हैप्पीनेस क्या है?
हैप्पीनेस क्या है और जीवन में क्यों जरूरी है? यह और कुछ नहीं, खुशी, मन की एक अवस्था है - जब आप खुश रहते हैं, हंसते और मुस्कुराते हैं, इसका आपकी सेहत पर सकारात्मक असर होता है। आप जितना खुश रहेंगे, तनाव आपसे कोसों दूर रहेगा। उदास, टेंशन या चिंता से घिरे रहेंगे, तो कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से परेशान रहेंगे। लगातार उदास और चिंता में घिरे रहने से आपको अवसाद यानी डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। तो हम खुश होते कैसे हैं? जवाब है- हमारे शरीर में स्थित कुछ हॉर्मोन की वजह से।
खुशी का रसायन या हैप्पी हॉर्मोन चार प्रकार के होते हैं, डोपामाइन, सेरोटोनिन, ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिंस। इन चारों हॉर्मोन के अलग-अलग कार्य है, जिनके नियमित और संतुलित स्राव से आप ख़ुश रहते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूर है।
डोपामाइन क्या है?
आईये जाने की डोपामाइन क्या है और क्या करता है?
डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क में अन्य तंत्रिका कोशिकाओं को संकेत भेजने के लिए न्यूरॉन्स (तंत्रिका कोशिकाओं) द्वारा स्रावित रसायन के रूप में कार्य करता है। डोपामाइन की कमी से मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जैसे अवसाद या एहेडोनिया (खुशी महसूस करने में असमर्थता), प्रेरणा की कमी, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, स्मृति सम्बंधित समस्याएं, चिंता और थकान।
डोपामाइन भी एक हार्मोन के रूप में रक्तप्रवाह में जारी किया जाता है। एक हार्मोन के रूप में, डोपामाइन कई शारीरिक प्रक्रियाओं जैसे रक्तचाप नियंत्रण और प्रतिरक्षा प्रणाली में अपनी भूमिका निभाता है।
डोपामाइन हार्मोन का कार्य क्या है?
डोपामाइन हार्मोन का कार्य खुशी, संतुष्टि और प्रेरणा महसूस कराने के साथ संबंधित होता है। सेरोटोनिन भी एक हार्मोन है जो हमारे मूड को नियंत्रित रखता है एवं समय-समय पर खुशी को महसूस कराने में मदद करता है। डोपामाइन मस्तिष्क में बनने वाला एक न्यूरोट्रांसमीटर है। मूल रूप से, यह न्यूरॉन्स के बीच एक केमिकल मैसेंजर के रूप में काम करता है। डोपामाइन दिमाग में तब रिलीज होता है, जब आपका मस्तिष्क एक इनाम की उम्मीद कर रहा होता है।
जब आप किसी निश्चित एक्टिविटी को आनंद मान लेते हैं, तो डोपामाइन का स्तर बढ़ाने के लिए सिर्फ उस एक्टिविटी को करने की आवश्यकता होती है। ये कुछ भी हो सकता है, कोई खास भोजन, शॉपिंग या कोई भी अन्य चीज जिसे करने में आपको आनंद मिलता है।
डोपामाइन और सेरोटोनिन की कमी से कई मनोरोग हो सकते हैं, जिसमें मुख्यतः उत्सुकता की कमी, अप्रसन्नता, प्रतिस्पर्धा की भावना, समस्याएं समाधान करने में कठिनाई, प्रतिक्रिया की कमी, प्रतिक्रिया की अल्पता, प्रतिक्रिया में देरी, अत्यधिक संकोच आदि हैं ।
डोपामाइन की कमी के लक्षण प्रत्यक्ष होते है, जैसे :
• आपकी ड्राइव और प्रेरणा में कमी होना।
• थकावट।
• ध्यान केंद्रित करने के लिए संघर्ष करना।
• चिंतित या चिड़चिड़े होना।
• पहले के सुखद अनुभव अब आपको खुश नहीं करते।
• ज्यादा यौन इच्छा न होना।
• आपकी नींद बाधित होना, इत्यादि।
सेरोटोनिन क्या है?
