योग क्या है ?

यदि आपको लगता है कि योग का मतलब है अपने शरीर को अतरंग तरीके के मोड़ना, तो फिर समय आ गया है कि आप अपनी सोच पर एक बार गहनता से पुनर्विचार करें | योग सिर्फ़ आसनों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इससे कहीं अधिक है | सीधे-सादे शब्दों में कहा जाए तो यह अपने मन, शरीर और श्वांस की देखभाल करना है |

योग शब्द “युज” से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ होता है- एकजुट करना या एकीकृत करना | योग 5000 वर्ष से भारतीय ज्ञानपीठ का एक महत्वपूर्ण अंग है | योग में आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से हम मन, श्वांस और शरीर के विभिन्न अंगो में सामंजस्य बनाना सीखते हैं |

आर्ट ऑफ़ लिविंग जीवन परिवर्तक कैसे है

“जीवन परिवर्तक”

“कक्षाएं जो आपको श्वांस लेने की कला सिखाएंगी !"

“ग्रह पर सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई आध्यात्मिक साधना हो सकती है”

“साँस लेने की एक सरल तकनीक जो आपकी घबराहट को 44% तक कम कर सकती है”

 

“प्रभावशाली परिणाम”

“श्वांस लेना नया योग है !”

“करोड़ों लोगों के लिए ताज़ी हवा की तरह है !”

 

“डिप्रेशन से आराम की उम्मीद दिखती है..”

कार्यशाला के मूल तत्व

शक्ति एवं संतुलन
गहन विश्राम
उर्जा
अंतर्दृष्टि

श्री श्री योग में हमारी प्राथमिक कार्यशाला में हम जीवन को जीने का एक समग्र तरीका सिखाते हैं जो योग के सभी तत्वों एकीकृत करता है | जिससे मन, शरीर और आत्मा के मध्य एक प्रार्थनापूर्ण अनुशासन बनाया जाता है |

सरल एवं प्रभावी योग मुद्राओं और श्वसन तकनीकों के साथ ही इस कार्यशाला में ध्यान और  व्यवहारिक योग दर्शन के अनुभव पर भी अधिक ज़ोर दिया जाता है | 

योग कार्यशाला

श्वसन क्रियाएँ

श्वसन क्रियाएँ, प्राणायाम  और योग का एक अहम हिस्सा है और इससे तनाव को कम करने में मदद मिलती है | प्राण का अर्थ है श्वास या जीवन उर्जा, यम का अर्थ है- घर, इस प्रकार प्राणायाम हमारी जीवन उर्जा का घर है | श्वसन क्रियाएँ हमें ध्यान के गहन अनुभव के लिए तैयार करती हैं |

शुरुआती लोगों के लिए मार्गदर्शन

क्या आप श्रेष्ठ जीवनशैली जीने के लिए सभी रहस्यों को जानना चाहते हैं ?