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  1. रीता सिंह- साहस की आवाज़

    “दिसंबर 11, 2005, पूर्बी चंपारण डिस्ट्रिक्ट, बिटाउना गाँव-  लगभग शाम के 7:00 बजे, करीब-करीब 50- 60  नक्सलवादी (एक मॉउईस्ट कम्युनिस्ट दल, भारत में आतंकी संगठन गैरकानूनी गतिविधि कार्य के अंतर्गत (निवारण) घोषित किया गया), पुरुष व महिला दोनों ने, मेरे सामने म ...
  2. दीपाली पटेल परस्पर लड़ने वाली जनजातियों का एकीकरण करती हुई परिवर्तन की राजदूत बन गयीं

    गृह युद्ध, विभिन्न समूहों के झगड़ों एवं कमजोर स्वास्थ्य सेवाएं अफ्रीकी  महाद्वीप के इस देश, आइवरी कोस्ट की बहुत लम्बे समय से चली आ रही समस्या थी | जब दीपाली पटेल, आर्ट ऑफ लिविंग की संकाय के रूप में, स्वयंसेवकों की एक छोटी सी टीम के साथ क्षेत्र की समस्याओं ...
  3. शबरी: पहली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को विद्यादान

    भारत के उत्तर पूर्व के खूबसूरत गाँव बुनियादी ढांचे की कमी, अनुचित विकास और उग्रवाद के कारण कई चुनौतियों से तबाह हो गए हैं। शबरी जी ने 46 आदिवासी स्कूलों के निर्माण और सञ्चालन के माध्यम से उत्तर पूर्व में शिक्षा में क्रांति की, जिनमें से अधिकांश पहली पीढ़ी ...
  4. शबरी: पहली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को विद्यादान

    भारत के उत्तर पूर्व के खूबसूरत गाँव बुनियादी ढांचे की कमी, अनुचित विकास और उग्रवाद के कारण कई चुनौतियों से तबाह हो गए हैं। शबरी जी ने 46 आदिवासी स्कूलों के निर्माण और सञ्चालन के माध्यम से उत्तर पूर्व में शिक्षा में क्रांति की, जिनमें से अधिकांश पहली पीढ़ी ...