कोई भी संबल नहीं रह गया है। ऐसा लगता है कि समस्त दुनिया मेरे खिलाफ साज़िश कर रही है। मैं हवा के बर्खिलाफ उड़ने के लिए मज़बूर हूँ। मेरा जीवन एकाकी हो गया है, मेरे सपने खो गये हैं, मेरे पास जीने के लिए कुछ भी नहीं पर मरने के हज़ार कारण हैं। मैं अकेली हूँ, मैं हताश हूँ, मैं बस अब और नहीं सह सकती हूँ।"


 

हताशा के दिनों में बहुत कम सहारे होते हैं जिन पर निर्भर किया जा सकता हैl ये कुछ सहारे कठिनाई के समय में आपके शक्ति स्तंभ बन जाते हैं। नीचे कुछ ऐसे विश्वसनीय और परीक्षित तरीके दिए गये हैं, जो कष्टमय समय में आपके साथी भी बन सकते हैं और उपचारक भीl


 

1. आपको बस बैठना है और विश्राम करना है l

हमें यह लगने लगता है कि निराशा हमारे से कुछ भी करने की ऊर्जा खींच लेती है। ये ऊर्जा का अभाव, स्वस्थ होने के लिए पहला कदम उठाने में मुश्किल पैदा करता है। क्यों न, हम स्वस्थ होने की प्रक्रिया को पूर्ण विश्राम से ही शुरू करें। सबसे अच्छी विश्राम की तकनीक है - ध्यान। ध्यान न केवल विश्राम देता है अपितु पुनः ऊर्जित भी करता है। इस बढ़ी हुई ऊर्जा के साथ आप अन्य तकनीकें भी आजमा सकते हैं। 

ध्यान आपके मन से गहरे मानसिक आघात के अनुभवों के कारण उत्पन्न विषाद को धीरे-धीरे मिटाकर आपको स्वस्थ करता हैl ऊर्जा केंद्रों के मुक्त प्रवाह में उत्पन्न हुए अवरोधों में से तनाव को दूरकर, ध्यान आपको पूरी तरह आनंद, उत्साह और प्रेम से पुनः भर देता है ।

श्री श्री रविशंकर जी, जो कि एक अध्यात्मिक गुरु, मानवतावादी और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक हैं, कहते हैं: 

"ध्यान आपके मन को शांत करने में मदद करता है और भीतर से प्रसन्न बनाता है। ध्यान व प्राणायाम बहुत सी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। पर्याप्त मात्रा में हुई शोध यह दर्शाती है की ध्यान बहुत सी बीमारियों एवं हालातों में मदद करता है जैसे हाइपरटेंशन, डाइयबिटीस, हृदय रोग, नींद की समस्या, तंत्रिका तंत्र की समस्या और अन्य कई l मैं कहूँगा की ध्यान आत्मा का आहार है l"

 

2. आपकी साँस आपकी प्रसन्नता का रहस्य है l

आपकी साँस में आपके स्वास्थ्य के बहुत से अनकहे रहस्य छिपे हैं। सुदर्शन क्रिया एक विशेष और शक्तिशाली लयबद्ध श्वसन प्रक्रिया है जो इन रहस्यों को हमारे हित के लिए खोलती है। 

सुदर्शन क्रिया  न केवल हमारे शरीर का, बिना किसी दवा के, एक प्राकृतिक संतुलन बनाए रखती है, अपितु 90% शरीर में जमा विष भी निकालती है, कॉरटिसॉल (तनाव का हारमोन) को कम करती है, चिंता कम करती है, व नींद को सामान्य बना देती है। ये शरीर में प्रोलॅकटिन (शरीर के सुस्वास्थ्य का हॉर्मोन) को बढ़ाकर ऊर्जा का एक फव्वारा खोलती है।

यह हाल के ही एक शोध का निष्कर्ष है कि सुदर्शन क्रिया के उपचार से निराशा सार्थक रूप से दूर हो जाती है। सुदर्शन क्रिया का निराशा के प्रतिरोध पर दवाइयों के इलावा एक स्वतंत्र प्रभाव होता है। इसका निराशा को दूर करने का प्रभाव ३ हफ्ते में दिखने लगता हैl. (Research Paper: P300 Amplitude & Antidepressant response to SKY – 3)".

सुदर्शन क्रिया किसी भी आर्ट ऑफ़ लिविंग के शिक्षक से सीखी जा सकती है। 

3. हरिओम ध्यान

https://www.youtube.com/watch?v=AxNfltmKnv8

 

हालाँकि सभी तरह के ध्यान निराशा को दूर करने में मदद करते हैं, पर हरिओम ध्यान ने विशेष रूप से अच्छे परिणाम दिखाए हैं। ये ध्यान हमारे शरीर के सात ऊर्जा केंद्रों (चक्रों) पर ध्यान ले जाने पर आधारित है। निराशा ऊर्जा को निम्नतम स्तर की ओर खींचता है जबकि हरिओम ध्यान में हम निम्नतम स्तर के ऊर्जा केंद्र से लेकर ध्यान को सबसे ऊँचे ऊर्जा केंद्र की ओर ले जाते हैं। हर ऊर्जा का केंद्र (चक्र) एक विशेष भावना से जुड़ा है। और प्रत्येक चक्र में अपनी सजगता ले जाकर, भूतकाल की जमी हुई गहरे तनावों को दूरकर और स्वयं में एक हल्कापन महसूस कर, हम उन भावनाओं को शुद्धि प्रदान देते हैं।

चिंता न करें आप इस लड़ाई में अकेले नहीं है। डिप्रेशन एक गंभीर बीमारी है पर इसका इलाज़ भी है। आप आर्ट ऑफ़ लिविंग के कोर्स में बैठे, वह आपको जरूर मदद देगा।