शोध

सुदर्शन क्रिया योग ( एस के वाई ) पर शोध

आर्ट ऑफ लिविंग के श्वसन अभ्यासों की शक्ति का अन्वेषण करें
100 से अधिक स्वतंत्र अध्ययन सुदर्शन क्रिया योग पर

तनाव कम करने से लेकर बेहतर विश्राम पाने तक, इन तकनीकों ने जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित किया है,जो स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

चार देशों में हुए 100 से अधिक स्वतंत्र अध्ययनों और सहकर्मियों द्वारा समीक्षित पत्रिकाओं में छपे लेखों में, आर्ट ऑफ लिविंग के हैप्पीनेस प्रोग्राम में सिखाए जाने वाले सुदर्शन क्रिया योग का अभ्यास करने के लाभ के बारे में बताया गया है।.

शोध के परिणामों की मुख्य बातें

शोध की स्लाइड्स सुदर्शन क्रिया योग ( एस के वाई )

 

सुदर्शन क्रिया योग पर शोध - शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य लाभ

सुदर्शन क्रिया और इसके साथ किए जाने वाले श्वसन अभ्यासों को सम्मिलित रूप से एस के वाई ( सुदर्शन क्रिया योग ) कहा जाता है और आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के द्वारा यह विश्व भर में सिखाया जाता है।ऐसा पाया गया कि सुदर्शन क्रिया योग करने से मस्तिष्क,हार्मोन,प्रतिरोधक और हृदय रक्वाहिकाओं संबंधी तंत्र की कार्यप्रणाली की क्षमता में वृद्धि होती है।पत्रिकाओं में छपे शोध यह दर्शाते हैं कि सुदर्शन क्रिया योग तनाव,अवसाद,चिंता और पोस्ट ट्रौमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर ( पी एस टी डी ) में महत्वपूर्ण रूप से कमी आती है और इससे मानसिक एवम् शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।शोध यह भी दर्शाता है कि सुदर्शन क्रिया योग का प्रभाव हमारे आण्विक स्तर से लेकर डी एन ए तक पहुंचता है।

चार देशों में हुए और सहकर्मियों द्वारा समीक्षा की गई पत्रिकाओं में छपे 70 से अधिक स्वतंत्र शोध यह दर्शाते हैं कि सुदर्शन क्रिया योग का अभ्यास करने से बहुत लाभ होते हैं।

वैज्ञानिक रूप से बने दस्तावेजों और सहकर्मियों द्वारा समीक्षा की गई पत्रिकाओं में छपे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ

मानसिक स्वास्थ्य:

जीवंत मानसिक स्वास्थ्य का पुनरुद्धार और वृद्धि:

  • चिंता [1-10],अवसाद [2, 4, 8-19], पी एस टी डी लक्षणों [3, 15, 16, 20]और तनाव के स्तर [4, 6, 17, 18, 21-23]को कम करता है।
    • बहुत सारे लोगों में चिंता के स्तर में महत्वपूर्ण रूप से कमी देखी गई,जिसमें वे लोग भी शामिल थे,जिनमें 73% प्रतिक्रिया की दर और 41% गंभीर बीमारी से ठीक हो जाने की दर थी।ये वे लोग थे,जिन पर दवाईयों और मनोचिकित्सा का उपचार असफल हो गया था। [1].
    • बहुत सारे अध्ययनों ने यह दर्शाया कि जिन लोगों ने सुदर्शन क्रिया योग का अभ्यास किया,उनमें गंभीर बीमारियों से ठीक हो जाने की दर एक ही महीने में 68 - 73 % हो गई थी।
    • 4 - 6 हफ्तों में पी एस टी डी के लक्षणों में महत्वपूर्ण कमी देखी गई और वे लोग 6 महीने[15] से 1 साल तक स्थिर रहे।[3, 15]
  • आवेगशीलता और नशे की लतों में कमी [24, 25]
  • भावनात्मक विनियमन में सुधार [1, 17, 18, 26-28]
  • आशावाद के स्तर,स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि [4, 5, 15, 18, 28-30]

मस्तिष्क की क्रियाशीलता में वृद्धि: [13, 14, 22, 31]

  • मन के केंद्रित होने / उच्च स्तर की सजगता में वृद्धि [31]
  • तनाव पूर्ण उत्तेजनाओं से तीव्र राहत [22]

नींद की गुणवत्ता में सुधार:[32]

  • नींद की गहरी विश्राम अवस्था (चरण III और IV) में वृद्धि

शारीरिक स्वास्थ्य:

बायोकेमिकल स्तर में वृद्धि:

