यह आसन, हाथों से चलाई जाने वाली चक्की से अनाज पीसने की तरह किया जाता है, जो भारत के गाँवों में आम बात है। यह शरीर के लिए एक मजेदार और उत्कृष्ट कसरत है।
चक्की चालनासन कैसे करें
अपने पैरों को फैलाकर बैठ जाएँ। अपने हाथों को पकड़ें और अपनी भुजाओं को अपने सामने कंधे की ऊँचाई पर फैलाएँ।
गहरी साँस लें और अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को सामने और दाईं ओर ले जाना शुरू करें, अपने शरीर के साथ एक काल्पनिक वृत्त बनाएँ। आगे और दाईं ओर जाते समय साँस अंदर लें, तथा पीछे और बाईं ओर जाते समय साँस बाहर छोड़ें।
घूमते समय गहरी और सामान्य साँस लेते रहें। क्या आपको बाहों, पेट, कमर और पैरों में खिंचाव महसूस होता है? एक दिशा में 5-10 चक्कर लगाएँ और फिर विपरीत दिशा में दोहराएँ। आपका गेहूँ का आटा पकने के लिए तैयार है!
श्री श्री योग शिक्षकों से सुझाव : पीठ के निचले हिस्से को आगे की ओर खींचें और अपने पैरों को स्थिर रखें। धड़ के घूमने से पैरों में हल्की हलचल होना स्वाभाविक है। भुजाएँ पीठ के साथ-साथ हिलती हैं।
सुदर्शन क्रिया सीखें
विश्व की सबसे शक्तिशाली साँसों की तकनीक - सुदर्शन क्रिया सीखें, जो 4.5 करोड़ से अधिक लोगों की प्रिय तथा अभ्यास की जाने वाली प्रक्रिया है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि • तनाव से मुक्ति • संबंधों में सुधार • आनंदमय और उद्देश्यपूर्ण जीवन
चक्की चालनासन के लाभ
साइटिका के लिए एक अच्छा आसन है।
पीठ, पेट और बांह की माँसपेशियों को मजबूत बनाता है।
छाती और कमर को खोलता है।
यह आसन महिलाओं में गर्भाशय की माँसपेशियों को मजबूत बनाता है, इसलिए यदि इसका नियमित अभ्यास किया जाए, तो यह दर्दनाक मासिक धर्म चक्र में बहुत लाभदायक है।
लगातार अभ्यास से पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है।
प्रसव के बाद की चर्बी कम करने में भी यह बहुत उपयोगी है (हालांकि, इस योग मुद्रा का अभ्यास करने से पहले कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें)।
निषेध
यदि आप गर्भवती हैं, निम्न रक्तचाप से पीड़ित हैं, स्लिप डिस्क के कारण पीठ के निचले हिस्से में अत्यधिक दर्द है, सिरदर्द या माइग्रेन (अटैक के दौरान) है, या हाल ही में पेट की सर्जरी हुई है, जैसे कि सक्रिय हर्निया के लिए, तो इस आसन का अभ्यास न करें।
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