Sahaj Samadhi Meditation in Hindi | सहज समाधि ध्यान

वास्तविक विश्राम पाने का सरल मार्ग

हम सभी ने अपने जीवन में ध्यान की अवस्था को महसूस किया है – जिन क्षणों में हम बेहद खुश हुए हैं, या फिर जिन क्षणों में हम किसी काम में तल्लीनता से डूबे हुए हैं – ऐसे क्षणों में हमारा मन हल्का और आरामदेह प्रतीत होता है। हालांकि हम सबने ऐसे क्षणों को अनुभव किया है, लेकिन हम उन्हें अपनी मर्ज़ी से दोबारा अनुभव नहीं कर पाते हैं। सहज समाधि कार्यकम् आपको यही करना सिखाता है। यह ध्यान करने की एक अनूठी प्रक्रिया है, जिसके अभ्यास से आप तुरंत ही तनाव और परेशानियों से ऊपर उठकर, मन में असीम शांति अनुभव करते हैं और शरीर में स्फूर्ति आती है।

‘सहज’ एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है ‘प्राकृतिक’ या ‘ जो बिना किसी प्रयास के किया जाए’। ‘समाधि’ – एक गहरी, आनंदमयी और ध्यानस्थ अवस्था है। अतः ‘सहज समाधि’ वह सरल प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम आसानी से ध्यान कर सकते हैं।

  • ध्यान करने से सक्रिय मन शांत होता है, और स्वयं में स्थिरता आती है।
  • जब मन स्थिर होता है, तब उसके सभी तनाव छूट जाते हैं, जिससे हम स्वस्थ और केन्द्रित महसूस करते हैं।

 

सहज समाधि ध्यान कैसे करते हैं?। How does Sahaj Samadhi Meditation work?

यह मन्त्र-ध्यान है जिसमें कार्यकम् प्रतिभागियों को एक सरल ध्वनि/मंत्र सिखाई जाती है, जिसका मन में स्मरण करने पर मन स्थिर होने लगता है और भीतर जाने लगता है। जब मन और तंत्रिका तंत्र गहरे विश्राम में स्थिर होते हैं हमारे मन और तब हमारे मानसिक विकास के मार्ग के अवरोध स्वतः खुलने लगते हैं।

 

सहज समाधि ध्यान के ५ लाभ। 5 Benefits of Sahaj Samadhi Meditation

जब एक नदी शांत होती है, तब उसमें प्रतिबिम्ब अधिक साफ़ दिखाई देता है। उसी प्रकार, जब मन शांत होता है, तभी हम अधिक स्पष्टता से अपनी बात को व्यक्त कर पाते हैं। तब किसी भी बात को देखने, समझने और व्यक्त करने की कला निखरती है। फलस्वरूप, हम अपने जीवन में अधिक स्पष्टता से संवाद कर पाते हैं।

तो कुछ मुख्य लाभ इसप्रकार के हैं-

  • स्पष्ट विचार
  • बढ़ी हुई ऊर्जा
  • अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य
  • संबंधों में सुधार
  • मन में गहरी शांति

 

सहज समाधि ध्यान के लिए, मुझे मन्त्र की क्या आवश्यकता है ?। Why do I need a mantra for Sahaj Samadhi Meditation?

संस्कृत में एक मन्त्र की परिभाषा है – ‘मनना त्रायते इति मंत्र’। इति मन्त्र हमें पुनरावृत्ति से बचाता है। बार-बार यदि कोई विचार आये, तो वही चिंता बन जाता है। मन्त्र हमें चिंताओं से मुक्त कर देते हैं

मन्त्र का उच्चारण मन को स्थिर करता है। और जब मन स्थिर होता है ये स्वयं को तनावों से दूर कर वर्तमान क्षण में स्थित कर देता है। हम सिर्फ वर्तमान क्षण में सच्ची प्रसन्नता पा सकते हैं। जिन क्षणों में हम बीते हुए कल की किसी गलती के लिए शर्मिंदा नहीं हैं और न ही आने वाले कल की कोई चिंता होती है।

सहज का अर्थ नैसर्गिक और समाधि का अर्थ आत्मज्ञान हमारा सच्चा स्वभाव इस मन्त्र ध्यान से सहज ही सुलभ है।

 

"समाधि जो ध्यान की गहरी अवस्था है उससे आपको ऊर्जा और दीर्घ काल तक रहने वाला आनंद प्राप्त होता है। यह आपको इतनी ऊँचाइयों में ले जाता है कि आपकी उपस्थिति मात्र ही प्रेम फ़ैलाने लगती है। "- गुरुदेव श्री श्री रवि शंकरजी

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