बिहार, जो एक बाढ़ संभावित राज्य है, ने अभी हाल ही में गत कुछ दशकों में आई सबसे भयंकर और विनाशकारी बाढ़ का सामना किया है, जिसमें 300 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, 19 जिलों के 1 करोड़ 71 लाख से अधिक लोग बेघर हुए और उनकी संपत्ति और जमीन जायदाद को व्यापक नुकसान पहुँचा।
आर्ट ऑफ लिविंग के स्वयंसेवकों ने तुरंत कार्यवाही करते हुए मोर्चा संभाला और बाढ़ पीड़ित परिवारों तक राहत सामग्री पहुंचाना आरम्भ कर दिया। बाढ़ ग्रस्त गाँवों में अधिकतर मकान पानी में डूब गए थे और लोग स्वयं को बचाने के लिए अपने निकट के ऊंचे स्थानों पर एकत्रित हो गए थे। आर्ट ऑफ लिविंग स्वयंसेवकों की टोलियों ने अनेक स्थानों पर सबसे पहले वहाँ पहुँच कर लोगों तक राहत पहुचाई।
राहत कार्य
अब तक आर्ट ऑफ लिविंग ने सरस्वान गाँव में 4,000 सुंदरपुर खाप गाँव में 1,400 दीप महुवाही गाँव में 700 तथा पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों के सैंकड़ों परिवारों तक राहत पहुँचाने का कार्य किया है। अभी तक सूखे खाद्य पदार्थों और तैयार भोजन के 20,000 से अधिक पैकेट बाढ़ ग्रस्त परिवारों को बाँटे जा चुके हैं। पीड़ित लोगों तक पीने का पानी, वस्त्र, दवाइयाँ और तिरपालें भी पहुँचाई गई।
बिहार तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में निम्नलिखित स्थानों समेत, अन्य कई क्षेत्रों में भी राहत कार्य तीव्र गति से पहुंचाए गई:
- बासपुर पिपरा
- बहुर्वा
- पडरौना
- अररिया बारवा
- चाटमी, असुरारी
- मेघौली
- हरपूर्वा
- पिंपरिया
- मुजफ्फरपुर
- मोतिहारी
- अररिया
- कटिहार
- प्रून
- बेथरवा
गोरखपुर की मेयर सुश्री अंजू चौधरी तथा क्षेत्र के मंत्रियों, जिनमें डा० धर्मेंद्र सिंह, कनक हरि प्रसाद, तथा मनोज अग्निहोत्री भी शामिल हैं, ने भी आर्ट ऑफ लिविंग के साथ मिल कर राहत पहुँचाने में सहयोग किया है।
राहत पहुँचाने के कार्य के अतिरिक्त, आर्ट ऑफ लिविंग प्रभावित क्षेत्रों में आघात राहत प्रोग्राम भी चलाया। हमारी टीम बाढ़ का पानी उतरने के पश्चात सामान्यतः होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरीन की गोलियाँ तथा सामान्य उपयोग की दवाएँ बाँटने जैसी बाढ़ के बाद की गतिविधियों को चलाने की योजना पर भी काम किया है।
एक जीवन का पुनर्निर्माण करने में सहयोग करें
इस आपदा से प्रभावित लोगों तक खाद्य पदार्थ, आश्रय, दवाएँ, तथा आघात राहत सामग्री के रूप में हमारा सहयोग कर सकते हैं।