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  1. शिव स्वंय अपने पुत्र को कैसे नहीं पहचान सके? | How Shiva Did Not Recognize His Own Son?

    पुराणों में बहुत सी असाधारण एवं अविश्वसनीय घटनाएँ उल्लिखित हैं। परंतु इन घटनाओं का अभिप्राय बच्चों की कहानियों की तरह से नहीं लगाना चाहिए। इन घटनाओं व कहानियों में प्रयुक्त भाषा शेक्सपीयर के नाटकों में प्रयुक्त भाषा की तरह है जिसमें बहुत से गूढ़ार्थ निहित ...
  2. राम का अर्थ है, मेरे भीतर प्रकाश, मेरे हृदय में प्रकाश

    राम का अर्थ है ‘प्रकाश’। किरण एवं आभा (कांति) जैसे शब्दों के मूल में राम है। ‘रा’ का अर्थ है आभा और ‘म’ का अर्थ है मैं; मेरा और मैं स्वयं। राम का अर्थ है मेरे भीतर प्रकाश, मेरे ह्रदय में प्रकाश। निश्चय ही ‘राम’ ईश्वर का नाम है, जो इस धरती पर 7560 ईसा पूर् ...
  3. श्रीमद्‍ भगवत गीता और आतंकवाद | Bhagavad Gita and Terrorism in Hindi

    आतंकवादी डरपोक होते हैं। जब भी विश्व के किसी भी भाग में आतंकवाद की कोई घटना होती है, तब हम सब लोगों से यही सुनते हैं कि यह एक कायरता का कार्य है। एक डरपोक व्यक्ति कार्य से तो भाग जाता है लेकिन अपने मन में नकारात्मक भावनाओं को भरे रहता है और चोरी-छिपे ऐसे ...