सिरदर्द क्या है?

वर्तमान जीवन शैली में सिर दर्द का होना आम है। यह साधारण सी लगने वाली व्याधि धीरे – धीरे  व्यक्ति को कुछ इस प्रकार घेरती है कि अनेक तरह की दवाइयाँ भी कोई काम नहीं करतीं। 

बहुत से लोग तो नियमित सिरदर्द को अपने जीवन का अंग ही मान लेते हैं परन्तु इस व्याधि का उपचार है ‘ध्यान’। यह जानकारी थोड़ी अलग सी प्रतीत होती है लेकिन ध्यान के द्वारा सिरदर्द का उपचार संभव है।

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सिरदर्द क्यों होता है?

सिरदर्द के मुख्य कारण तनाव, शारीरिक और मानसिक परिश्रम की अधिकता, अपर्याप्त नींद और भूख, मोशन सिकनेस, अत्यधिक शोरगुल तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अधिक प्रयोग हो सकता हैं। कभी-कभी अधिक सोचना, अपर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी सिरदर्द का कारण होता है।

सिरदर्द के कारण (sar dard ke karan)

  • तनाव
  • मन व शरीर की थकावट
  • असंतुलित शारीरिक तंत्र
  • सिर में अल्प रक्त प्रवाह
  • अपर्याप्त नींद
  • अत्यधिक शोर
  • फोन पर ज्यादा देर बात करना
  • अत्यधिक सोचना

1. तनाव

तनाव जब अत्यधिक हो जाए तब यह सिरदर्द का रूप ले लेता है। ध्यान तनाव का एक सरल उपचार है। प्रत्येक दिन दो बार सुबह – शाम 10 से 20 मिनट का ध्यान तनाव से मुक्ति दिलाता है। परिणाम स्वरूप सिरदर्द स्वतः दूर हो जाता है। 

2. मन व शरीर की थकावट

आज के भाग दौड़ वाले समय में, दिन भर में कई प्रकार के कार्य करने होते हैं। ऐसे में व्यक्ति को अधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ध्यान ऊर्जा से भर देता है। चित्त शांत हो जाता है और व्यक्ति ताजगी का अनुभव करता है। चेहरे पर मुस्कराहट लौट आती है और सुबह जैसी ताजगी शाम को मात्र 20 मिनट के ध्यान से आ जाती है। यह पूरी तरह विश्राम देता है फलस्वरूप व्यक्ति अपने परिवार के साथ आनंदपूर्वक समय व्यतीत कर सकता है।

3. असंतुलित शारीरिक तंत्र

आपने अनुभव किया होगा कि जब आपका पेट खराब होता है, आपको सिरदर्द होने लगता है l हमारे शरीर के सब अंग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं इसलिए एक अंग में किसी भी प्रकार का असंतुलन, दूसरे अंग को प्रभावित करता है।

ध्यान शरीर के विभिन्न अंगो में उपस्थित विषाक्त पदार्थों  को शरीर से निष्काषित करता है और तनाव को दूर कर पुनः संतुलन को स्थापित करता है। यह शरीर के पाचन तंत्र को संतुलित रखने में सहयोग करता है। जब व्यक्ति प्रतिदिन सजग रहता है कि वह भोजन के रूप में क्या ले रहा है और कितना ले रहा है तो पाचन में सुधार आता है तथा शरीर भी संतुलित हो जाता है। इस प्रकार सिर दर्द की संभावना कम हो जाती है।

4. सिर में अल्प रक्त प्रवाह

दिन में दो बार 10 से 20 मिनट का ध्यान, न केवल शरीर व मन को गहरा विश्राम देता है बल्कि मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह भी बढ़ाता है। इस क्षेत्र में बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह सिरदर्द की संभावना को कम कर देता है।

ध्यान के अतिरिक्त आप कुछ योगासन भी कर सकते हैं, जो रक्त संचार को बढ़ाते हैं, जैसे कि हस्तपादासन, सर्वंगासन और हलासन।