  • तनाव के बायोकेमिकल मार्कर में कमी: कॉर्टिसोल [2, 33, 34], कॉर्टिकॉट्रोफिन [2] ब्लड लैक्टेट [35],ए सी टी एच [2], और प्लाज़्मा मेलनडाईएल्डिहाईड (एम डी ए) [2, 36, 37]
    • उदाहरण के लिए, पुलिस कैडेट्स में ब्लड लैक्टेट का स्तर उनके उन सहपाठियों की अपेक्षा चार गुना अधिक था,जिन्होंने सुदर्शन क्रिया योग का अभ्यास किया था।सुदर्शन क्रिया योग का अभ्यास करने वालों में तनाव आदि की स्थिति में संभलने की क्षमता अधिक देखी गई।
    • तनावपूर्ण शारीरिक प्रतिक्रिया हमारे प्रतिरोधक तंत्र,हृदय एवम् रक्तवाहिकाओं संबंधी तंत्र, अंतः स्त्रावी तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।इसके स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ते हैं। [16].
  • स्वास्थ्य के बायो मार्करों में वृद्धि[38]
    • अभ्यास के सबसे पहले सत्र से ही अवसादग्रस्त मरीजों में स्वास्थ्यवर्धक हार्मोन प्रोलैक्टिन के स्राव में 50% की वृद्धि।
  • एंटी ऑक्सीडेंट एंजाइम ( ग्लूटाथियोन, कैटेलेज और सुपर ऑक्साइड डिसम्यूटेज ) के स्तर में वृद्धि [6, 35, 39]
    • एंटी ऑक्सीडेंट हमारी बहुत सारी बीमारियों और तेज़ी से बूढ़े होने की प्रक्रिया में हमारी रक्षा करते हैं।

    प्रतिरोधक तंत्र की क्रियाशीलता में वृद्धि:

    • स्वस्थ लोगों में प्रतिरोधक कोशिका की संख्या में सुधार। [21, 25]
      • न्यूट्रोफिल,लिम्फोसाइट्स और प्लेटलेट संख्या में तीन हफ्तों में प्रत्यक्ष सुधार। [21]
    • 12 हफ्तों में रोगियों में प्रतिरोधक कोशिकाओं की संख्या में सुधार देखा गया ( प्राकृतिक मारक कोशिकाएं ) [25]
    • जीन में तेजी से बदलाव (डीएनए के निर्माण खंड) अभिव्यक्ति [39-41]
      • सुदर्शन क्रिया योग ने, अभ्यास शुरू करने के दो घंटे के भीतर श्वेत रक्तकोशिकाओं (हमारी प्रतिरक्षा कोशिकाओं) में जीन की अभिव्यक्ति में परिवर्तन को प्रेरित किया। यही समान अध्ययन, सुदर्शन क्रिया प्रतिभागी समूह में साधारण व्यायाम और विश्राम के अभ्यास की तुलना में, 4 गुना अधिक प्रभावशाली था।[40]
      • हमारे डीएनए में लाभकारी परिवर्तन, जो श्वेत रक्त कोशिकाओं और हमारी प्रतिरोधक कोशिकाओं के जीवनकाल को बढ़ाता है। ऑक्सीडेटिव तनाव, डीएनए क्षति, कोशिका चक्र नियंत्रण और कोशिका मृत्यु से संबंधित 11 जीनों की अभिव्यक्ति पर सुदर्शन क्रिया योग के दीर्घकालिक प्रभाव बताते हैं कि इसके दीर्घकालिक लाभ, जीन अभिव्यक्ति के नियमन में भी भागीदार हो सकते हैं|[39] .

    हृदय एवम् रक्तवाहिकाओं संबंधी तंत्र एवम् श्वसन तंत्र की क्रियाशीलता को बढ़ाता है:

    • स्वस्थ लोगों और रोगियों,दोनों में धड़कन की दर को कम करता है। [42-44][6]
    • रक्तचाप में कमी
      • सुदर्शन क्रिया योग स्वस्थ लोगों और रोगियों दोनों में रक्तचाप को कम करता है। [6, 37, 42, 43]
    • कोलेस्ट्रॉल और ट्राई ग्लिसराइड (लिपिड) प्रोफ़ाइल में सुधार।[36][6, 21]
      • भोजन में कोई परिवर्तन किए बिना, 3 हफ्तों में कोलेस्ट्रॉल और ट्राई ग्लिसराइड ( लिपिड ) प्रोफ़ाइल में सुधार।[36]
    • श्वसन कार्य प्रणाली में सुधार: [3, 43-46]
      • श्वसन दर में 1 हफ्ते में 5% [3] और 12 हफ्तों में 15% [45] की कमी
      • फेफड़ों की क्षमता (vital/forced vital) में सुधार [43, 44, 46]

संक्षिप्त में, सुदर्शन क्रिया में एक चक्रीय एवम् लयबद्ध तरीके से श्वास ली जाती है,ताकि मन और शरीर को विश्राम के साथ- साथ ऊर्जा भी मिले।इसके प्रभावों का अध्ययन स्वस्थ लोगों एवम् रोगियों,दोनों पर खुले एवम् यादृच्छिक ट्रायल के आधार पर किया गया है।

