कोणासन करने में जितना आसान है, शरीर के लिए उत्तना ही लाभकारक भी है।
कोणासन 2 कैसे करे? | How to do Konasana 2

- पैरो के बीच में 2 फ़ीट का अंतर रखें। दोनों पैर पर बराबर भार संतुलित करे।
- श्वास लेते हुए दोनों हाथों को फैलाते हुए सिर के ऊपर ले जाये और हथेलियों को जोड़ें। उंगलियो को आपस में जोड़ कर गुम्बदनुमा अवस्था में हाथो को रखें। ध्यान रहे कि हाथ कान से छूते हुए जाये।
- श्वास बाहर छोड़ते हुए दाहिने ओर झुकें। यह ध्यान दे की हाथ कोहनियो से मुड़े नहीं। ज़मीन पर पैर से दबाव बनाएँ रखें| श्रोणि बहिने और रहे।
- इस स्थिति में बने रहे। शरीर में झुकते हुए खिंचाव बनाये रहे। इस स्थिति में रहते हुए गहरी श्वास ले और छोड़े।
- श्वास लेते हुए पुनः सामान्य स्थिति में खड़े हो।
- श्वास छोडते हुए दोनों हाथ नीचे लाये।
- बाये ओर यही प्रक्रिया दोहराये।
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कोणासन 2 के लाभ। Benefits of the Konasana 2
- शारीर के दोनों ओर और मेरुरज्जु में खिंचाव उत्पन करता हैं।
- हाथ,पैर और पेट के अंगो को व्यवस्थित करता हैं।
<<कटिचक्रासन (Standing Spinal Twist) कोणासन (The Angle Pose)>>
यद्यपि योगाभ्यास शरीर और मन के लिए बहुत फ़ायदेमंद है, फिर भी इसे दवा के बदले आजमाना उचित नही है। योगासनों का अभ्यास आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और श्री श्री योग (Sri Sri Yoga) के प्रशिक्षक की निगरानी में ही करना सर्वथा लाभप्रद होगा। अगर कोई शारीरिक या मानसिक खामी हो, तो वैद्यकीय सलाह और आर्ट ऑफ लिविंग योग के प्रशिक्षक की अनुमति के पश्चात ही योगाभ्यास करें। श्री श्री योग कोर्स आपके नज़दीकी आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र में आप सीखसकते हैं। अगर आप विविध कोर्सों के बारे में जानकारी पाना चाहते हैं या सुझाव देना चाहते हैं तो हमें संपर्क करें info@artoflivingyoga.in





















































