सहफसली खेती से सुधर रही मिट्टी की सेहत (Soil Conservation in Hindi)

कम समय में कई फसलें लेकर किसान (farmer) कमा रहे बेहतर मुनाफा


मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)। मिट्टी की उर्वरा शक्ति (soil fertility) और उत्पादन (production) में चोली-दामन का संबंध है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति (soil fertility) के अनुसार ही उसकी उत्पादन क्षमता प्रभवित होती है। अगर खेतों में सहफसली कृषि की जाए तो मिट्टी की सेहत (soil fertility) के साथ-साथ उत्पादन भी बेहतर हो जाता है। इसका प्रमाण दिया है हीरापुर निवासी विषभान सिंह ने। 


कम पढ़ा-लिखा होने के बावजूद यह किसान (farmer) धरती मां के भंडार को अच्छी तरह समझता है। इसकी बदौलत उसने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन फसलें एक साथ ली हैं। इसमें गन्ना एक वर्षीय खेती 8 फीट पर है। बाकी सहफसली के रूप में थीं चना (chana), मसूर (masur) और सरसों (mustard)। यह समझी हुई और सफल तकनीक है, जो आचार्य बालकृष्ण ने किसानों (farmers) को वर्ष 2014 में प्राकृतिक खेती शिविर में सिखाई थी। तब से गांव के करीब 15 किसान (farmer) इसी तरीके से खेती कर रहे हैं। इस विधि में लागत शून्य है। साथ में सहफसली खेती से हर 3 माह में पैसा बोनस के रूप में मिलता है। आज यह किसान चना (chana) और मसूर (masur) के बाद मक्का (corn) और सब्जी (vegetables) की खेती कर रहे हैं। ऐसे में कह सकते हैं कि सहफसली खेती किसान (farmer) को मुनाफा देती है। साथ ही कृषि भूमि के लिए टाॅनिक के तौर पर काम करती है।


----- कुछ अन्य फायदे -----


खेत में नाइट्रोजन व कार्बन का समायोजन
अगर सहफसली खेती की जाए और मौसम के हिसाब से चलें तो ये खेती बेहतर परिणाम देती है, क्योकि इस तरह से कार्बन और नाइट्रोजन जमीन के अन्दर प्राकृतिक ढंग से जाता है और बढ़िया परिणाम दिखाता है। 
कम पानी की जरूरत
अगर प्राकृतिक विधि से खेती की जाये तो कम पानी की जरूरत होती है। ऐसा इस किसान (farmer) का मानना है।
समय पर आमदनी
सहफसली खेती सबसे ज्यादा फायदेमंद है। इस तरह खेती करने में पैसा जल्दी मिलता है, जिससे आर्थिक तंगी कभी नहीं होती और स्वयं का संतुलन नहीं खराब होता। 


और भी हो रहे हैं प्रेरित


हीरापुर के किसान (farmer) विषभान सिंह कहते हैं कि आजकल आमतौर पर कहा जाता है कि कृषि घाटे का सौदा है। किंतु सहफसली तकनीक अपनाने के बाद यह कहने की नौबत नहीं आएगी कि कृषि घाटे का व्यवसाय है। इस तरह से पैदावार ज्यादा होने के साथ ही मिट्टी (soil) और आय दोनों का ही संतुलन बना रहता है। ऐसे में खेती की यह तकनीक किसानों (farmers) को ज्यादा प्रेरित कर रही है। वह इस खेती को 2014 के मार्च महीने से कर रहे हैं। विषभान सिंह कहते हैं कि उनके लिए यह खेती भगवान के उपहार की तरह है, क्योंकि इस विधि से लागत शून्य आती है और हर साल उत्पादन बेहतर होता जा रहा है। उन्होंने सभी किसान (farmer) भाइयों से अनुरोध किया है कि रासायनिक खादों से बचें और अपनी धरती माता को भी बचाएं।

सेवा टाइम्स की और से संलग्न कर्ता:सेवा टाइम्स ग्रूप

 

अगले लेख

  1. ‘भारत निर्माण’ की पहल से शराब की 5 दुकाने बंद (Bharat Nirman Yojana)
  2. चिकमंगलूर में ग्रामवासियों हेतु प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन (Medical camps in Chikmangalore,Karnataka)
  3. अग्निकांड से पीड़ित गांव में किया राहत कार्य (Rehab camp in Gorakhpur)
  4. सूखा प्रभावित देऊलगांव को मिला पानी (Water conservation in Maharashtra)
  5. डिब्रूगढ़ कैदियों को ‘प्रिज़न स्मार्ट’ से मिली रोजगार की राह ( Rehab programs in Dibrugarh prison)
  6. राजस्थान के नाथद्वार में हुई पक्षियों की वापसी (Bird conservation project in Rajasthan)
  7. विश्व रिकार्ड ने बदला जीवन: धनगरी ढोल वादकों के प्रेरक अनुभव !! (Stories of people who play Dhangari Dhol)
  8. ... और यूं सेवा बन गई ट्रेन्ड (Seva train project)
  9. प्रोजेक्ट उड़ान बना रहा है 11000 यौनकर्मियों के जीवन को आसान !! (Udaan project in West Bengal)
  10. गुरुजी के जन्मदिन पर 2567 यूनिट रक्तदान (Blood donation camps)
  11. 272 गांवों पर मंडराता जल संकट होगा खत्म (Kumudavati river rejuvenation project)
  12. युवाओं को स्वावलम्बी बना रहा श्री श्री कौशल विकास केन्द्र अम्बिकापुर (Skill training center in Ambikapur)
  13. अब ग्रामीणों को मिल रहा स्वस्थ जीवन (Clean drinking water project)
  14. बिजली से महरूम इलाकों में भी बच्चे हो रहे हाई-टेक (Electrification project)
  15. लवंग गांव में शुरू हुआ श्री श्री शिव उद्योग समूह (Rural development project in Solapur)
  16. पश्चिम बंगाल का पन्डरी बना देश का पहला सौर ग्राम (Solar powered village in West Bengal)

-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

सेवा टाइम्स भारतभर में आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा की जा रही मासिक गतिविधियां प्रस्तुत करने को समर्पित एक समाचार सेवा हे। पूरे भारत के गाँवों व शहरों में स्वयंसेवकों द्वारा की गई सेवाओं के जरिये समाज में जो बदलाव लाया जा रहा हैए उसका सेवा टाइम्स संलेख करता है।

किसी भी सेवा प्रोजेक्ट में अपना योगदान देने हेतु या जानकारी पाने हेतु संपर्क करे -

दूरभाष (फोन) - 080-67433615

इ मेल - sevareports@yltp.org

----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------