अध्ययन यह दर्शाते हैं कि सुदर्शन क्रिया योग अवसाद,चिंता, पी एस टी डी और तनाव को कम करता है।इससे नशे की लतों में भी कमी आई है।यह स्वास्थ्य,आशावाद,मानसिक केंद्रीकरण की भावना को प्रभावशाली तरीके से बढ़ाता है और भावनात्मक विनिमयन में सुधार करता है।इसके अतिरिक्त,सुदर्शन क्रिया योग हृदय श्वसन संबंधी कार्य प्रणाली, एंटी ऑक्सीडेंट के स्तर और प्रतिरोधक तंत्र की कार्य प्रणाली को भी बढ़ाता है।यह अभ्यास हमारे जीन्स को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।सुदर्शन क्रिया योग का प्रभाव शरीर से लेकर डी एन ए और आण्विक स्तर से लेकर अंग तंत्र तक,प्रत्येक स्तर पर पड़ता है।साथ - साथ यह भी देखा गया कि लिखित दस्तावेजों में बहुत सारे लाभ बताए गए हैं,जिनके अनुसार सुदर्शन क्रिया योग मन और शरीर को तेज़ी से मजबूती प्रदान करने का एक प्रभावशाली उपकरण है।

उल्लेख:

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सुदर्शन क्रिया के बारे में और अधिक सीखें

जिसमें सुदर्शन क्रिया सिखाई जाती है

खंडन:

* हैप्पीनेस कार्यक्रम समग्र स्वास्थ्य,जीवन शक्ति,विश्राम और कायाकल्प के लिए है।

ऊपर दिए गए परिणाम,स्वतंत्र शोध अध्ययनों के द्वारा प्राप्त किए गए हैं,जो विशेष आवश्यकता वाले समूहों के अनुकूल बनाए गए विशेष हैप्पीनेस कार्यक्रम पर आधारित हैं।

हैप्पीनेस कार्यक्रम को चिकित्सीय लक्षणों के उपचार या उनसे उबरने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है।यदि आपको लगता कि आपको उपचार की जरूरत है है,तो आप यह कार्यक्रम करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।

संकलित लेख
चिंता एवम् अवसाद के लिए योग

हार्वर्ड विश्व विद्यालय के हैल्थ पब्लिकेशन ने चिंता,तनाव,अवसाद एवम् स्वास्थ्य पर सुदर्शन क्रिया के प्रभाव का वर्णन करते हुए कहा है , "यह अवसाद से छुटकारा दिलाने का वादा करती है।"

Describes Sudarshan Kriya’s effects on anxiety, stress, depression, and overall health, saying it "shows promise in providing relief for depression".

"सरल श्वसन तकनीक,जो आपकी चिंता को ४४% तक कम कर सकती है।"

प्रिवेंशन मैग्जीन के द्वारा किए गए अध्ययन में यह श्वसन तकनीक लोगों की चिंता को ना केवल ४४% तक कम करती है,बल्कि यह स्थिति 6 महीने तक बनी रहती है।

साथ ही साथ "अवसाद,भय,दूसरों से शत्रुता रखने की भावना में 45% की कमी आई।और बहुत सारे लोगों में नींद बेहतर हुई,आत्म सजगता में सुधार हुआ और कुछ थोड़े से लोगों ने पी एम एस के लक्षणों में सुधार को रिपोर्ट किया।"

यह छोटा सा एनिमेटेड वीडियो रिसर्च के बारे में बताता है:

  • आप मन को शांत करने के लिए बल प्रयोग क्यों नहीं कर सकते हैं?

  • तनाव किस प्रकार से मस्तिष्क को प्रभावित करता है?

  • हमारी श्वास एवम् भावनाओं के बीच गहरा संबंध।

  • तनाव,केंद्रीकरण,अवसाद एवम् अन्य कई स्थितियों में सुदर्शन क्रिया से लाभ।

 
द ट्रुथ अबाउट मेमोरी लॉस

हाल ही में मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर आर्ट ऑफ लिविंग के श्वसन अभ्यासों के प्रभाव पर एक डॉक्यमेंट्री बनी थी,जिसका नाम था, “Tद ट्रुथ अबाउट मेमोरी लॉस: रिड्यूसिंग,रिपेयरिंग एंड रिवर्सिंग द साइंस ऑफ अल्जीमर एंड डिमेंशिया।”.

यह फिल्म महामारी के विषय में कुछ महत्वपूर्ण विज्ञान का उद्घाटन करती है,जिसने 40% सभी बेबी बूमर्स ( 40 मिलियन अमेरिकी )को प्रभावित किया।इसमें यह भी बताया गया है कि आर्ट ऑफ लिविंग के श्वसन अभ्यास किस प्रकार से मस्तिष्क के स्वास्थ्य में वृद्धि करते हैं और अलजीमर्स एवम् डिमेंशिया के 6 में से 5 बहुत बड़े जोखिम भरे कारकों को कम करते हैं।.