5. अपर्याप्त नींद

अत्यधिक काम का बोझ अथवा टीवी व इंटरनेट का व्यसन, ये सभी रात को देर से सोने के बहाने हैं। यद्यपि इन्हें आदत बनाना बिलकुल भी अच्छा नहीं है, लेकिन कई बार किसी कारणवश रात को सोने में देरी हो जाती है। जब भी किसी प्रॉजेक्ट की समय सीमा समाप्त हो रही हो या देर रात क्लाइंट के साथ मीटिंग हो, तब देर रात सोना लगभग सामान्य है। ऐसे में, कई बार केवल 20 मिनट का ध्यान कार्य के दबाव का सामना करने में मदद करता है।

ध्यान विश्राम देता है, ऊर्जा से भर देता है और साथ ही कार्यक्षमता को बढ़ाता है। वास्तव में, ध्यान का नियमित अभ्यास उत्पादकता को बढ़ाता है। व्यक्ति कार्य जल्दी समाप्त कर लेता है और देर रात तक जागना नहीं पड़ता।

ध्यान नींद आने का एक ऐसा घरेलू उपाय है, जिससे तुरंत लाभ होता है।

ध्यान नींद की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। 20 मिनट का ध्यान 8 घंटे की नींद से भी ज्यादा गहरा विश्राम दे सकता है। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि ध्यान नींद का विकल्प है, बल्कि व्यक्ति जब ध्यान करता है तो वह बेहतर नींद ले पाता है।

6. अत्यधिक शोर

अत्यधिक शोर का अनुभव कभी न कभी हम सबने किया है। हम में से कुछ बिल्कुल भी शोर सह नहीं पाते हैं और जल्दी ही सिरदर्द की शिकायत करने लगते हैं।

ध्यान किसी भी परिस्थिति को स्वीकार करने की योग्यता देता है, जिससे व्यक्ति हर तरह की परिस्थिति में शांत और सहज रह पाता है। परिस्थितिवश आसपास का शोर व्यक्ति को प्रभावित नहीं करता क्योंकि वह ध्यान करता है। 

नोट: जब आप नियमित ध्यान करते हैं तब आपके भीतर एक ठहराव की अनुभूति आने लगती है। ऐसी स्थितियाँ आएंगी जब आपके आसपास बहुत शोर होगा जो कि सिरदर्द कर देने वाला भी हो सकता है लेकिन नियमित ध्यान के अभ्यास से आप इस स्थिति का सामना कर पाएँगे और उसे आसानी से स्वीकार कर सकेंगे।

7. फोन पर ज्यादा देर बात करना

यह एक ऐसी स्थिति है जिससे बचना कई बार कठिन हो जाता है। दिन भर की क्लाइंट कॉल या देश-विदेश के दोस्तों के हालचाल समाचार लेना, इस तरह का कार्य व्यक्ति अपने जीवन में हर दिन करता है। फोन पर ज्यादा देर बात करना भी सिरदर्द का कारण बन जाता है।

चिंता करने की कोई बात नहीं है l जब भी आपको चक्कर आए बस कुछ मिनट ध्यान करें। यह आपके तनाव को दूर करेगा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्रयोग से दुष्प्रभावित तंत्रिका तंत्र को गहरा विश्राम देगा।

8. जरूरत से ज्यादा सोचना

सिर दर्द से निवृत्त होने का एक कारगर उपाय है – ज्यादा सोचना बंद कर देना। लेकिन कई बार सोचना आवश्यक हो जाता है। दिन प्रतिदिन के जीवन में तनाव, कामकाज का दबाव, पारिवारिक दबाव, संबंधों में विवाद, इन सब परिस्थितियों के बीच यह कठिन है कि व्यक्ति बिलकुल न सोचे। परन्तु, जब कुछ मिनट के लिए समय निकाल कर ध्यान करते हैं तो निश्चित ही विश्राम प्राप्त होता है।

