योग के बारे में (yoga)

त्रिकोणासन | Trikonasana in Hindi

त्रिकोण = त्रिभुजाकार; आसन - स्थिति या मुद्रा

अन्य आसनों से भिन्न त्रिकोणासन में शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए आँखों को खुला रखा जाता है।

त्रिकोणासन करने कि प्रक्रिया | How to do the Trikonasana in Hindi

  • सीधे खड़े हो जाएँ। अपने पैरों के बीच सुविधाजनक दूरी बना लें (तकरीबन ३ १/२ से ४ फिट)।
  • अपने दाहिने पंजे को ९० डिग्री तथा बाएँ पंजे को १५ डिग्री तक घुमाएँ।
  • अपनी दाहिनी एड़ी के केंद्र को अपने बाएँ पैर से बन रहे घुमाव के केंद्र कि सीध में लेकर आएँ।
  • सुनिश्चित करें की आपके पंजे जमीन को दबा रहे हों और शरीर का भार दोनों पैरों पर समान रूप से हो।
  • एक गहरी श्वास अन्दर की ओर लें, श्वास बाहर की ओर छोड़ते हुए अपने शरीर को दाहिने तरफ मोड़ें, कूल्हों से नीचे की तरफ जाएँ, कमर को सीधा रखते हुए अपने बाएँ हाथ को ऊपर हवा में उठाएँ और दाहिने हाथ को नीचे जमीन की तरफ ले जाएँ। इस प्रकार अपने दोनों हाथों को एक सीध में रखें।
  • अपने दाहिने हाथ को एड़ी या जमीन पर बाहर की तरफ रखें अथवा अपनी कमर को बिना मोड़े हुए जहाँ भी संभव हो रख सकते हैं। अपने बाएँ हाथ को छत की ओर खींचे और कंधो की सीध में ले आएँ । अपने सिर को बीच में रखे या बाहिनी ओर मोड़ लें, आँखों की दृष्टि को बहिनी हथेली की ओर केंद्रित करें।
  • ध्यान रखें की आपका शरीर किनारे की तरफ से मुड़ा हुआ हो। शरीर आगे या पीछे की ओर झुका न हो। नितम्ब तथा वक्ष पूरी तरह से खुले रहें।
  • शरीर में अधिकतम खिंचाव बनाए रखते हुए स्थिर रहें। गहरी श्वासें लेते रहें। बाहर जाती हुई प्रत्येक श्वास के साथ शरीर को विश्राम दें। अपने शरीर एवं श्वास के साथ मनःस्थित रहें।
  • जब भी श्वास लें, ऊपर की ओर उठें, अपने हाथों को नीचे की तरफ लाएँ और पैरों को सीधा करें।
  • यही प्रक्रिया अपनी दूसरी तरफ से भी करें।

 

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त्रिकोणासन के लिए कुछ सुझाव | Tips to do Trikonasana

  • इस आसन को करने से पूर्व आप इस बात का ध्यान रखे की आपने अच्छे से शुरुआती कसरत (Warm-up) कर लिया हो।
  • सामने की और झुकते समय आराम से धीरे धीरे झुके ताकि आपका संतुलन बना रहे।

त्रिकोणासन से पूर्व किये जाने वाले कुछ आसन | Preparatory asanas

त्रिकोणासन के बाद किये जाने वाले आसन | Follow up asanas

त्रिकोणासन के लाभ | Benefits of the Trikonasana

  • यह आसन पैरों, घुटनों, एड़ियों, हाथों और वक्ष को मजबूत बनाता है।
  • यह आसन नितम्बों, कूल्हों, जंघा की मांसपेशियों, कन्धों, वक्ष तथा रीढ़ की हड्डी में और ज्यादा खुलाव व खिंचाव उत्पन्न करता है। (और अधिक लचीला बनाता है व इन सब अंगो में खुलापन बनाता है। )
  • यह आसन शारीरिक व मानसिक तारतम्यता को बढ़ता है।
  • पाचन को बेहतर करने में सहायक है। (पाचनक्रिया में सहायता करता है एवं उसे सक्रिय बनाता है)
  • तनाव, चिंता, पीठ के दर्द और सायटिका के कष्टों को दूर करता है।

त्रिकोणासन के अंतर्विरोध | Contraindications of the Trikonasana

  • यदि आपको माइग्रेन, डायरिया, निम्न या उच्चरक्तचाप, गर्दन या पीठ पर चोट लगी हो तो इस आसन को न करें (जो उच्चरक्तचाप से पीड़ित हैं वह अपने हाथों को सिर के ऊपर ना उठाते हुए इस आसन को करें, अन्यथा उनका रक्तचाप और अधिक हो सकता है।)

 

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और कुछ फायदेमंद योगासन (yoga poses in hindi)

योग शरीर व मन का विकास करता है। इसके अनेक शारीरिक और मानसिक लाभ हैं परंतु इसका उपयोग किसी दवा आदि की जगह नही किया जा सकता। यह आवश्यक है की आप यह योगासन किसी प्रशिक्षित श्री श्री योग (Sri Sri yoga) प्रशिक्षक के निर्देशानुसार ही सीखें और करें। यदि आपको कोई शारीरिक दुविधा है तो योगासन करने से पहले अपने डॉक्टर या किसीभी श्री श्री योग प्रशिक्षक से अवश्य संपर्क करें। श्री श्री योग कोर्स करने के लिए अपने नज़दीकी आर्ट ऑफ़ लिविंग सेण्टर पर जाएं। किसी भी आर्ट ऑफ़ लिविंग कोर्सके बारे में जानकारी लेने के लिए हमें info@artoflivingyoga.org  पर संपर्क करें ।

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