योग के बारे में (yoga)

कुछ महत्वपूर्ण योगासन और उनका वर्गीकरण

योग सिर्फ एक शारीरिक अभ्यास नहीं है, यह गूढ़ता पूर्ण भावनात्मक एकीकरण एवम आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है, जिससे हमें सभी कल्पनाओं से परे स्थित आयाम की एक झलक मिलतीहै।"~ श्री श्री रवि शंकर

योग एक पूर्ण विज्ञान हैI यह शरीर, मन, आत्मा और ब्रह्मांड को एकजुट करती हैIयह हर व्यक्ति को शांति और आनंद प्रदान करता हैI यह एक व्यक्ति के व्यवहार, विचारों और रवैये में भी महत्वपूर्णपरिवर्तन लाता है। योग के दैनिक अभ्यास से हमारी अंतः शांति, संवेदनशीलता, अंतर्ज्ञान और जागरूकता बढ़ती है।

योगासन क्या है? 

हमारा मन एक लोलक की तरह है; जो की भूत से भविष्य, अफसोस और गुस्से से चिंता, एवम् डर और ख़ुशी से दुख के बीच में झूलते रहता हैI योग आसन हमें जीवन में समता बनाए रखने में सक्षमबनाते है। योग आसन मात्र कसरत या अभ्यास नहीं है।

जैसे पतंजलि के योग सूत्र में वर्णित है - "स्थिरम सुख़म आसनम" का अर्थ है की योगासन प्रयास और विश्राम का संतुलन है I हम आसन में आने के लिए प्रयास करते हैं और फिर हम वहीं विश्रामकरते हैं। योगासन हमारे जीवन के हर पहलू में संतुलन लाती है। यह हमें प्रयास करने के लिए सिखाता है और फिर समर्पण, परिणाम से मुक्त होने का ज्ञान देता है। योगासन हमारे शारीरिकलचीलेपन को बढ़ाता है और हमारे विचारों को विकसित करता है।

अब ध्यान करना है बहुत आसान ! आज ही सीखें !

 

योगासन साँसों के लय एवम् सजगता के साथ किया जाना चाहिए। जब हम अपने हाथों को योग के लिए उठाते हैं, तो पहले हम अपने हाथ के प्रति सजग होते हैं और फिर हम इसे धीरे-धीरे उठाते हैं, साँस के साथ लय में करते हैं। योगासन के एक मुद्रा से दुसरे मुद्रा में जाना एक नृत्य की तरह सुंदर है। प्रत्येक आसन में हम जो कुछ भी सहजता से कर सकते है, उससे थोड़ा ज्यादा करें और फिरउसी में आराम से विश्राम करे यही योगाभ्यास की कुंजी है । शरीर को अपनी स्वीकार्य सीमा से परे ले जाने पर ये आसन हमारे मन का विकास करतें हैं।

महर्षि पतंजलि द्वारा एक और योग सूत्र है, "प्रयत्न शैथिल्यानन्त समापत्तिभ्याम्" – जो की फिर से एक ही दर्शन को दोहराता है। प्रयास करें और समर्पित करें और ऐसा करने से हमारी जागरूकताअनन्तः को प्राप्त करती है, हमारी जागरूकता का विकास होता हैI

हिंदी नामसंस्कृत नाम
कोनासन (Konasana)कोनासन
कोनासन २ (Konasana 2)कोनासन २
कटिचक्रासन (Katichakrasana)कटिचक्रासन
हस्तपादासन (Hastapadasana)हस्तपादासन
अर्ध चक्रासन (Ardha Chakrasana)अर्ध चक्रासन
त्रिकोणासन (Trikonasana)त्रिकोणासन
वीरभद्रासन (Veerabhadrasana)वीरभद्रासना / वीरभद्रासन
पसारिता पादोत्तनासन (Parsarita Padotanasanaपसारिता पादोत्तनासन
वृक्षासन (Vrikshasana)वृक्षासन
पश्चिम नमस्कार (Paschim Namaskarasana)पश्चिम नमस्कार
गरुड़ासन (Garudasana)गरुड़ासन
कुर्सी आसन (Chair Pose - Utkatasana)उत्कटासन
जानु शीर्षासन (Janu Shirasasana)जानु शीर्षासन
पश्चिमोत्तासन (Paschimottanasana)पश्चिमोत्तासन
पूर्वत्तनासन (Poorvottanasana)पूर्वत्तनासन
वसिष्ठासन (Vasisthasana)वसिष्ठासन
अधो मुख श्वानासन (Adho Mukh swanasana)अधो मुख श्वानासन
मकर अधो मुख श्वानासन (Makara Adho Mukha Svanasana)मकर अधो मुख श्वानासन
अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)अर्ध मत्स्येन्द्रासन
तितली आसन (Butterfly - Badhakonasana)बद्धकोणासन
कमल आसन (Lotus pose - Padmasana)पद्मासना
एक पाद राज कपोटासन (Ek Pada Raja Kapotasana)एक पाद राज कपोटासन
मार्जरी आसान (Marjariasana)मार्जरी आसान
उष्ट्रासन (Ustrasana)उष्ट्रासन
शिशु आसन (Shishuasana)शिशु आसन
चक्की मंथन आसन (Chakki Chalanasana)चक्की चलानासन
धनुरासन (Dhanurasana)धनुरासन
भुजंगासन (Bhujangasana)भुजंगासन
सलम्बा भुजंगासन (Salamba Bhujangasana)सलम्बा भुजंगासन
विपरीत शलभासन (Viparita Shalbhasana)विपरीत शलभासन
शलभासन (Shalabasana)शलभासन
नौकासन (Naukasana)नौकासन
सेतु बंधासन (Setu Bandhasana)सेतु बंधासन
मत्स्यासन (Matsyasana)मत्स्यासन
पवनमुक्तासन (Pavanamuktasana)पवनमुक्तासन
सर्वांगासन (Sarvangasana)सर्वांगासन
हलासन (Halasana)हलासन
नटराजासन (Natrajasana)नटराजासन
विष्णुआसन (Vishnuasana)विष्णुआसन
शवासन (Shavasana)शवासन

योगासन (Yogasana) सीखिए और अनुभव ले: नज़दीकी योग केन्द्र से संपर्क करें 

योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर

योग कार्यशालाएं श्री श्री योग आसन . प्राणायाम . ध्यान . ज्ञान
योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर