योग के बारे में (yoga)

योग द्वारा सांस की दुर्गन्ध से कैसे छुटकारा पाया जाए | Beat that bad breath with yoga

साँस में दुर्गन्ध को चिकित्सकीय भाषा में हालिटोसिस भी कहते है। यह एक ऐसी चिकित्सीय दुविधा है जिससे आप असहज महसूस करते हैं। हालांकि सबको यह लगता है की श्वास में दुर्गन्ध का कारण केवल दांत साफ़ न करना है, परन्तु यह पूर्ण सत्य नहीं है।

साँस में दुर्गन्ध के अनेक कारण हो सकते हैं जैसे अनियमित खान-पान की आदत, अनुचित पाचन शक्ति, कम पानी पीना और भोजन का प्रकार। अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि आमतौर पर शुष्क मुख वाले व्यक्तियों में साँस में दुर्गन्ध होने की प्रवृत्ति ज़्यादा पायी जाती है।

धूम्रपान तथा मदिरा सेवन भी आपकी साँसों में दुर्गन्ध पैदा करता है। जीभ पर जमा सफ़ेद पदार्थ भी जीवाणुओं के लिए घर का काम करता है जिससे आपकी साँस में दुर्गन्ध आती है।

मौखिक स्वच्छता को निश्चित रूप से प्राथमिकता देनी चाहिए, परन्तु फिर भी आप देखेंगे कि आपके हर उपाय के बाद भी साँस में दुर्गन्ध वापस आ जाती है। ऐसे में आपको योग को विकल्प के रूप में अवश्य देखना चाहिए। यद्यपि योग को एक शारीरिक व्यायाम के रूप में माना जाता है तथापि यह साँस में दुर्गन्ध जैसी समस्या को भी दूर करने में मदद करता है। यह हमारे मस्तिष्क को शांत रखने तथा तनाव को काम करने में भी सहायता करता है।

कुछ आसन जो आपको सांस की दुर्गन्ध कम करने में सहायता करते हैं

  1. कपाल भाती प्राणायाम | Kapalbhati Pranayama
  2. योग मुद्रा | Yoga Mudras
  3. शीतकारी प्राणायाम (ठंडी सांस)
  4. शीतली प्राणायाम (ठंडी सांस)
  5. शंखा प्रक्षालन
  6. पद्म साधना
  7. सिंहासन (शेर मुद्रा - Lion pose)

कपालभाती प्राणायाम

रीढ़ की हड्डी को सीधा कर के बैठिये। अपने हाथों को घुटनों पर रखिये, हथेली आकाश की तरफ खुली रखिये और साँस अंदर लीजिये। अब आप साँस बाहर छोड़ें और अपने पेट को अंदर की तरफ खींचिए। अब आप जैसे ही अपने पेट और नाभि को शिथिल छोड़ेंगे, साँस स्वाभाविक रूप से आपके फेफड़ों में वापस स्वचालित हो जाएगी। इस क्रिया को २० बार दोहराइए।

योग मुद्रा

पद्मासन या सुखासन में बैठ जाइए। अपनी आँखों को बंद करते हुए अपने शरीर को आगे की तरफ झुकाइये जब तक कि आपका माथा ज़मीन को न छू ले। इस अवस्था में कुछ देर आराम कीजिये और फिर प्रारंभिक स्थिति में लौट जाइए। इस क्रिया को ५ - १० बार दोहराइए।

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शीतकारी प्राणायाम |ठंडी सांस प्राणायाम

शीतकारी प्राणायाम (ठंडी सांस)

मुंह खोलिए, अपने दांतों को भींचिये और जीभ को दाँतो की तरफ दबाइए। साँस लीजिये। अपना मुँह बंद कीजिये और सामान्य रूप से नाक से साँस बाहर छोड़िये। इस क्रिया को ५ से १० बार दोहराइए : बायीं तरफ से साँस लीजिये और दांयी तरफ से छोड़िये।

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शीतली प्राणायाम |ठंडी सांस

शीतली प्राणायाम (ठंडी सांस)

