'कफ' जड़ शब्द 'स्लिश' में से आता है जिसका अर्थ है बांधना या एक साथ रखना। इसमें पृथ्वी और जल के तत्व शामिल हैं और, यह शरीर की कोशिकाओं को एक साथ रखने के लिए गोंद प्रदान करता है।
अष्टांग हृदयँ सूत्रस्थान में कफ का इस प्रकार वर्णन किया गया है, "स्निग्धः सितो गुरुरमंडः स्लक्सनो म्रतस्नः स्थिरः कफः ।।" जिसका अर्थ है कि कफ तैलीय, ठंडे, भारी, धीरे, शांत, लसदार और स्थिर होते हैं।
शारीरिक और मानसिक स्थिरता और शक्ति, दोनों ही कफ दोष द्वारा नियंत्रित होती हैं। शरीर की संरचनात्मक अखंडता (एक विशिष्ट रूप या आकार को बनाए रखने के लिए सामंजस्य), रोग प्रतिरोधक क्षमता, शरीर के तरल पदार्थों का रखरखाव, प्रेम, करुणा, क्षमा, धैर्य, निष्ठा जैसी भावनाओं का बढ़ना, सब इसी के कारण है।
कफ असंतुलन के लक्षण
शारीरिक
- अत्यधिक बलगम
- धीमे/सुस्त मल त्याग
- शरीर का वजन बढ़ना
- जीभ पर मोटी सफेद परत
- साइनस संकुलन (जमाव)
- उदास उपापचय
- ताकत का कम होना
- धमनियों में वसा का जमा होना
- बलगम वाले दस्त
- प्री-डायबिटीज
- ज़ुकाम/खांसी/बहती नाक
- परागज ज्वर
- ठंडे पसीने
- ज्यादा पेशाब आना
- अत्यधिक कान का मैल
- तैलीय त्वचा एवं बाल
- स्वाद और गंध की खराब भावना
व्यवहारिक
- सुस्ती/उंघाई
- सुबह उठने में मुश्किल/अत्यधिक सोना
- हक जमाना
- हठ करना
- भावुक अत्याहार
- लालच
- अवसाद
- अज्ञान/जड़ता
- माया
बहुत कम, पर कफ दोष का परिणाम शुष्क श्वसन प्रणाली; पेट में जलन हो सकता है।
कफ असंतुलन के प्रभाव :
शारीरिक
- थ्रोम्बस के साथ वैरिकाज - वेंस
- गंभीर रूप से बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल
- उदासीनता
- बेहोशी
- मधुमेह
- एनोरेक्सिया नर्वोसा
- फुलाव या सूजन
- अत्यन्त अल्पतनाव (हाइपोटोनिया)
- आंख का रोग (ग्लोकोमा)
- पित्ताशय की पथरी
व्यवहारिक
- मल में रक्त
- हाइपरग्लेसेमिया
- फेफड़ों या अंडाशय के सिस्टिक फाइब्रोसिस
- क्रोनिक साइनस इन्फेक्शन
- कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर
- ल्यूकेमिया
- उच्च रक्तचाप
- लिपोसारकोमा
- अतिवृद्धि (ह्य्परर्ट्रोफी)
- तिल्ली और/या यकृत का बढ़ना
कफ असंतुलन का कारण क्या होता है ?
- कफ बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना (दूध और दूध से बनी चीजें, वसायुक्त और तैलीय भोजन, ठंडे पेय, जमे हुए यानी फ्रोज़न और अत्यधिक नमकीन भोजन, मिठाईयां, अत्यधिक मीठे और अत्यधिक खट्टे फल)
- ज्यादा खा लेना, भारी भोजन करना
- ठंडे और नम जलवायु में बहुत अधिक समय बिताना
- शारीरिक गतिविधि की कमी/दिन के समय सोना
कफ दोष को संतुलित करें :
कफ शांत करने वाला आहार खाना (कड़वा, कसैला, तीखे स्वाद वाला खाना)। खाद्य पदार्थ जो समग्र खाने को सीमित मात्रा में रखते हुए खाने पर मन को फिर से जीवंत कर सकें, पत्तेदार साग, सब्जियां, कसैले और सूखने वाले फल, जैसे सेब, खुमानी, आड़ू और आम। कफ दोष के लिए सबसे उपयुक्त स्वीटनर कच्चा शहद है।
- जल्दी सोये जल्दी जागे
- नियमित शारीरिक गतिविधि, जोरदार व्यायाम दिनचर्या (जॉगिंग, साइकिल चलाना और अन्य रोमांचक क्रियाएं)
- आत्मनिरीक्षण गतिविधियां भी शामिल हों (लेख लिखना, गृह व्यवस्था, ध्यान करना इत्यादि)
- खुद को गर्माहट में और सूखा रखना
- तिल का गर्म तेल लेकर नियमित रूप से तेल की मालिश (अभ्यंगा) करें
- जीवंत संगीत का अनुभव लें, हंसमुख संगति में रहें
• योग करें
- सूर्य नमस्कार
- अर्ध चंद्रासन
- परिव्रत उत्कटासन
- वीरभद्रासन 2
- त्रिकोणासन
- वृक्षासन
- धनुरासन
- शीर्षासन
- पूर्वोतानासन
- शवासन
- योगिक श्वास
• जड़ी बूटियाँ
- त्रिफला
- व्याघ्रयादि
- कांचनार गुग्गुलु
- लवंगादि वटी
- निशामलकी
- अमृत