Shavasana in Marathi

शव एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है- मृत शरीर। इस आसन को यह नाम इसलिए मिला है क्योंकि इसमें एक मृत शरीर के समान आकार लिया जाता है। शवासन विश्राम करने के लिए है और अधिकांश पूरे योगासन क्रम के पश्चात किया जाता है। एक पूरा योग का क्रम क्रियाशीलता के साथ आरम्भ होता है और विश्राम में समाप्त होता है। यह वह स्थिति है जब आपके शरीर को पूर्ण विश्राम मिलता है।

 

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शवासन करने की प्रक्रिया | How to do Savasana

  • बिना तकिये या किसी भी वस्तु का सहारा लिए पीठ के बल लेट जाएँ। यदि आवश्यकता हो तो अपनी गर्दन के नीचे एक छोटा तकिया लगा सकते हैं। आँखें बंद कर लें ।
  • अपने पैरों को आराम से फैला लें और अपने घुटनों व पंजे को पूर्ण विश्राम दे। दोनों पैरों की उँगलियाँ एक दुसरे के विमुख होनी चाहिए।
  • अपने हाथों को शरीर के साथ रखें परंतु वे आपके शरीर को न छुएँ। हथेलियाँ आसमान की ओर फैली हुई।
  • अपना ध्यान शरीर के हर अंग पर धीरे-धीरे लेकर जाएँ और अपने पूरे शरीर को विश्राम दे।
  • अपना ध्यान दाहिने पंजे पर ले जाएँ, और फिर दाहिने घुटने पर ले जाएँ( इस प्रकार पूरे दाहिने पैर पर अपना ध्यान ले जाएँ और उसके पश्चात बहिनी पैर पर अपना ध्यान ले जाएँ), धीरे-धीरे शरीर के हर एक अंग को विश्राम देते हुए सिर पर अपना ध्यान ले जाएँ।
  • धीमी और गहरी साँसे ले और हर साँस लेते हुए विश्राम करें। अंदर आती हुई हर साँस आपको ऊर्जा देती है और बाहर जाती हुई हर साँस आपको विश्राम देती है। अपने मन में उठ रही उत्तेजना, शीघ्रता, अथवा किसी भी चीज़ पर ध्यान न दे। सिर्फ अपने शरीर और मन के साथ रहे। अपने पूरे शरीर को धरती पर समर्पित कर दे और विश्राम करें। ध्यान दे के आप यह आसन करते हुए सो न जाएं।
  • १०-२० मिनट के बाद, जब आप पूर्णतः विश्राम की स्थिति में पहुँच जाएँ तब अपनी आँखें बंद रखते हुए अपनी दाहिनी ओर करवट लें। उस स्थिति में १ मिनट तक रहे। अपने दाहिने हाथ का सहारा लेते हुए उठ कर बैठ जाएँ।
  • अपनी आँखों को बंद रखते हुए कुछ लंबी गहरी साँसे ले और धीरे से अपना ध्यान वापस अपने वातावरण और शरीर की ओर लेकर आएँ। जब आप पूर्णता का अनुभव करें तो अपनी आँखें धीरे से खोल सकते हैं।

शवासन के लाभ | Benefits of Shavasana

  • शवासन करने से व्यक्ति एक गहरी ध्यान की स्थिति में पहुँच जाता है जो शरीर को तनाव से मुक्त करती है और कोशिकाओं को पूर्णतः ठीक करती हैं। योगाभयास के पश्चात शवासन करने से आप गहरे ध्यान की स्थिति में जा सकते है।
  • आसन के अभ्यास से आपका शरीर पुनः ऊर्जा से भर जाता है। यह पूर्ण योगाभ्यास के क्रम को खत्म करने के लिए सबसे उत्तम आसन है, मुख्यतः जब आपने योगासन तेज़ गति से किया हो।
  • आसन नीचे रक्त-चाप, इंसोम्निया, और एंग्जायटी के मरीजों के लिए बहुत अच्छा है।
  • आसन शरीर को स्थिर करने के लिए सबसे उत्तम आसन है और वात दोश को शरीर में ठीक करता है।

शवासन के अंतर्विरोध | Contradictions of Shavasana

शवासन को करने के कोई भी अंतर्विरोध नही हैं। यदि आपको किसी डॉक्टर ने ज़मीन पर सीधा लेटने के लिए मना किया हो तो यह आसन न करें।

<<विष्णुआसन | Vishnu Asana  नटराजासन | Natraja Asana>>

 

(उपयोगी योगासन)

यद्यपि योगाभ्यास शरीर और मन के लिए बहुत फ़ायदेमंद है, फिर भी इसे दवा के बदले आजमाना उचित नही है। योगासनों का अभ्यास आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और श्री श्री योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की अनुमति के पश्चात ही योगाभ्यास करें। श्री श्री योग कोर्स आपके नज़दीकी आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र में आप सीख सकते हैं। अगर आप विविध कोर्सों के बारे में जानकारी पाना चाहते हैं या सुझाव देना चाहते हैं तो हमें संपर्क करें info@artoflivingyoga.in

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