योग के बारे में (yoga)

शिशु आसन | Balasana
| Shishuasana

people doing बालासन | Balasana | Shishuasana

बाल का अर्थ है- शिशु या बच्चा, बालासन में हम एक शिशु की तरह वज्र आसन लेकर हाथों और शरीर को आगे की ओर झुकाते है। यह आसन बेहद आसान ज़रूर है मगर काफी लाभदायक भी है। कमर की मांसपेशियों को आराम देता है और ये आसन कब्ज़ को भी दूर करता है। मन को शांत करने वाला ये आसन तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।

बालासन (शिशुआसन) करने की प्रक्रिया | How to do Balasana

  1. अपनी एड़ियों पर बैठ जाएँ,कूल्हों पर एड़ी को रखें,आगे की ओर झुके और माथे को जमीन पर लगाये।
  2. हाथों को शरीर के दोनों ओर से आगे की ओर बढ़ाते हुए जमीन पर रखें, हथेली आकाश की ओर (अगर ये आरामदायक ना हो तो आप एक हथेली के ऊपर दूसरी हथेली को रखकर माथे को आराम से रखें।)
  3. धीरे से छाती से जाँघो पर दबाव दें।
  4. स्थिति को बनाये रखें।
  5. धीरे से उठकर एड़ी पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे सीधा करें। विश्राम करें।

 

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बालासन के लाभ | Benefits of the Balasana

  1. पीठ को गहरा विश्राम।
  2. कब्ज से राहत दिलाता है।
  3. तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।

बालासन के अंतर्विरोध | Containdications of the Balasana

  1. यदि पीठ में दर्द हो या घुटने का ऑपरेशन हुआ हो तो अभ्यास न करें।
  2. गर्भवती महिलाएं शिशु आसन का अभ्यास ना करें।
  3. अभी आप दस्त से परेशान हो या हाल ही में ठीक हुए हो तो ये आसन न करें।

 

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और कुछ फायदेमंद योगासन (beneficial yoga poses)

योग शरीर व मन का विकास करता है।इसके अनेक शारीरिक और मानसिक लाभ हैं परंतु इसका उपयोग किसी दवा आदि की जगह नही किया जा सकता। यह आवश्यक है की आप यह योगासन किसी प्रशिक्षित श्री श्री योग (Sri Sri yoga) प्रशिक्षक के निर्देशानुसार ही सीखें और करें। यदि आपको कोई शारीरिक दुविधा है तो योगासन करने से पहले अपने डॉक्टर या किसीभी श्री श्री योग प्रशिक्षक से अवश्य संपर्क करें।श्री श्री योग कोर्स करने के लिए अपने नज़दीकी आर्ट ऑफ़ लिविंग सेण्टर पर जाएं। किसी भी आर्ट ऑफ़ लिविंग कोर्सके बारे में जानकारी लेने के लिए हमेंinfo@artoflivingyoga.org पर संपर्क करें ।

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