सेरोटोनिन एक तरह का रसायन है, जो दिमाग में पाया जाता है। यह रसायन अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन से बना होता है। इस अमीनो एसिड को आप डाइट के जरिए भी ग्रहण कर सकते हैं। यह नट्स, पनीर और अलसी के बीज जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। जब शरीर में ट्रिप्टोफैन की कमी होने लगती है, तो सेरोटोनिन का लेवल कम हो जाता है। इसी के कारण आप चिंता, अवसाद, तनाव ग्रस्त रहने लगते हैं।
सेरोटोनिन को ‘फील गुड या हैप्पी हार्मोन’ भी कहा जाता है। सेरोटोटिन आपके मूड, भूख, नींद, सीखने की टेंडेंसी और याददाश्त संबंधी कार्यों को नियंत्रित करता है। यह एक न्यूरोट्रांसमिटर है जो मन की स्थिति को संतुलित करता है। इसे “हैप्पी हॉर्मोन” कहा जाता है क्योंकि यह मन की स्थिति को संतुलित करता है और मनुष्य को सुखी महसूस कराता है। सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने के कुछ उपाय हैं, जैसे कि प्रकृति में समय बिताना, प्राणायाम, ध्यान, समय पर प्रतिक्रिया इत्यादि।
व्यायाम करने से आपके शरीर में सेरोटोनिन बढ़ता है, जिससे आपका मूड अच्छा रहता है। व्यायाम तनाव दूर करने का सबसे अच्छा तरीका होता है। धूप भी सेरोटोनिन बढ़ाती है। अनेक रिसर्च के अनुसार धूप में कुछ देर टहलने या समय बिताने से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है और नींद अच्छी आती है।
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डोपामाइन और सेरोटोनिन - कितने समान, कितने भिन्न
डोपामाइन और सेरोटोनिन दोनों ही न्यूरोट्रांसमीटर होते हैं। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो हमें अच्छा या खुश महसूस कराता है। जबकि डोपामाइन या प्रेरणा अणु, ध्यान, प्रेरणा और लक्ष्य-निर्देशित व्यवहार के लिए महत्वपूर्ण है। इन दोनो न्यूरोट्रांसमीटर का इस्तेमाल शरीर के विभिन्न हिस्सों में और भावनात्मक रूप से अच्छा महसूस कराने में सिग्नल भेजने के लिए किया जाता है, लेकिन उनके बीच कुछ अंतर हैं।
डोपामाइन शरीर के मूवमेंट्स और को-ऑर्डिनेशन को नियंत्रित करने वाले सिग्नल्स को स्थानांतरित करता है और यह मस्तिष्क के आनंद देने वाले और रिवॉर्ड सेक्शन में भी काम करता है। डोपामाइन के स्तर में बढ़ोतरी ड्रग्स लेने और जुए में उलझने का कारण भी हो सकता है।डोपामाइन के स्तर में अचानक वृद्धि से नशे की लत हो सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- सेरोटोनिन क्या है?
सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो खुशी के हार्मोन के रूप में जाना जाता है। यह रसायन मस्तिष्क द्वारा निर्मित किया जाता है और भावनात्मक स्थिति को नियंत्रित करता है। इसका स्तर कम होने से मन में उदासी, थकान, सुस्ती, अवसाद, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, सोते समय परेशानी, समय सम्बंधित परेशानी, प्रतिस्पर्धा में कमजोरी, संबंधों में परेशानी, खुशी महसूस करने में परेशानी आदि।
- डोपामाइन क्या है?
डोपामाइन न्यूरोट्रांसमिटर होता है। डोपामाइन हार्मोन का कार्य न्यूरॉन्स के बीच संदेश भेजने का होता है। यह संदेश, ध्यान, उत्साह, प्रतिस्पर्धा और बेहतर मूड को नियंत्रित करने में मदद करता है। डोपामाइन की कमी से हो सकता है आपको नींद ना आये, आपका मूड खराब हो सकता है, आपको मनोविज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं, आपको प्रतिस्पर्धा के प्रति कम रुचि हो सकती है।
- डोपामाइन की कमी के लक्षण बताएं।
डोपामाइन की कमी से उत्पन्न होने वाले लक्षण विभिन्न होते हैं। कुछ सामान्य लक्षण हैं: चिंता, थकान, कम सेक्स ड्राइव, उदासी और निराश महसूस करना, संतुलन में कमी, मांसपेशियों में कठोरता, सामान्य से धीमी गति से बोलना या बढ़ना, कब्ज़, कम ऊर्जा और धीरज में कमी।
- खुशी का रसायन क्या है?
खुशी का रसायन एक अवस्था है जो आपके मस्तिष्क में उत्पन्न होती है। यह अवस्था आपके मन को संतुष्ट करती है।
- हैप्पी हॉर्मोन कैसे बढ़ाएं?
हैप्पी हॉर्मोन को बढ़ाने के लिए आप निम्नलिखित चीजों का पालन करें:
- व्यायाम करें
- समय पर नींद लें
- समय पर खाना खाएं
- समय पर पानी पिएं
- मस्तिष्क को सक्रिय रखने के लिए मनोरंजन करें