अपनी जीभ को बाहर निकालिये और जीभ के दोनों किनारों को ऊपर उठाते हुए जीभ के बीच में ले जाइए। मुँह से अन्दर साँस लीजिये, साँस को रोकिये तथा धीरे धीरे नाक से छोड़िये। इस क्रिया को ५ से १० बार दोहराइए।

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सिंहासन | शेर मुद्रा |Lion pose

योग मैट पर घुटने टेक कर बैठ जाइए और अपने दाहिने पैर को बाएं कूल्हे के नीचे रखिये और ऐसे ही बांए पैर को दायें कूल्हे के नीचे रखिये। अपने हाथ घुटनो पर रखिये, उँगलियों को फैलाइये और आगे की तरफ झुकिये। अपने हाथों को सीधा रखते हुए शरीर का वज़न अपने हाथों पर रखें। आँखें पूरी तरह खुली होनी चाहिएं और चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव होना चाहिए। आपका ध्यान नाक की नोक पर या भौंहो के केंद्र में होना चाहिए।

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शंखा प्रक्षालन

विषहरण की यह तकनीक श्री श्री योग के दूसरे स्तर में सीखिये।

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पद्म साधना

यह साधना डी.एस.एन.और एडवांस कार्यक्रम में सिखाई जाती है। आप पद्मसाधना का यूट्यूब वीडियो देख सकते है।

मौखिक स्वच्छता के लिए कुछ सुझाव:

  1. रोज़ाना प्राकृतिक दन्त मंजन से अपने दांतों को दो बार साफ़ करें। आप सुदन्ता टूथपेस्ट इस्तेमाल कर सकते है।
  2. जीभ पर जमे अवसाद को साफ़ करने के लिए टंग क्लीनर का प्रयोग करें।
  3. प्रत्येक भोजन के बाद अपना मुँह साफ़ करने के लिए कुल्ला करें।
  4. खूब सारा पानी पियें।
  5. मदिरा व तम्बाखू का सेवन न करें।
  6. भोजन की मात्रा को कम करें व भोजन को ठीक से चबाएं।
  7. खाने में अत्यधिक लहसुन तथा प्याज के प्रयोग से बचें।
  8. जंक फ़ूड खाने से बचें।
  9. योग का अभ्यास निरन्तर करें।

अत्यधिक व्यस्त तनावपूर्ण जीवनशैली आपके शारीरिक संतुलन को बिगाड़ देती है और आपके जीवन में अनेक समस्याओं को निमंत्रण देती है जैसे साँस में दुर्गन्ध, अनिद्रा और सिर दर्द। श्री श्री योग इन समस्याओं को समाप्त कर आपको इनसे मुक्त कर देता है। उपरोक्त सुझावों को अपने जीवन में शामिल कर आपको बहुत-सी स्वास्थ्य समस्याओं पर काबू पाने में मदद मिलेगी और जीवन के सभी क्षेत्रों में आपकी क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। अपने जीवन में योग का एक अंश जोड़िये और इस से आपका जीवन सुखमय हो जाएगा तथा बिना किसी संकोच या शर्मिंदगी के आप राहत की साँस लेते हुए अपने जीवन का आनंद प्राप्त कर सकेंगे।

श्री श्री योग दो दिन के लिए १० घंटे प्रतिदिन चलने वाला कार्यक्रम है, जिससे शारीरिक दर्द और तनाव कम करने में सहायता मिलती है। यह कोर्स अच्छे से प्रशिक्षित योग शिक्षिकों के द्वारा सिखाया जाता है। वे आपके जीवनशैली और अव्यशक्ताओं के हिसाब से आपके लिए योग का एक रूटीन भी बना सकते हैं। यह कोर्स उन लोगो के लिए है जो योग करना आरम्भ करना चाहते हैं। आप इस कोर्स में सीखे गए योगासन अपने घर पर भी आराम से कर सकते हैं। 

क्या आप किसी शारीरिक बीमारी के कारण पिछड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं? क्या भावनाएं आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन को प्रभावित कर रही हैं? योग आपकी जावनशैली में न्यूनतम परिवर्तन करके समस्याओं को स्वाभाविक रूप से हल करने में कैसे सहयोग करता है, यह जानने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म को भरें।

योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर

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