इन सुझावों से आप बने रहेंगे एकदम स्वस्थ और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी रहेगी हमेशा मज़बूत
स्कूलबंद हो गए हैं। बाजारों भी अब सिर्फ ज़रूरत भर के सामानों के लिए खुले हैं । कुछ देशों में आपातकालीन सेवाओं के
अलावा दूसरी सभी सेवाएं अभी रोक दी गई है। कोरोना वायरस का यह वैश्विक प्रभाव है। इस वायरस का जन्म 2019 में चीन के वुहान जिले में हुआ था। कुछ ही महीनों में यह एक पूरे विश्व में महामारी के रूप में फैल गया। इसका फैलाव इंफ्लुएंजा के ज्वर से मिलता जुलता है। आदमी खांसी तथा श्वसन नलिका से निकली बूंदों से इस वायरस के संपर्क में आता है।
कोरोना वायरस के संपर्क में आने पर, पहले लक्षण जो दिखते हैं वह है खाँसी, सर्दी और बुखार। वायरस संक्रमित व्यक्ति की थूक जहाँ लगती है, वह जगह कोरोना वायरस से संक्रमित होती है अगर कोई व्यक्ति इस जगह के संपर्क में आ जाए; तो उस पर कोरोना वायरस आक्रमण कर देते हैं-जैसे दरवाजा, रुमाल, लिफ्ट के बटन इन पर करोड़ों वायरस अगर
फैले हैं तो इन चीजों को छूने पर; वह वायरस हाथ से दूसरे व्यक्ति तक पहुँच हैं और वह व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो सकता है।
कोरोना को कैसे रोकें?
- भीड़ से दूर रहें ; अगर जाना जरूरी है तो मास्क पहनें।
- खुद की सही तरीके से स्वच्छता आपको कोरोना वायरस से दूर रखती है ।
- हाथों को वायरस रहित रखें। जब भी आप सार्वजनिक जगह में कहीं हाथ लगाते हैं तो अपने हाथों को हर बार साबुन से, अल्कोहल से, पानी से, अच्छे से धोएं।
- दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि ज्यादा से ज्यादा पानी पीयें शरीर में पानी की कमी होने पर मांसपेशियाँ सिकुड़ कर सूख जाती हैं। उस पर कोरोना वायरस का फैलाव जल्दी होता है।
- अपनी नासिका में तेल अथवा घी की बूंदे डालते रहिए। इससे नासिका में गीलापन बना रहेगा ।इससे वायरस का प्रादुर्भाव होने से बचेंगे।
- आराम करें, ताजा अन्न ग्रहण करें, हरी सब्जियाँ और फल खाए, अपनी रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाएँ।
अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति कैसे बढ़ाएं?
कुछ वनस्पतियों में तथा जड़ी बूटियों में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने की क्षमता होती है।
मनुष्य में प्राकृतिक रूप से वायरस का सामना करने की क्षमता होती है। नीचे दिए हुए वनस्पति तथा उनका सही मिश्रण; आपकी रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाते हैं ।कोरोना वायरस सहित मौसम बदलने से होने वाली छोटी-छोटी बीमारीयों की भी रोकथाम करते हैं ।
1) अमृत - यह `गिलोय' अथवा 'गुडुची' नाम से भी जाना जाता है ।अमृत, रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाता है। यह बाजार में, आसानी से उपलब्ध है। यह जड़ी बूटी और दवाइयों के रूप में मिलती है। आपको दवाई के रूप में यहाँ मिलेगी। आपकी दैनिक आहार में इसे शामिल करके, अपनी रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाएं।
2) आँवला - यह 'करौंदा' के नाम से जाना जाता है। भारतीय परंपरा और रीति-रिवाजों में इसे महत्वपूर्ण स्थान है। आँवलारस, आँवला चटनी; भारतीय रोज के खाने में प्रयोग करते हैं। च्यवनप्राश का प्रमुख घटक आँवला है। कुपोषण दूर करने के लिए तथा आहार के लिए च्यवनप्राश का प्रयोग आहार में किया जाता है। आँवला एक प्रतिऊपचायक है। विटामिन सी इसमें बड़ी मात्रा में पाया जाता है। इसलिए रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाने में आँवला गुणकारी है।
3) तुलसी - इसे बेसिल के पत्तों से भी जाना जाता है।ऊपरी और निचले श्वसनतंत्र की संक्रमित बीमारियाँ जैसे खासी,सर्दी श्वास कष्ट इत्यादि में तुलसी दवाई के रूप में बेहद असरदार है। तुलसी में वायरस रोधी गुणधर्म है। तुलसी के पत्ते सेवन किए जा सकते हैं। तुलसी के पत्ते हर्बल टी के माध्यम से भी आहार में लिए जा सकते हैं।
4) हल्दी - हल्दी एक सर्वसाधारण व्यंजन है। भारतीय रसोई घरों में यह हमेशा पाया जाता है। घर में पकाए हुए हर एक रसोई व्यंजन में हल्दी का समावेश होता है। सूजनरोधी, हल्दी कर्करोग,अल्जाइमर और ह्रदय रोग जैसे भयावह बीमारियों को प्रतिरोध करने में उपयुक्त है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी हल्दी बहुत ही सफलता पूर्वक उपयोग में लाई गई है। रोज के आहार में इसका समावेश अनिवार्य है। आप हल्दी पाउडर खरीद के दूध के साथ अथवा रोज के खाने के साथ ले सकते हैं। हल्दी की गोलियाँ भी आप खा सकते हैं।
