श्वास जल ध्वनि कार्यक्रम के द्वारा ग्रामीण इलाकों का विकास

नव चेतना शिविर ( जिसे श्वास जल ध्वनि कार्यक्रम भी कहा जाता है ) आर्थिक एवं भावनात्मक रूप से पिछड़े एवं व्यथित समुदाय की चुनौतियों का समाधान करने के लिए आयोजित किया जाता है । उनके जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए उनको आवश्यक पद्धति एवं तकनीक से लैस किया जाता है । उनके सशक्तिकरण के लिए प्रथम कदम के बतौर उन्हें तनाव से मुक्ति पाने एवं उनमें आत्मविश्वास का सृजन करने में सहायता दी जाती है ।

नव चेतना शिविर आर्ट आफ लिविंग का मुख्य संपर्क कार्यक्रम है । शिकागो की बस्ती से लेकर भारत के दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों तक विश्व के 20 लाख लोगों से अधिक इस कार्यशाला से लाभान्वित हुए हैं । यह लोगों को आपस में जोड़ने में मुख्य भूमिका निभाता है । उन्हें सेवा करने एवं अपने समुदाय के विकास करने के प्रयासों में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है ।

प्रत्येक व्यक्तियों को आराम करने के लिए सरल श्वास - ध्वनि विश्राम एवं ध्यान तकनीक सिखाया जाता है । इस तकनीक के द्वारा व्यक्ति क्रोध ,अफसोस एवं अवसाद जैसे नकारात्मक भावनाओं से निपटना सीख जाता है । इन भावनाओं पर काबू पाने के कारण लोगों में शांति एवं विश्राम की अनुभूति होने लगती है । फलस्वरूप मानसिक स्पष्टता,आत्मविश्वास एवं केंद्रित ध्यान के कारण ग्रामीण इलाकों की चुनौतियों का सृजनात्मक एवं नए-नए समाधान निकल कर आते हैं - चाहे वह पदार्थ का गलत उपयोग हो या ढाचागत समस्याएं हो या आवश्यक सुविधाओं की कमी हो ।

हमारे सेवा कार्यों के नायकों का सर्वमान्य श्वास तकनीक, सुदर्शन क्रिया द्वारा सशक्तिकरण किया जाता है । अब इस क्रिया को अपने घर में बैठे आराम से आप सीख सकते हैं।

जब सशक्तिकरण व्यक्तिगत परिवर्तन से प्रारंभ होता है तो इसका असर सतत रहता है ।स्वभावतः सशक्त लोग अपने समुदाय का उन्नति की ओर नेतृत्व करते हैं । वर्षों से हमने इस तकनीक के प्रभाव से पूरा का पूरा समुदाय का कायापलट होते देखा है जो कि स्वास जल ध्वनि कार्यक्रम के शक्ति का जीता जागता उदाहरण है।