हमारे बारे में

हम व्यक्ति को सशक्त बनाकर समाज की सेवा करते हैं

आर्ट ऑफ लिविंग एक गैर लाभकारी,शैक्षिक और मानवतावादी संस्थान है,जिसकी स्थापना 1981 में विश्व विख्यात मानवतावादी एवम् आध्यात्मिक गुरु - गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी  द्वारा की गई थी।आर्ट ऑफ लिविंग के 156 देशों में केंद्र चल रहे हैं। हमारे सभी कार्यक्रम गुरुदेव के दर्शन के द्वारा निर्देशित हैं," जब तक हमारा मन तनाव मुक्त और समाज हिंसा मुक्त नहीं होगा,तब तक हम विश्व शांति को प्राप्त नहीं कर पाएंगे।"

आर्ट ऑफ लिविंग में विविध समुदायों के लोग हैं और यह जीवन के सभी स्तरों के लोगों को आकर्षित करता है।

40 वर्ष सेवा के
156 देश ,जहाँ हम परिवर्तन लेकर आए
10,000+ केंद्र,जिनमें विश्वभर में साप्ताहिक फॉलो अप होता है
45 करोड़ लोगों में सकारात्मकता की लहर फैलाई

संस्थापक

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी  विभिन्न जातियों, परंपराओं, आर्थिक और सामाजिक वर्ग और राष्ट्रीयताओं के लोगों को एकसाथ लेकर आए। यह संस्थान 156 देशों में फैला हुआ है और इसने " वसुधैव कुटुम्बकम " का निर्माण किया है।

गुरुदेव का संदेश बहुत सरल है - " प्रेम और ज्ञान के द्वारा घृणा और हिंसा को जीत सकते हैं। "यह संदेश कोई नारा नहीं है,बल्कि आर्ट ऑफ लिविंग ने इसके लिए कई कार्य भी किए हैं और उन कार्यों के अद्भुत सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त हुए हैं।

कार्यक्रम

आर्ट ऑफ लिविंग असंख्य, उच्च स्तर के प्रभावशाली शैक्षिक एवम् आत्म विकास कार्यक्रम कराता है और ऐसे उपकरण प्रस्तुत करता है, जो तनाव को दूर करते हैं। ये उपकरण सभी लोगों को गहरी और अद्भुत आंतरिक शांति, प्रसन्नता और कल्याण प्रदान करते हैं।

इन कार्यक्रमों ने, जिनमें श्वसन तकनीकें, ध्यान, योग और दैनिक जीवन के लिए व्यावहारिक ज्ञान है,ने विश्व के लाखों लोगों की अपने जीवन को पूर्ण रूप से रूपांतरित करने में सहायता की है।

कार्यक्रम

आर्ट ऑफ लिविंग असंख्य, उच्च स्तर के प्रभावशाली शैक्षिक एवम् आत्म विकास कार्यक्रम कराता है और ऐसे उपकरण प्रस्तुत करता है, जो तनाव को दूर करते हैं। ये उपकरण सभी लोगों को गहरी और अद्भुत आंतरिक शांति, प्रसन्नता और कल्याण प्रदान करते हैं।

इन कार्यक्रमों ने, जिनमें श्वसन तकनीकें, ध्यान, योग और दैनिक जीवन के लिए व्यावहारिक ज्ञान है,ने विश्व के लाखों लोगों की अपने जीवन को पूर्ण रूप से रूपांतरित करने में सहायता की है।

"आर्ट ऑफ लिविंग जीवन को पूर्णता से जीने के एक सिद्धांत या दर्शन से कहीं अधिक है। यह संस्थान होने के बजाय एक अभियान अधिक है। इसका मुख्य उद्देश्य अपने भीतर शांति को पाना और हमारे समाज के विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं, धर्मों और राष्ट्रीयता के लोगों को एक करना है और हम सबको यह याद दिलाना है कि हमारा एक ही लक्ष्य है,सब जगह मानव जीवन का उत्थान करना।"

- गुरुदेव श्री श्री रविशंकर

सामाजिक अभियान

आर्ट ऑफ लिविंग ने विभिन्न मानवतावादी परियोजनाओं के द्वारा विभिन्न समुदायों में विकास और प्रगति को प्रोत्साहित किया है। ये परियोजना  विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे हैं,जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं :

  • संघटित सामुदायिक विकास परियोजना 
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
  • पर्यावरण सुरक्षा और स्थिरता
  • महिला सशक्तिकरण और बच्चों की सुरक्षा
  • आपदा राहत प्रबंधन
  • कैदियों का पुनर्वास और विवाद का समाधान

भगिनी (सिस्टर) संस्थान

भारत में आर्ट ऑफ लिविंग के सेवा अभियान विभिन्न ट्रस्टों के द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं। इनमें निम्नलिखित ट्रस्ट शामिल हैं :