5) काली मिर्च - यह एक मसाला है। जब हल्दी के साथ, काली मिर्च आहार में आ जाती हैं ,तो शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ किसी भी तरीके की सर्दी को जड़ से निकालने की क्षमता रखती है।कोरोना के जीवाणु पर भी यह परिणाम कारक है । हल्दी की गोलियों में काली मिर्च समाविष्ट है। फिर भी आप सिर्फ काली मिर्च की गोलियाँ अलग से लेकर उन्हें अपने आहार में प्रयोग कर सकते हैं।
6) पंचगव्य - पंचगव्य को आयुर्वेद में एक रोग प्रतिबंधक माना गया है। यह अपने शरीर में ऊर्जा का चयन बढ़ाने में मदद करता है। जिस शरीर में ऊर्जा का प्रमाण ज्यादा हो वह बीमारी से केवल जल्दी ठीक ही नहीं हो जाता है बल्कि किसी भी बीमारी की रोकथाम करने में सक्षम रहता है और अंत में ; आहार से शक्कर निकाल दीजिए; शक्कर आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति कम करता है ।
योग और प्राणायाम
रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने का और एक सरल उपाय।
योग और प्राणायाम अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक अचूक उपाय है जिसकी तरफ आज पूरी दुनिया खिंचती आ रही है। संक्रमण, मनोदैहिक बीमारियाँ, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ; इन सभी पर योग और प्राणायाम रामबाण उपाय है। कोरोना वायरस की महामारी में भी; जो लोग योगा, प्राणायाम और मेडिटेशन कर रहे हैं; उनकी रोग प्रतिरोधक शक्ति, श्वसन इंद्रियों की कार्यक्षमता औरों के मुकाबले सक्षम है। वायरस के साथ मुकाबला करने के लिए संरक्षक कवच है। सभी अपने घरों में रहकर अलग अलग से प्राणायाम कर सकते हैं। जो हमारे रोग प्रतिकार शक्ति को सक्षम करें।
- प्राणायाम : शरीर का जीवन, प्राण, चेतना है। प्राणायाम मतलब इस प्राण तथा चेतना को बढ़ावा देना। प्राण अपने आप में सक्षम है कि
शरीर को अन्य बीमारियों से बचाए या फिर उसे होने ना दें। प्राण का संचय बढ़ाने के लिए ताजे फल हरी-भरी सब्जियाँ आराम और प्राणायाम यह सभी मददगार है।
उज्जयी श्वसन – उज्जयी श्वसन, एक यौगिक श्वसन है, जो सभी प्राणायाम का सामय़िक पहलू है। इसमें गले से साँस लेने में महत्व दिया जाता है; जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन से भरी हुई हवा लेने में आसानी हो सके।
कपालभाति प्राणायाम – कपालभातिबहुत ही प्रचलित और लोकप्रिय प्राणायाम है वजन कम करने के लिए इसका महत्वपूर्ण वहाँ पर किया जाता है यह प्राणायाम शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाकर रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है जिससे बीमारियों से बचने के लिए सहायता मिलती है।
नाड़ी शोधन प्राणायाम –नाड़ी शोधन प्राणायाम तथा वैकल्पिक नासिका से श्वसन एक सीधा प्राणायाम का तरीका है; जो मन को शांत करता है । ध्यान करने में आसानी होती है। नाड़ी शोधन प्राणायाम कुछ मिनट करके 10-15 मिनट निर्देशित ध्यान करें । यह बहुत ही सीधा और सरल तरीका है । नाड़ी शोधन प्राणायाम के साथ कोई भी निर्देशित ध्यान जोड़कर करें; इससे शरीर में प्राण शक्ति बढ़ती है।
- योग : योगासन एक तरह से शरीर को शारीरिक तंदुरुस्त बनाता है। लेकिन शरीर की लवचिकता बढ़ाने में या वजन घटाने में इनकी मदद नहीं मिलती है। रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए आप नीचे दी गई पांच योगासन नियमित रूप से करें ।1) कटिचक्रासन 2) त्रिकोणासन 3) धनुरासन 4)सेतुबंधासन 5)नटराजासन।
- सुदर्शन क्रिया योग (SKY) : सबसे उत्तम तरीके अगर आप अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाना चाहते हैं तो वह है सुदर्शन क्रिया। इस तनावपूर्ण वातावरण में सुदर्शन क्रिया करना जरूरी है। सुदर्शन क्रिया अपने आप में एक शक्तिशाली क्रिया है । प्राणायाम योग और ध्यान इनका यह एक अद्भुत मिश्रण है। अपने शरीर के हर स्तर पर यह प्रभावशाली है। यह प्रभावशाली रूप से रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाती है। अपने शरीर के रक्षा तंत्र को प्रभावित करती है। कोरोना जैसे महामारी के इस वक्त यह बड़ी आवश्यकता है।
यह देखा गया है कि जो लोग एकदम नए रूप में सुदर्शन क्रिया पहली बार सीखकर उसे बार-बार दोहराते हैं ; उनकी रोगप्रतिकारक शक्ति केवल 15 दिनों में काफी अच्छी हो जाती है। यह अगर रोज 20 मिनट किया जाए तो यह सिर्फ आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति ही नहीं बढ़ाता है बल्कि आपको भावनात्मक तरीके से, शारीरिक, मानसिक रूप में काफी हद तक प्रभावशाली मार्ग पर लाता है। यह न सिर्फ हमें वायरस से बचाते हैं बल्कि हमारी जिंदगी अधिक सरल और प्रभावशाली बनाते हैं।
डॉ निशा मणिकांतन
फाउंडर डायरेक्टर
श्री श्री आयुर्वेद
डॉ. लोकेश लातूरी
श्री श्री तत्व
श्री रवि ओमकारी
हेड कॉरपोरेट
योग कार्यक्रम