दीपस्तंभ ग्राम पंचायत प्रोजेक्ट

अवलोकन 

नवंबर 2017 में झारखण्ड सरकार द्वारा, पंचायती राज विभाग के अंतर्गत आर्ट ऑफ़ लिविंग के व्यक्ति विकास केंद्र ट्रस्ट, भारत के सहयोग से यूथ लीडरशिप कार्यक्रम पक्ष द्वारा झारखंड के 60 ग्राम पंचायतों में सुशासन मापदंडों और सामाजिक आर्थिक सशक्तीकरण की मुहिम शुरु की गई। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य चुनिंदा 60 ग्राम पंचायतों में ऐसे सुशासन की नींव तैयार करना था जो हर स्तर पर अनुकरणीय हो और सभी पंचायतों के  लिए दीपस्तंभ (beacon gram panchayats (GP)) (लगभग 350 राजस्व गांव) बन सके और 3.5 लाख की जनता इस योजना से प्रभावित हो सकें । दीपस्तंभ ग्राम पंचायत पहल के माध्यम से ग्रामीण समुदायों के लिए सामाजिक  आर्थिक सशक्तीकरण के लिए अच्छे शासन व्यवस्था द्वारा जमीनी स्तर पर बदलाव लाना ज़रूरी था। ये प्रोजेक्ट झारखंड के 7 जिलों जिनमें रांची, बोकारो, सराईकेला खरसावां, पलामू , चतरा ,पूर्व सिंघभूम, और खुन्ती में फैलाया गया। ये प्रोजेक्ट नवंबर 2017 से मार्च 2019 तक चला।

ये प्रोजेक्ट, पंचायतों और पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के सशक्तीकरण के लिए झारखंड सरकार और सभ्य समाज के बीच के तालमेल का बेहतरीन उदाहरण है। 

The project has been a good example of partnership between the civil society and the Government of Jharkhand, for empowering Panchayats and representatives of the Panchayati Raj Institutions (PRIs).

क्यूं शुरु हुआ?

भारत में पंचायती राज मॉडल आधार स्तर के शासन पर ज़ोर देता है जो की अभी जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। स्थानीय लोगों की जरूरतों का पंचायती राज के चयनित प्रतिनिधियों द्वारा निर्णय लिया जाता है की, कौन से राजकीय कार्यक्रम किस पंचायत में लागू होंगे। चयनित प्रतिनिधि सामुदायिक भागीदारी और सूत्रिकरण की व्यवस्था को भी ग्रामीण विकास को मद्देनज़र रखते हुए सुनिश्चित करते हैं। ये ज़रूरी है कि चयनित प्रतिनिधि अपने अनिवार्य कार्यों का निर्वाहन ग्रामीड़ विकास के लिए कर सकें। 

एक युवा राज्य होने के नाते, चयनित प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है। दीपस्तंभ (beacon) ग्राम पंचायत प्रोजक्ट के द्वारा हमने जन प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण को लक्ष्य किया। हमने समुदायों को भी संगठित किया जिससे वो अपना योगदान पंचायती राज  मॉडल को सफल बनाने में दे सकें। 

प्रोजेक्ट के लक्ष्य

ये प्रोजेक्ट सुशासन व्यवस्था, समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त और नागरिकों के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है। 

1. सुशासन 

चयनित प्रतिनिधियों के ज्ञान और कौशल को उन्नत करना ताकि , उनके ज्ञान और कौशल का जिम्मेदारियों को निभाने में उचित काम में लाया जा सके। 

समुदायों के हितधारकों को संवेदनशील बनाना जिससे की वो स्वीकार्यता के साथ पंचायती राज को इस हद तक बढ़ावा दे सकें की स्थानीय सरकार विकास में  अपनी सम्मिलित भागीदारी दे सके।

स्थानिय निर्णय लेने में, ग्राम सभा (जो की प्रमुख महत्ता रखती है पंचायती राज प्रणाली में) की कार्य पद्धति को बेहतर बनाना। 

ग्रामीण पंचायत स्तर पर समुदाय की हिस्सेदारी को सशक्त करना जिससे कि ग्राम पंचायत के चयनित प्रतिनिधियों और बाकी पदाधिकारियों को स्थानीय ग्रामीण स्वयं शासन चलाने में मजबूती मिले।

समुदाय को सरकार की नीतियों और योजनाओं के प्रति संवेदनशील बनाना ,जिससे कि ज्यादा से ज़्यादा लाभ हो सके।

ग्रामीण युवाओं (जो की परिवर्तन की नीवं हैं) को उत्साहवर्धन द्वारा गांव को  आत्मनिर्भर और जीवंतता प्रदान करने में उनकी सहभागिता लेना।