  • द इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज ( आई ए एच वी )
  • वेद विज्ञान महाविद्यापीठ ( वी वी एम वी पी )
  • श्री श्री इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी ट्रस्ट ( एस एस आई ए एस टी )
  • श्री श्री पब्लिकेशन्स ट्रस्ट ( एस एस पी टी )

इन ट्रस्टों की अध्यक्षता प्रतिबद्ध व्यवसायी करते हैं, जिन्हें वृहद स्तर पर कई सामाजिक विकास परियोजना  के सफलतापूर्वक प्रबंधन और कार्यान्वयन का वर्षों का अनुभव है।

संस्थान की संरचना

आर्ट ऑफ लिविंग स्वयं सेवकों पर आधारित विश्व के सबसे बड़े संस्थानों में से एक है। संस्थान का अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय बेंगलुरु,भारत में स्थित है। विश्व में,यह संस्थान आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के रूप में कार्यरत है,जिसकी स्थापना यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका और जर्मनी में 1989 में की गई थी। तभी विश्व भर में स्थानीय केंद्रों की स्थापना की गई।

आर्ट ऑफ लिविंग की संस्थान संरचना में बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज हैं,जिनका कार्यकाल दो वर्ष का होता है। दो तिहाई ट्रस्टी हर दूसरे वर्ष में बदल जाते हैं। सभी आर्ट ऑफ लिविंग शिक्षकों और भूतपूर्व ट्रस्टियों को नए बोर्ड के लिए नामांकन करने की अनुमति है।

यहाँ एक सलाहकार बोर्ड का प्रावधान है, जो संस्थान की निगरानी और मार्गदर्शन करता है। एक बाहरी निरीक्षक के द्वारा खातों की लगातार जांच होती है। खर्च के अलावा, कोई भी ट्रस्टी वेतन या अन्य किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं लेता है। आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम प्रत्यक्ष रूप से मानवतावादी परियोजनाओं में सहायता करने के लिए वित्त पोषण करते हैं। द आर्ट ऑफ लिविंग पब्लिकेशन्स और आयुर्वेद के उत्पादों की बिक्री से आने वाला धन भी सामाजिक अभियानों में प्रयोग किया जाता है।

 

सदस्यता

आर्ट ऑफ लिविंग कई प्रतिष्ठित समूहों और गठबंधन का सदस्य है। इसमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं:

  • इंटरनेशनल यूनियन फॉर हेल्थ प्रोमोशन एंड एजुकेशन,पेरिस
  • एन जी ओ फोरम फॉर हेल्थ,जेनेवा
  • इंटरनेशनल एलायंस अगेंस्ट हंगर
  • कोंगो ( कॉन्फ्रेंस ऑफ एन जी ओ ज़ इन कंसल्टेटिव स्टेटस विद ई सी ओ एस ओ सी ऑफ द यूनाइटेड नेशन्स ) , जेनेवा एंड न्यूयॉर्क
  • यू एन मेंटल हैल्थ कमेटी एंड यू एन कमेटी ऑन एजिंग,न्यूयॉर्क

हमसे संपर्क करें

भारतीय ऑफिस

फोन : +91 8067612345​
फैक्स :+91 80 2843 2833
ईमेल : secretariat@artofliving.org 
पता :ऑफिस ऑफ गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, द आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर,२१ किमी,कनकपुर रोड, उदयपुरा,बेंगलुरु साउथ, कर्नाटक - 560082,भारत

प्रेस में खबरें

“गहराई से श्वास लेने और योग आसन आपकी और आपके व्यवसाय की मदद कर सकते हैं।”

“प्रतिभागियों का शारीरिक,मानसिक एवम् भावनात्मक रूप से कायाकल्प हो रहा है।" - गुरुदेव श्री श्री रविशंकर

“इसका उद्देश्य ना केवल लगातार बढ़ते तनाव को कम करना है, बल्कि यह नकारात्मक भावनाओं को भी मिटा देता है, जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं कि वे हमें अभी भी प्रभावित कर रही हैं।”

“आर्ट ऑफ लिविंग इस पृथ्वी पर सबसे अधिक शीघ्रता से विकसित होने वाला आध्यात्मिक अभ्यास है।”

“श्वसन अभ्यासों ने सैन्य सिपाहियों में पी टी एस डी को प्रभावशाली तरीके से कम किया है”

“बहुत सारे लोगों ने बेहतर नींद और आत्म सजगता में सुधार का अनुभव किया और कई लोगों में पी एम एस के लक्षण भी कम हो गए।”

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गिफ्ट ए स्माइल

हम प्रतिवर्ष 60,000 विशेषाधिकार से मुक्त बच्चों को समग्र शिक्षा प्रदान करते हैं। आपके द्वारा दिए गए दान की बहुत अधिक आवश्यकता है और इसका अधिकतम प्रयोग किया जाता है। 95 % से अधिक राशि सीधे तौर पर इस कार्यक्रम में प्रयोग की जाती है।