दिवाली 2023 : दिवाली का महत्व

दिवाली आने वाली है और भारत समेत पूरी दुनिया में बसे भारतीय दिवाली की तैयारियों में जोर शोर से जुटे हुए हैं| इस वर्ष 12 नवम्बर को दिवाली मनाई जाएगी। आइये जानते हैं गुरुदेव के शब्दों में दिवाली का महत्त्व -

दिवाली का महत्व

आज प्रकाश का त्यौहार है। दिवाली का मतलब है प्रकाश का त्यौहार। आप में से हर कोई अपने आप में एक प्रकाश है। यह त्यौहार सारे भारत, नेपाल, सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मॉरीशस, सूरीनाम, त्रिनिदाद और दक्षिण अफ्रीका में मनाया जाता है। लोग एक दूसरे को दिवाली की शुभ कामनाएं देते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं। दिवाली के समय हम अतीत के सारे दुःख भूल जाते हैं। जो कुछ भी दिमाग में भरा पड़ा हो, आप पटाखे चलाते हो और सब भूल जाते हो। पटाखों की तरह अतीत भी चला जाता है,सब जल जाता है और मन नया बन जाता है। यही दिवाली है।
एक मोमबत्ती पर्याप्त नहीं है।

हर किसी को खुश और प्रकाशित होना होगा। हर किसी को खुश और बुद्धिमान होना होगा। बुद्धिमता का प्रकाश प्रज्वलित हो चुका है। रोशनी को ज्ञान का द्योतक मानते हुए हम ज्ञान रूपी प्रकाश करते है, और आज उत्सव मनाते हैं। आप क्या कहते हो?

 

दीपावली ज्ञान रूपी प्रकाश द्वारा अज्ञान रूपी अंधकार को समाप्त करने का उत्सव है। आईये! दीपावली में सुदर्शन क्रिया का ज्ञान रूपी दीपक जलायें और स्वास्थ्य, आनंद एवं समृद्धि पायें।

साइन अप करें: https://www.artofliving.org/in-hi/online-meditation-breath-workshop

 

अतीत को जाने दो, भूल जाओ

अतीत को जाने दो, भूल जाओ। जीवन का उत्सव बुद्धिमता से मनाओ। बुद्धिमता के बिना वास्तव में उत्सव नहीं मनाया जा सकता। बुद्धिमता यह जान लेना है कि ईश्वर मेरे साथ है। आज के दिन हम सब के पास जो भी सम्पति है उसे देखो। याद रखो आप के पास बहुत सारी सम्पति है और पूर्णता महसूस करो। नहीं तो मन हमेशा कमी में ही रहेगा, "ओह यह नहीं है.... वो नहीं है, इसके लिए दुखी, उसके लिए दुखी।" कमी की ओर से प्रचुरता की ओर बढ़ो। प्राचीन पद्वति है कि अपने सामने सभी सोने चांदी के सिक्के रखे जाते हैं, आप अपनी सारी सम्पति सामने रखते हो और कहते हो, "देखो भगवान ने मुझे इतना सब दिया है। मैं बहुत आभारी हूँ।" बाईबल में कहा गया है जिनके पास है उन्हें और मिलेगा, और जिनके पास नहीं है, जो भी थोड़ा बहुत है वो भी ले लिया जायेगा। उसकी प्रचुरता महसूस करो। तब आपको पता चलेगा आपको बहुत दिया गया है।

तब हम लक्ष्मी पूजा करते हैं। धन और एश्वर्य की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, और गणेश - चेतना का आवेग जो हमारे रास्ते के सारे विघ्न हर लेते है - यह जप आज के दिन किया जाता है।

दौलत हमारे भीतर है

यूरोप में 27 राष्ट्र हैं। हम हर राष्ट्र के लिए एक दिया जलाएंगे। तब हम कुछ देर के लिए ध्यान करेंगे। जब हम ध्यान करते हैं हम सार्वभौमिक आत्मा को अपनी प्रचुरता के लिए धन्यवाद देते हैं। हम और ज्यादा के लिए भी प्रार्थना करतें हैं ताकि हम और ज्यादा सेवा कर सकें। सोना चांदी केवल एक बाहिरी प्रतीक है। दौलत हमारे भीतर है। भीतर में बहुत सारा प्रेम, शांति और आनंद है। इससे ज़्यादा दौलत आपको और क्या चाहिए? बुद्धिमत्ता ही वास्तविक धन है। आप का चरित्र, आपकी शांति और आत्म विश्वास आपकी वास्तविक दौलत है। जब आप ईश्वर के साथ जुड़ कर आगे बढ़ते हो तो इससे बड़कर कोई और दौलत नहीं है। यह शाही विचार तभी आता है जब आप ईश्वर और अनंतता के साथ जुड़ जाते हो। जब लहर यह याद रखती है कि वह समुद्र के साथ जुड़ी हुई है और समुद्र का हिस्सा है तो विशाल शक्ति मिलती है।

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने यह दिवाली सन्देश दिया था।

दीपावली ज्ञान रूपी प्रकाश द्वारा अज्ञान रूपी अंधकार को समाप्त करने का उत्सव है। आईये! दीपावली में सुदर्शन क्रिया का ज्ञान रूपी दीपक जलायें और स्वास्थ्य, आनंद एवं समृद्धि पायें।

साइन अप करें: https://www.artofliving.org/in-hi/online-meditation-breath-workshop

 
Founded in 1981 by Sri Sri Ravi Shankar,The Art of Living is an educational and humanitarian movement engaged in stress-management and service initiatives.Read More