अनुभव

मुझे करीब 10 साल से माइग्रेन था। यह इतना तीव्र था कि कई बार मैं हिल भी नहीं पाती थी, दर्द प्राण निकालने वाला होता था। जब मैंने ध्यान करना शुरू किया, मुझे कुछ ही दिनों में अंतर दिखने लगा। पहले दर्द की तीव्रता कम हुई और ध्यान के नियमित अभ्यास से अब दर्द की आवृत्ति भी कम हो गयी है।

– सारा जोसेफ, पोलेंड

सिरदर्द के घरेलू उपाय (sir dard ka gharelu ilaaj)

  1. योग का नियमित अभ्यास – जिस में योगासन और प्राणायाम (नाड़ी शोधन प्राणायाम व भ्रामरी प्राणायाम) सम्मिलित हैं, अत्यंत प्रभावी हैं l तत्पश्चात 20 मिनट का ध्यान करें।
  2. अधिक पानी पियें – पर्याप्त मात्रा में पानी पियें। शरीर में पानी की कमी से भी सिरदर्द हो सकता है। योग और ध्यान के अभ्यास के पश्चात् कभी-कभी हमें सिरदर्द हो सकता है। कारण यह है कि ध्यान शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। इसके पश्चात् शारीरिक तंत्र प्रणाली को शुद्ध करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए पानी एक आसान उपचार है।
  3. आयुर्वेद की सहायता – आयुर्वेद की जड़ी बूटियाँ जो सिरदर्द को दूर करने में मदद करती हैं, जैसे पान, लौंग, अदरक और मेहंदी इत्यादि। अपने स्वादानुसार एक स्वस्थ आहार की सूची बनाएं। यह एक ऐसा उपाय है जिसे आप लंबे समय तक उपयोग में ला सकते हैं।

भारती हरीश, सहज समाधि ध्यान प्रशिक्षिका और डॉक्टर निशा मणिकनटन, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से प्राप्त सूचनाओं पर आधारित। गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी की ज्ञान वार्ता से उद्धृत।

सिरदर्द से सम्बन्धित सामान्य प्रश्न

सिरदर्द के कई कारण हो सकतें है। कई बार यह शरीर में पानी की कमी से भी हो सकता है। ऐसे में तुरंत एक गिलास गरम या गुनगुना पानी पीने से आराम मिलता है। कई बार सिरदर्द का कारण देर तक खाली पेट रहना हो सकता है, उस स्थिति में कुछ गरम खा लेना चाहिए और अच्छी तरह विश्राम करना चाहिए।
सिरदर्द में पूरे सिर पर हल्के हाथों से मालिश कर सकते हैं और कान के पीछे गर्दन पर, दोनों हाथों से हल्का मालिश करें तथा माथे के दोनों ओर दबाने से भी काफी आराम मिलता है।
सिरदर्द में श्री श्री तत्व की शिराशूलारी वटी ले सकते हैं। हमारे नाड़ी वैद्य से ऑनलाइन परामर्श भी ले सकते हैं।
सिरदर्द होने पर हल्का सुपाच्य भोजन करें, अच्छी नींद लें और एक बार अपने आयुर्वेदिक वैद्य से परामर्श लें।
सिर का भारी लगना तनाव के कारण हो सकता है या फिर यह अपच हो सकता है। ऐसे में अधिक तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है, अधिक पानी पियें, अच्छे से भोजन करें और 7 से 8 घंटे की नींद लें। सुदर्शन क्रिया तथा ध्यान इस समस्या के समाधान में बहुत सहायक हैं।
सिर की नसों में दर्द तनाव या चिंता के कारण हो सकता है। कई बार शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी के कारण भी ऐसा होता है। ऐसे में चिकित्सक का परामर्श लेना उचित होता है।

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