Wisdom Search
Search results
-
रक्षा बंधन और यज्ञोपवीत संस्कार का महत्त्व | Raksha Bandhan and thread ceremony importance in Hindi
तीन ऋण कोनसे है ? आज श्रावण पूर्णिमा है। इससे पिछली पूर्णिमा ‘गुरु पूर्णिमा‘ गुरु और शिक्षिकों को समर्पित है। उससे पहले बुध पूर्णिमा और उससे पहले चैत्र पूर्णिमा थी। सो यह चौथी पूर्णिमा को श्रवण पूर्णिमा कहा जाता है और यह पूर्णिमा भाई बहन के प्रेम को समर्प ... -
राम का अर्थ है, मेरे भीतर प्रकाश, मेरे हृदय में प्रकाश
राम का अर्थ है ‘प्रकाश’। किरण एवं आभा (कांति) जैसे शब्दों के मूल में राम है। ‘रा’ का अर्थ है आभा और ‘म’ का अर्थ है मैं; मेरा और मैं स्वयं। राम का अर्थ है मेरे भीतर प्रकाश, मेरे ह्रदय में प्रकाश। निश्चय ही ‘राम’ ईश्वर का नाम है, जो इस धरती पर 7560 ईसा पूर् ... -
होली उत्सव का रहस्य और पूरी जानकारी | Holi utsav ka rahasya aur puri janakari
हैप्पी होली | Happy Holi 2022 होली उत्सव की शुभकामनाएं होली भारत का बहुत ही लोकप्रिय और हर्षोल्लास से परिपूर्ण त्यौहार है। लोग चन्दन और गुलाल से होली खेलते हैं। प्रत्येक वर्ष मार्च माह के आरंभ में यह त्यौहार मनाया जाता है। लोगों का विश्वास है कि ह ... -
श्रीमद् भगवत गीता और आतंकवाद | Bhagavad Gita and Terrorism in Hindi
आतंकवादी डरपोक होते हैं। जब भी विश्व के किसी भी भाग में आतंकवाद की कोई घटना होती है, तब हम सब लोगों से यही सुनते हैं कि यह एक कायरता का कार्य है। एक डरपोक व्यक्ति कार्य से तो भाग जाता है लेकिन अपने मन में नकारात्मक भावनाओं को भरे रहता है और चोरी-छिपे ऐसे ... -
Take Up The Challenge
(Below is a continuation of the post Truth Gives You Strength) Gurudev, could you give us a concrete five point agenda that each citizen can do to create a divine society. Sri Sri Ravi Shankar: 1) Be stress free - keep your body, mind and spirit free from ... -
गुरुदेव, ऐसा कहा गया है कि जब रामकृष्ण परमहंस ने अपना एक पैर स्वामी विवेकानंद के ऊपर रख दिया था, तब उन्हें अचानक समाधि का अनुभव हो गया था| आपने मेरे सिर पर अपना हाथ बहुत बार रखा है, आप अपना पैर कब मेरे सिर पर रखेंगे?
श्री श्री रविशंकर – मेरे प्रिय, मैंने आपको सबसे सुन्दर तकनीक ‘सुदर्शन क्रिया’ दे दी है| आप पहले ही वो अनुभव कर चुके हैं, जो स्वामी विवेकानंद को हुआ था; एक तरंग और शून्यता का भाव| क्या इससे आपका सम्पूर् ... -
गुरुदेव, क्या लोगों के ऊपर पत्थर फेंककर उनकी हत्या करना वैध है? यदि कुछ लोग इस पर आपत्ति उठाते हैं तो इसे असहिष्णुता कहा जाता है| ये अंतर क्यों?
श्री श्री रविशंकर – एक बात याद रखिये – जितने लोग हैं, उतने विचार हैं और उतनी ही मान्यताएं हैं| सब सही नहीं हैं, और न ही आप प्रत्येक व्यक्ति की धारणा ... -
गुरुदेव, एक दिव्य समाज बनाने के लिए क्या आप हमें ऐसे पांच सूत्र बता सकते हैं जो हर नागरिक कर सकता है?
तनाव मुक्त रहिये – अपने शरीर, मन और आत्मा को तनाव से मुक्त रखिये| यह एक बार का काम नहीं है, इसे बार-बार करते रहना पड़ेगा| ठीक वैसे ही जैसे आप हर रोज़ अपने दांत साफ़ करते ह ... -
उत्कंठा अच्छी होती है | Longing Itself Is Divine
उत्कंठा का होना अपने आप में बहुत अच्छा है| सांसारिक वस्तुओं के लिए उत्कंठा, हमें जड़/गतिहीन बना देती है जबकि अनंत के लिए उत्कंठा, हमें जीवन से भर देती है| जब उत्कंठा मर जाती है तब हमारे भीतर जड़ता जन्म लेने लगती है| परन्तु उत्कंठा एक प्रकार की पीड़ा (संताप) ...