तनाव

तनावमुक्त मन प्रत्येक व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है।

तनाव हमारे सोचने, महसूस करने और व्यवहार के ढंग को प्रभावित करता है, इसलिए इसका हमारे जीवन के प्रत्येक आयाम पर असर होता है। तनाव को अपने ऊपर हावी होने देने के परिणाम विनाशकारी और दुखद हो सकते हैं। फिर भी लोगों के लिए इसे छोड़ना बहुत कठिन लगता है। हम यह तो जानते हैं कि “हाँ, मुझे परेशान नहीं होना चाहिए, मुझे नाराज नहीं होना चाहिए। मुझे आपा नहीं खोना चाहिए।” किंतु व्यावहारिक जीवन में ऐसा होता नहीं है। जब भी कोई ऐसी परिस्थिति आती है, जब नकारात्मक भावनाओं की लहर आती है, तनाव आप पर हावी हो जाता है और आप अपना संतुलन खो देते हैं।

घर या स्कूल में, किसी ने भी हमें नहीं बताया कि इससे कैसे निपटा जाए। यहाँ सुदर्शन क्रिया बहुत प्रभावशाली तरिके से आपकी सहायता करती है। यह आपकी भावनाओं की लहर पर काबू पाने में सहायता करती है। यह ऐसे है, जैसे आपके भीतर कोई स्वचालित यंत्र स्थापित कर दिया गया हो, जो स्वतः ही चालू होकर नकारात्मक भावनाओं से निपटना सुगम कर देता है।

तनाव के विषय में कुछ तथ्य

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नकारात्मकता

क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि कोई भी नकारात्मक विचार कैसे उपजता है? यदि आप नकारात्मक विचारों के स्रोत पर ध्यान दोगे, तो पाएँगे कि वे चिंताओं और तनाव के कारण ही आते हैं। एक शांत और खुश व्यक्ति को कभी भी नकारात्मक विचार नहीं आते। जो व्यक्ति जितना दुःखी होगा, उतने ही अधिक नकारात्मक विचार उसके मन में आएँगे।

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तनाव प्रोत्साहन नहीं है

चिंता और तनाव लोगों को अधिक कार्य अथवा कुछ सृजनात्मक कार्य करने के लिए प्रोत्साहन नहीं करते हैं। सामान्यतः लोग कहते हैं कि आवश्यकता अविष्कार की जननी है। परंतु गत 40 वर्षों में अफगानिस्तान या लेबनान अथवा बेरुत से, जो बहुत अधिक परेशानी और तनाव से ग्रस्त रहे हैं, कोई भी नया अनुसंधान आया क्या?

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छोटी छोटी चीजों में उलझे रहना

जब आपका मन सृष्टि की विशालता को देखने की अपेक्षा जीवन की छोटी छोटी और महत्वहीन बातों में, जो निरंतर परिवर्तनशील हैं और आप उन्हीं को पकड़ के बैठे और परेशान होते रहते हैं, तो तनाव होना स्वाभाविक है।

योग एवं ध्यान कार्यक्रम

ध्यान आपको कुशल और ऊर्जावान, तनाव मुक्त और आनंदमय बनाता है।

जब हमें कार्य अधिक करना हो लेकिन उसे करने के लिये ना तो पर्याप्त समय और ना ही पर्याप्त ऊर्जा हो, ऐसी स्थिति में तनाव होता है। तनाव कम करने के लिये या तो कार्य कम करें जो कि संभव नहीं या समय की अवधि में वृद्धि करें, यह भी संभव नहीं है। जब आप थके होते हो, तो आपको स्वयं को पुनः ऊर्जावान बनाने के लिए अधिक समय निकाल कर विश्राम करना होगा। ऐसे में एकमात्र उपलब्ध उपाय है कि आप अपने ऊर्जा स्तर को बढ़ाएँ।

- गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

तनाव मुक्त कैसे हों?

जैसे जैसे आपके ऊर्जा स्तर में बढ़ोत्तरी होती है, आपका तनाव स्वतः ही कम होने लगता है।

Gurudev Sri Sri Ravi Shankar

उचित मात्रा में भोजन

अत्यधिक भी नहीं और कम भी नहीं। पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन युक्त संतुलित आहार ग्रहण करें।

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पर्याप्त नींद

प्रतिदिन 6 से 8 घंटे की नींद लें, उससे अधिक नहीं और उससे कम भी नहीं।

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प्राणायाम

प्राणायाम का अभ्यास हमारे ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है।

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ध्यान

कुछ मिनटों का ध्यान हमारे सभी प्रकार के तनाव को मिटा देता है। ध्यान आपको कुशल और ऊर्जावान, तनाव मुक्त और आनंदमय बनाता है।

तनाव रहित सफलता

साइकिल चलाने में कौन सा रहस्य है? संतुलन ! इसके लिए केवल यह सुनिश्चित करना है कि हम साइकिल को केंद्रित रखें - उसको दाएँ या बाएँ न गिरने दें। जब यह एक ओर गिरने लगता है, तो हम उसको संतुलित करके केंद्र में ले आते हैं। इसी प्रकार जीवन में जब आपका संतुलन बिगड़ जाता है, तो आपको तकलीफ होती है। उस पर ध्यान दें। उसकी उपेक्षा मत करें, उसको स्वीकार करें और पुनः केंद्रित हो जाएँ।

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संतुलित जीवनशैली

कार्य और विश्राम के बीच अपना समय संतुलित करें। अपने आहार और व्यायाम पर विशेष ध्यान दें और ध्यान तथा विश्राम के लिए कुछ समय अवश्य निकालें।

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कला में रुचि लें

अपने बाएँ मस्तिष्क की गतिविधि को दाएँ मस्तिष्क के साथ किसी सृजनात्मक तथा मनोरंजक गतिविधि जैसे कि चित्रकारी, संगीत, कविता लेखन आदि के साथ संतुलित करें।

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सेवा के कार्य करें

अपने आसपास के लोगों के लिए उपयोगी बनें। जब भी आप कोई सेवा अथवा करुणा का कार्य करते हैं, तो आप तुरंत ही आंतरिक संतुष्टि महसूस करते हैं।

वास्तविक सफलता का रहस्य है राग और द्वेष में लिप्त हुए बिना, जीवन के प्रत्येक आयाम में संतुलन स्थापित करना।