2. आर्थिक सशक्तीकरण

उद्द्यमीता और कौशल शिक्षा के द्वारा आजीविका को बढ़ावा देना।

महिलाओं को सामजिक आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाना।

ठोस आर्थिक अवसरों की उपलब्धि सुनिश्चित करना जिससे की गरीब समुदायों को आजीविका चलाने में लाभ मिल सके। 

3. नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाना

मानविक गुणों और विविधता में एकता के भाव को ध्यान में रखते हुए न्यायसंगत, सही और अपराध मुक्त समाज का निर्माण।

मादक द्रव्यों और शराब के सेवन के बुरे परिणामों के बारे में जागरुकता फैलाना।

योग, आयुर्वेद, स्वदेशी पशु पालन और जैविक खेती के तरीकों को बढ़ावा देना। 

पर्यावरण संरक्षण के बारे मे जानकारी ।

स्वच्छता विषय की उचित जानकारी और साफ सफाई की धारणा में सुधार।

उपलब्धियाँ 

ग्राम सभाओं की शुरुआत में , प्रशिक्षण में पंचायती राज की व्यापक भागीदारी और संस्थागत प्रक्रियाओं में ग्राम पंचायत और समुदायों का स्थानीय सरकारी शासन में सहभागिता मुख्य उपलब्धियाँ हैं। हमारे द्वारा प्रशिक्षित पदाधिकारीयों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी उपर लिखित सभी उपलब्धियों को हासिल करने में। 

चयनित प्रतिनिधियों को नौ प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया, पंचायत पदाधिकारी, आत्म आश्रित समूह, चयनित महिला प्रतिनिधि और पंचायत स्वयंसेवी को समुदायों को सामाजिक आर्थिक रूप से उत्साहित और सशक्त बनाने की दिशा में काम किया गया। कार्यक्रमों  में भागीदारी लेने वाले लोगों  की  निम्नलिखित संख्या इस प्रकार है- 

154 पंचायत स्वयंसेवी 

594 पंचायत स्तर के विभागों के पदाधिकारी

280 चयनित महिला प्रतिनिधि

616 ग्राम पंचायत स्थायी समिति सदस्य

737 आत्म आश्रित समूह के सदस्य

413 ग्राम पंचायत कार्यपालक समिति सदस्य नगदीरहीत लेन देन के लिए।

प्रशंसापत्र /विवरण

पंचायत प्रशिक्षण के कारण गांव में सामंजस्य को बढ़ावा 

“ दीप्स्तंभ ग्राम पंचायत प्रशिक्षण की मदद से मुझे   आत्मविश्वास में बढ़ावा मिला और पंचायत और उसकी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी मिली।प्रशिक्षण के साथ साथ सभी सदस्य, जिसमें की वार्ड सदस्य और पंचायत स्वयंसेवी भी शामिल थे को पंचायत के कार्य और उसके संचालन के बारे में समझ बढी। साथ ही साथ उन्होने गांव के लोगों के साथ नवीन  समझ के साथ काम भी किया। इस सबके कारण गांव में सामंजस्य बढ़ा। आपसी मतभेद कम हुए और अगर कभी आपसी मतभेद हो भी जाये तो पंचायत उसे सम्हालने में सक्षम है। केवल वोही मामले कोर्ट या पुलिस चौकी पहुंचते हैं जिनके सम्हलने की गुंजाइश ना के बराबर है।“

सुनीला देवी, मुखिया

भन्द्रो पंचायत , झारखंड

आत्म आश्रित समूह द्वारा कुकुरमुत्ता (मशरुम) की खेती में प्रशिक्षण और फिनायल का निर्माण

“दीप स्तंभ ग्राम पंचायत प्रशिक्षण के दौरान, हम्ने कुकुरमुत्ता की खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। पिछली बार हममें से एक ने इसकी खेती की, ये सिर्फ परिवार भर के लिए ही था। ये खाने में अच्छा था। तो इस बार हममें से 7 से 8 लोगों ने  एक्षात्ब उगाया। हमने एक ही घर के  4 कमरों में इसकी खेती की , ये सोचते हुए कि 200 पॉकेट कुकुरमुत्ता की फसल हो जायेगी। हम उसके सूखने के बाद उसे बेचने की कोशिश करेंगे क्यूंकि उससे अच्छा मुनाफा मिलता है। हममें से कुछ लोगों को फिनायल बनाने का भी प्रशिक्षण दिया गया। 1 लीटर यौगिक रासायनिक से 18-20 लीटर फिनाएल बनाया जा सकता है। फिलहाल, हम इसे अपने इस्तेमाल के लिए ही बना रहे हैं , और ज्यादा  से ज़्यादा अपने मित्रों और रिश्तेदारों को देने भर का उत्पाद कर रहे हैं। इससे हमारे महीने के फिनाएल पर होने वाला खर्चा बच गया/रहा है।"