गदग : जहाँ जूट में बुनें जाते हैं सपने

कभी-कभी, दुनिया को बदलने के लिए छोटे-छोटे उपायों की आवश्यकता होती है। कर्नाटक का एक छोटा सा गाँव  जूट में सपने बुनकर सशक्तिकरण की एक निःशब्द कहानी आलेखित कर रहा है। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने दिसंबर 2010 में गदग शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर कोप्पला में बहादुर बद्दी में जूट के थैले  बनाने की एक इकाई शुरू की। एक महीने के अंतराल में, इसने 30 से अधिक महिलाओं जिनमे स्कूल से खारिज किए हुए बच्चे भी शामिल हैं उनके जीवन को पहले ही रूपांतरित कर  दिया है।

काले रंग की सलवार कमीज पहने बारह वर्षीय अफरोज़ा अपने नए सीखे हुए कौशल के बारे में उत्साह से चहकती हुई बातें करती है, जिसने उसके  जीवन में एक नया, समृद्ध आयाम जोड़ा है। एक शर्मीली और डरपोक सी लड़की जिसने स्कूल जाना छोड़ दिया था, वह अब एक आत्मविश्वासी, उत्साही किशोरी के रूप में तब्दील  हो गई है। "मैं अब बहुत खुश हूँ," वह दृढ़तापूर्वक कहती  है। “चार भाई-बहनों में सबसे छोटा होने के नाते, मैंने अपनी सातवीं कक्षा के बाद स्कूल जारी नहीं रखा  लेकिन जैसा कि मैं अपने जीवन में बदलाव लाना चाहती थी, मैं बैग बनाने वाली कक्षा में शामिल हो गई। और मैंने कभी भी इतना बेहतर महसूस नहीं किया।"

उसके माता-पिता को उस पर बहुत गर्व है। जैसे ही हम उस  विशाल कक्ष  में प्रवेश करते हैं जहाँ महिलाएँ काम करती हैं, सबसे पहली चीज़ जो हमारी नज़र में आती है, वह है फ़्रेम में लगी हुई  श्री श्री रविशंकर जी की एक तस्वीर, उन्ही का  संगठन महिला सशक्तिकरण परियोजना का नेतृत्व कर रहा है।

अफरोज़ा उनके प्रति स्वयं को ऋणी महसूस करती है। “उनके शिक्षक हमें प्रशिक्षित करने के लिए यहाँ आए थे। अगर वे हमारे लिए लिए नहीं आए होते, तो मैं इतना कुछ नहीं सीख पाती।"

चारों ओर महिलाओं के अंतः अनुसंधान  से लेकर  सफल और उत्कृष्ट होने तक के  देदीप्यमान उदाहरण हैं। साफ-सुथरे ढंग से रंग किए गए कमरे में चार सिलाई मशीनें और जूट के बैग ध्यानपूर्वक क्रमबद्ध तरीके से एक के ऊपर एक जमा कर रखे गए हैं। विविध रंगों के बैग सम्पूर्ण वृत्तांत बताते हैं।

आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन कुछ समय से उत्तरी कर्नाटक के गाँवों में काम कर रहा है। जॉयस प्रकाश, प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर, डिवाइन कर्नाटक प्रोजेक्ट साझा करते हैं  “जब हम इस गांव में आए तो हमें लगा कि यहां की महिलाओं के लिए कुछ करें । इस प्रकार जूट बैग सिलाई की एक  इकाई शुरू करने का विचार आया । बैंगलोर इकाई से एक शिक्षक को बुलाया गया और जल्द ही केंद्र सीखने के इच्छुक युवा उत्साही लोगों से भर गया। उन्हें एक महीने के लिए प्रशिक्षित किया गया और उन्होंने टिफिन कैरियर, लगेज बैग, मोबाइल होल्डर, बटुआ पर्स, स्कूल बैग से लेकर फैशनेबल कॉलेज बैग तक विभिन्न प्रकार के जूट बैग बनाना शुरू कर दिया।

इस जगह को 40 वर्षीय लक्ष्मी ने मुफ़्त में कार्य करने के लिए उपलब्ध कराया, जो स्वयं इस खूबसूरत यात्रा का हिस्सा बनकर बेहद खुश हैं। कार्यरत नवोदित उद्यमियों में से एक, जिसे लक्ष्मी के नाम से भी जानते  हैं, अपने आप में एक प्रेरक कथा  है। बचपन में पोलियो की चपेट में आने के बाद उनमें जीने की इच्छा खत्म हो गई थी। उनके भाई ने उन्हें द आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम से परिचित कराया जो उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ बना । उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आया। उसकी इच्छाशक्ति ही नहीं, उसका उत्साह भी नए जोश के साथ वापस लौट आया। वह याद करते हुए कहती  हैं, "सुदर्शन क्रिया के नियमित अभ्यास के बाद मैंने  अपने आप में काफी अंतर देखा।"

अपने भाई द्वारा प्रेरित किए जाने पर, लक्ष्मी ने बैग बनाने वाली कक्षा में नामांकन  करवाया। इस काम के प्रति उसकी विशिष्ट योग्यता को पहचानते हुए, शिक्षक ने उसे सिखाने  के लिए नियुक्त करने का फैसला किया। आज, सिलाई इकाई की एक शिक्षिका के रूप में, लक्ष्मी एक प्रेरणास्त्रोत हैं, जिन्हें नए युग के उद्यमी आदर से  देखते हैं। जीवन के अपने नए रूप में, उनका मानना ​​है कि जीवन उनके लिए बड़ा अनुग्रहकारी रहा है और वह  अपने कौशल को अधिक से अधिक लोगों के साथ साझा करने के लिए इच्छुक हैं।

जब हम विदा होने लगे , उन्होंने हमें प्रेम का प्रतीक स्वरूप  जूट का एक छोटा बैग दिया। जैसे ही मैं उस जगह की ओर  अंतिम दृष्‍टि डालने के लिए पीछे मुड़कर देखती हूँ जो हर दिन एक नया किस्सा बुनती  है, तो मेरे कान में छोटे अफरोज़ा के शब्द गूंजते हैं, "मेरी इच्छा एक शिक्षक बनने और इस कौशल को अधिक से अधिक लोगों को सिखाने की है। मुझे पता है कि मैं भी कुछ फर्क ला सकती हूँ।"

छोटी सी लकड़ी का बंगला जो  किसी चलते राहगीर की दूसरी झलक पाने में असफल हो जाए पर  यह कोई साधारण घर नहीं है। यहीं से सपने बुने जा रहे हैं।

शिखा ग्रोवर द्वारा लिखित। वह आर्ट ऑफ लिविंग की पूर्णकालिक स्वयंसेविका हैं। एक उत्साही पाठक, लेखक, उनको उन क्षेत्रों की  यात्रा करना और  खोज करना पसंद  है जो भारत के  गौरवमय वैभव  में सुंदर अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। वह आर्ट ऑफ लिविंग की प्रशिक्षिका भी हैं।