कई बिमारियों से जूझने पर, अंततः हमारी पीढ़ी को समग्र जीवन का महत्व समझ आया। दुरुस्त रहने के लिए न सिर्फ लोग सदियों पुरानी तकनीकों जैसे योग और ताई ची (एक चीनी मार्शल आर्ट अभ्यास) का सहारा ले रहे, बल्कि वजन कम करने के त्वरित तरीकों को भी त्याग रहे हैं। वजन कम करने के तरीकों की तलाश के दौरान यह समझना कि, वजन कम करना एक यात्रा है और कुछ भी जो जल्दी परिणाम दे, वह जोखिम के साथ आता है। परिणामों की हड़बड़ी के विपरीत यह उचित होगा कि वजन घटने की प्रक्रिया अपना समय ले व प्राकृतिक रूप से वजन घटाने का सबसे श्रेष्ट तरीका आध्यात्मिक तरीका है। ऐसा इसलिए क्योंकि आध्यात्म मन और शरीर को एकीकृत करता है, जिसके चलते मन शरीर को निर्देशित करता है और जब वह परिवर्तन से गुज़र रहा होता है तब, उसे सचेत रखता है।

अध्यात्म का लक्ष्य ऐसा आनंद पाना है, जिसे तुमसे कोई दूर न कर सके।

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

अध्यात्मिकम रूप से वजन कैसे कम करे?

अपने मन पर नियंत्रण रखे

क्या आप भूख का विज्ञान जानते हैं? यह वास्तव में पेट से शुरू नहीं होता, बल्कि, जब आप भोजन देखते है तब, वह मन है, जो भूख और लालसा को जगाता है (निःसंदेह ऐसा हमेशा नहीं होता)। बार-बार भूख लगने कि प्रवृत्ति से निपटने के लिए मन पर नियंत्रण एक आध्यात्मिक उपाय है। ध्यान और सचेतनता आत्मजागरुकता को परिप्रेक्ष्य में लाने में सहायक होता है और आपको आपके खाने के विकल्पों के प्रति जागरूक करता है।

एक अप्रतिबद्ध मन दुखी रहता है। एक प्रतिबद्ध मन हो सकता है कभी-कभी बुरे समय का अनुभव करे, पर उसे, उसकी मेहनत का फल मिलता है।

– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

आभारी होना

जब आप अपने आस-पास अभागे लोगों को देखते है, तब आपको कैसा लगता है? अत्यंत कृतज्ञता महसूस होती है, है न? याद रखे, आपका जीवन बहुत बड़ा आशीर्वाद है और अपने मन और शरीर के लिए कृतज्ञ बनें। यह विनम्रता आपको किसी अस्वास्थ्यवर्धक आदतों में लगने से पहले आपको अपने शरीर के बारे में विचार करने के लिए प्रेरित करेगी।

आध्यात्मिक रूप से खिलने का मतलब है जीवन के हर आयाम में खिलना – खुश रहना, अपने प्रति और अपने आस-पास के लोगों के प्रति सहजता से रहना।

– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

अपने चक्रों को जागृत करें

हम हमारे शरीर के सात चक्र या ऊर्जा के केंद्रों के बारे में जानते है। इन आध्यात्मिक संयोजक पर काम करने पर, ये मन, अंगों, और बुद्धि को एकीकृत करता है। सुदर्शन क्रिया, ध्यान और योग चक्रों की क्रमित और सुरक्षित जागृति को सुगम बनाते है, जिससे भावनात्मक और शारीरिक रूप से बदलाव आता है। अत्यधिक खाने की प्रवृत्ति कम होती है और कुछ ही समय में वजन घटना शुरू हो जाता है।

ध्यान में, उपचार हो सकता। जब मन शांत, सतर्क और पूर्ण रूप से संतुष्ट होता है, तब वह लेजर की किरणों की तरह होता है, तब वह अत्यधिक शक्तिशाली होता है और उपचार संभव होता है।

– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

अनिरंतर उपवास (रुक-रुक कर उपवास करना)

कई परंपराओं में उपवास आध्यात्मिक अनुशासन है। अनिरंतर उपवास से आशय उपवास और गैर उपवास कि अवधि के बीच स्विच करना है। यहाँ खाने का पैटर्न, छोटा और नियमित उपवास अथवा कम या न खाने के बीच की अवधि है। अध्ययन से पता चला है कि रुक रुक कर उपवास से कुछ ही समय में वजन कम हो जाता है।

मध्यम मार्ग अपना कर सतर्कता से आहार करें

धीरे-धीरे और सतर्कता से खाने से पाचन में सहायता होती है और वजन प्राकृतिक रूप से घटता है। इससे हम हमारे शरीर में क्या डाल रहे हैं और वह कितना स्वास्थ्यवर्धक है, यह जानने की आदत विकसित होती है। इससे हम भोजन की सराहना कर पाते हैं। सोने से पहले हल्का भोजन और खाली पेट, नींद के चक्र को बेहतर करता है और शरीर को शुद्ध करता है। बेहतर जागरूकता के साथ, हम अनावश्यक अल्पाहार से बचते है, जिससे अंततः उपापचय बढ़ता है और प्रभावी रूप से वजन घटाने में सहायता होती है।

योगासन और मुद्राएं

योग, वजन घटाने का एक अद्भुत तरीका है, जो लगभग 7000 साल पहले से शुरु है। योग न केवल हमारे मन और शरीर को आराम देता है बल्कि वजन बढ़ने पर भी प्रतिबंध लगाता है। कुछ योगासन जैसे सूर्य नमस्कार, धनुरासन, उत्कटासन आदि वजन घटाने में सहायक है | हालांकि योग धीरे-धीरे वजन घटाता है। योग मुद्राएं हमारे शरीर के ऊर्जा के स्तरों को सक्रिय करती हैं, जिससे उपचार और वजन घटने की प्रक्रिया सुगम होती है। हर मुद्रा का पृथक कार्य है जैसे आदि मुद्रा शरीर में फेफड़ों की क्षमता और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाती है, चिन्मयी मुद्रा मन को आराम देती व आत्म-जागरूकता को बढ़ाती है, चिन मुद्रा से एकाग्रता बढ़ती है, आदि।

योग हमें सात्विक भोजन (सब्जियों, फलों, अनाजों और सूखे मेवों के संयोजन) का अनुसरण करने की शिक्षा भी देता है, जो ऊर्जा के उत्तम स्त्रोत है और साथ ही वजन घटाने के लिए बेहतर आहार योजना है। वजन घटाने के लिए योग कैसे करें?

दुःखों का नाश करने वाला योग तो यथा योग्य आहार-विहार करने वाले का, कर्मों में यथा योग्य चेष्ठा करने वाले का और यथा योग्य सोने तथा जागने वाले का ही सिद्ध होता है।

– भगवद् गीता

प्रक्रिया पर विश्वास रखे

जैसा कि हम वजन घटाने के बहुत से आध्यात्मिक तरीके अनुभव कर चुके हैं, यह बहुत आवश्यक है कि हम प्रक्रिया के अनुशासन / आत्मसंयम पर निष्ठा रखें। आत्मविश्वास, अतार्किक अपेक्षाओं के बिना आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। वजन घटने की कल्पना भी हमें अस्वास्थ्यवर्धक खाने की आदतों से मुक्त होने की प्रेरणा देता है।

जब आप अपने मन और व्यवहार पर नियंत्रण रखते हैं, तो वह मुक्ति है और आप इसे, बड़े स्व को जानकर, प्राप्त कर सकते हैं।

– गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर

अगर आप अपनी भावनात्मक और अत्यधिक खाने की आदतों को कम करना चाहते हैं, तब ध्यान और श्वास कार्यशाला के लिए हमारे साथ जुड़ें और अपने मन पर बेहतर नियंत्रण प्राप्त करें।

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